7 नवंबर को 27.52 करोड़ रुपये जुटाने के लिए खुले क्यूरिस लाइफसाइंसेज आईपीओ को सब्सक्रिप्शन के पहले दिन निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला। सब्सक्रिप्शन के पहले दिन यह इश्यू 3.07 गुना सब्सक्राइब हुआ। यह इश्यू 11 नवंबर को बंद होगा और इसके शेयर 14 नवंबर को NSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होंगे।
रिटेल कैटेगरी के बजाय क्यूआईबी और एनआईआई श्रेणियों के निवेशकों ने ज्यादा उत्साह दिखाया। रिटेल कैटेगरी 0.87 गुना, एनआईआई कैटेगरी 1.19 गुना और क्यूआईबी कैटेगरी 8.34 गुना सब्सक्राइब हुईं।
क्यूरिस लाइफसाइंसेज आईपीओ जीएमपीबाजार सूत्रों के अनुसार अनलिस्टेड मार्केट में Curis Lifesciences SME IPO GMP 7.5 रुपये है जो कैप प्राइस की तुलना में 5.8 प्रतिशत अधिक है। यह इस इश्यू का उच्चतम जीएमपी भी है। जीएमपी पिछले कुछ दिनों से स्थिर बना हुआ है और फिलहाल उच्चतम स्तर पर है।
22 लाख शेयरों का पूरी तरह से फ्रेश इश्यूयह बुक-बिल्ड इश्यू पूरी तरह से एक फ्रेश इश्यू है, जिसके तहत कंपनी ने करीब 22 लाख शेयर किए हैं। प्राइस बैंड 120 से 128 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। न्यूनतम 2000 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी, यानी अपर प्राइस बैंड पर निवेश के लिए करीब 2.56 लाख रुपये की जरूरत होगी।
एंकर निवेशकों से मिला मजबूत समर्थनआईपीओ खुलने से पहले ही क्यूरिस लाइफसाइंसेज ने 7.81 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों से जुटाए। कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर्स को 6.1 लाख शेयर अपर प्राइस बैंड पर आवंटित किए। इनमें से आधे शेयरों की लॉक-इन अवधि 12 दिसंबर 2025 तक है, जबकि बाकी शेयर 10 फरवरी 2026 तक लॉक रहेंगे।
कंपनी का बिजनेस मॉडलक्यूरिस लाइफसाइंसेज फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स के विकास, निर्माण और मार्केटिंग में सक्रिय है। यह कंपनी मुख्य रूप से कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग (loan-license model) पर काम करती है, साथ ही यमन और केन्या जैसे बाजारों में अपने खुद के ब्रांड नाम से दवाइयां बेचती है।
कंपनी की प्रोडक्ट रेंज में टेबलेट, कैप्सूल्स, ओरल लिक्विड्स, एक्सटर्नल प्रिपरेशन और स्टेराइल ऑथाल्मिक ऑइंटमेंट्स शामिल हैं। इसका अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट साणंद, गुजरात में स्थित है, जो अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है। कंपनी के 100 से अधिक ग्लोबल कॉरपोरेट क्लाइंट्स हैं।
वित्तीय प्रदर्शनपिछले कुछ वर्षों में क्यूरिस लाइफसाइंसेज ने स्थिर और मजबूत ग्रोथ दिखाई है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की आय 38% बढ़कर 49.6 करोड़ रुपये हो गई, जबकि टैक्स के बाद मुनाफा 25% बढ़कर 6.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी का EBITDA 9.5 करोड़ रुपये रहा, जो 19.4% EBITDA मार्जिन और 12.4% PAT मार्जिन को दर्शाता है।
आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोगकंपनी आईपीओ से मिली राशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए करेगी। लगभग 2.4 करोड़ रुपये मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं के अपग्रेड में लगाए जाएंगे। 3.6 करोड़ रुपये नई स्टोरेज सुविधा बनाने में खर्च होंगे।
1.9 करोड़ रुपये सुरक्षित ऋणों के भुगतान में खर्च किए जाएंगे। 2.7 करोड़ रुपये विदेशी बाजारों में उत्पाद पंजीकरण के लिए और 11.25 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए रखे गए हैं। बाकी राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाएगी।
भविष्य की रणनीति और उम्मीदेंकॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और ग्लोबल फार्मा आउटसोर्सिंग की बढ़ती मांग को देखते हुए क्यूरिस लाइफसाइंसेज अपने मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेंथ और नियामक अनुमोदनों के जरिए नए बाजारों में विस्तार की योजना बना रही है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
