शिक्षा (स्कूल-संस्कृत) एवं पंचायती राज विभाग मंत्री मदन दिलावर रविवार को श्रीगंगानगर के एक दिवसीय दौरे पर रहे। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान पत्रिका संवाददाता कृष्ण चौहान से शिक्षा विभाग एवं पंचायती राज विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं संपादित अंश।
प्रश्न. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की लंबित मांग पर आपका क्या विचार है? वर्तमान में इन तबादलों में क्या बाधाएं हैं, तथा इन्हें दूर करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
उत्तर. सरकार ने 28 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पदोन्नत किया है। हालांकि, उन्होंने तबादला नीति के बारे में स्पष्ट राय नहीं जताई। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास जारी हैं तथा शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि शिक्षकों के तबादले समय पर हो सकें।
प्रश्न. श्रीगंगानगर सहित प्रदेश में कई स्थानों पर एक अधिकारी के पास कई प्रभार हैं, तथा डीईओ स्तर के अधिकारी कई महीनों से स्कूलों में तैनात हैं। इसके क्या कारण हैं?
उत्तर. डीईओ स्तर के अधिकारियों की डीपीसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी। अधीनस्थ कर्मचारियों की तैनाती में किसी तरह की बाधा न आए, इसके लिए सरकार इस दिशा में तेजी से कदम उठा रही है।
प्रश्न. महात्मा गांधी विद्यालयों में प्रवेश शुरू हो गए हैं। क्या इन विद्यालयों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता की समीक्षा की जाएगी?
उत्तर. प्रवेश प्रक्रिया जारी है और जहां भी कमियां पाई गई हैं, उनमें सुधार किया जा रहा है। इन विद्यालयों की निरंतर समीक्षा की जा रही है, ताकि इनकी गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार हो। इन विद्यालयों को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, बल्कि इनका विकास और सुधार प्राथमिकता है।
प्रश्न. श्रीगंगानगर सहित प्रदेश में करीब एक हजार ऐसे विद्यालय हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 से 10 और स्टाफ की संख्या 1 से 2 है।
उत्तर. अगर कहीं पर शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात सही नहीं है, तो इसकी समीक्षा की जाएगी। जरूरत के हिसाब से सुधार किए जाएंगे, ताकि इन विद्यालयों की स्थिति सुदृढ़ हो सके और बच्चों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिल सके।
प्रश्न. पंचायती राज संस्था को मजबूत बनाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? उत्तर: लोकतंत्र का पहला स्तंभ पंचायत में वार्ड पंच होता है और इसे मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। ग्राम पंचायत की बैठक में कार्यवाही रजिस्टर में वार्ड पंच के हस्ताक्षर अनिवार्य किए जाएंगे और अंत में निष्कर्ष लिखा जाएगा। साथ ही भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरपंच, ग्राम सचिव, जूनियर इंजीनियर, सहायक अभियंता और बीडीओ की जिम्मेदारी तय की गई है।
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