रिटेल कैटेगरी के बजाय क्यूआईबी और एनआईआई श्रेणियों के निवेशकों ने ज्यादा उत्साह दिखाया। रिटेल कैटेगरी 0.87 गुना, एनआईआई कैटेगरी 1.19 गुना और क्यूआईबी कैटेगरी 8.34 गुना सब्सक्राइब हुईं।
क्यूरिस लाइफसाइंसेज आईपीओ जीएमपीबाजार सूत्रों के अनुसार अनलिस्टेड मार्केट में Curis Lifesciences SME IPO GMP 7.5 रुपये है जो कैप प्राइस की तुलना में 5.8 प्रतिशत अधिक है। यह इस इश्यू का उच्चतम जीएमपी भी है। जीएमपी पिछले कुछ दिनों से स्थिर बना हुआ है और फिलहाल उच्चतम स्तर पर है।
22 लाख शेयरों का पूरी तरह से फ्रेश इश्यूयह बुक-बिल्ड इश्यू पूरी तरह से एक फ्रेश इश्यू है, जिसके तहत कंपनी ने करीब 22 लाख शेयर किए हैं। प्राइस बैंड 120 से 128 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। न्यूनतम 2000 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी, यानी अपर प्राइस बैंड पर निवेश के लिए करीब 2.56 लाख रुपये की जरूरत होगी।
एंकर निवेशकों से मिला मजबूत समर्थनआईपीओ खुलने से पहले ही क्यूरिस लाइफसाइंसेज ने 7.81 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों से जुटाए। कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर्स को 6.1 लाख शेयर अपर प्राइस बैंड पर आवंटित किए। इनमें से आधे शेयरों की लॉक-इन अवधि 12 दिसंबर 2025 तक है, जबकि बाकी शेयर 10 फरवरी 2026 तक लॉक रहेंगे।
कंपनी का बिजनेस मॉडलक्यूरिस लाइफसाइंसेज फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स के विकास, निर्माण और मार्केटिंग में सक्रिय है। यह कंपनी मुख्य रूप से कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग (loan-license model) पर काम करती है, साथ ही यमन और केन्या जैसे बाजारों में अपने खुद के ब्रांड नाम से दवाइयां बेचती है।
कंपनी की प्रोडक्ट रेंज में टेबलेट, कैप्सूल्स, ओरल लिक्विड्स, एक्सटर्नल प्रिपरेशन और स्टेराइल ऑथाल्मिक ऑइंटमेंट्स शामिल हैं। इसका अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट साणंद, गुजरात में स्थित है, जो अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है। कंपनी के 100 से अधिक ग्लोबल कॉरपोरेट क्लाइंट्स हैं।
वित्तीय प्रदर्शनपिछले कुछ वर्षों में क्यूरिस लाइफसाइंसेज ने स्थिर और मजबूत ग्रोथ दिखाई है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की आय 38% बढ़कर 49.6 करोड़ रुपये हो गई, जबकि टैक्स के बाद मुनाफा 25% बढ़कर 6.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कंपनी का EBITDA 9.5 करोड़ रुपये रहा, जो 19.4% EBITDA मार्जिन और 12.4% PAT मार्जिन को दर्शाता है।
आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोगकंपनी आईपीओ से मिली राशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए करेगी। लगभग 2.4 करोड़ रुपये मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं के अपग्रेड में लगाए जाएंगे। 3.6 करोड़ रुपये नई स्टोरेज सुविधा बनाने में खर्च होंगे।
1.9 करोड़ रुपये सुरक्षित ऋणों के भुगतान में खर्च किए जाएंगे। 2.7 करोड़ रुपये विदेशी बाजारों में उत्पाद पंजीकरण के लिए और 11.25 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए रखे गए हैं। बाकी राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाएगी।
भविष्य की रणनीति और उम्मीदेंकॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और ग्लोबल फार्मा आउटसोर्सिंग की बढ़ती मांग को देखते हुए क्यूरिस लाइफसाइंसेज अपने मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेंथ और नियामक अनुमोदनों के जरिए नए बाजारों में विस्तार की योजना बना रही है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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