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बांग्लादेश की मंडी जनजाति की अनोखी परंपरा: पिता से पति बनने की कहानी

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मंडी जनजाति की अनोखी परंपरा

दुनिया भर में कई जनजातियाँ हैं जिनकी अपनी विशेष प्रथाएँ हैं। कुछ जनजातियाँ समय के साथ अपनी परंपराओं में बदलाव कर चुकी हैं, जबकि कुछ आज भी पुरानी प्रथाओं का पालन कर रही हैं। बांग्लादेश की मंडी जनजाति एक ऐसा उदाहरण है, जो दक्षिण पूर्व बांग्लादेश के जंगलों में निवास करती है। इस जनजाति में एक अनोखी परंपरा है, जिसमें एक पिता अपनी बेटी को प्यार से बड़ा करता है, लेकिन जब वह जवान होती है, तो वही पिता उसका पति बन जाता है।


पिता से पति बनने की प्रक्रिया

यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन मंडी जनजाति में यह परंपरा आज भी प्रचलित है। यहाँ, एक पुरुष कम उम्र की विधवा से विवाह करता है, और यदि उस महिला की एक बेटी है, तो यह पहले से तय होता है कि वह बेटी बड़े होकर उसी व्यक्ति से विवाह करेगी, जिसे वह बचपन में अपना पिता मानती थी।


परंपरा का तर्क image

इस परंपरा का पालन करने के लिए यह आवश्यक है कि बच्ची का पिता उसके लिए सौतेला हो। इसके पीछे तर्क यह है कि पति अपनी पत्नी और बेटी दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।


ओरोला की कहानी image

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंडी जनजाति की ओरोला ने इस परंपरा के बारे में बताया। उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनकी माँ ने नॉटेन नामक व्यक्ति से विवाह किया। जब ओरोला बड़ी हुई, तो उसे पता चला कि उसका पति वही व्यक्ति है, जिसे उसने बचपन में पिता माना था।


परंपरा का महत्व और बदलाव image

ओरोला ने बताया कि बचपन में वह अपने पिता से बहुत प्यार करती थी, लेकिन जब उसे इस परंपरा के बारे में पता चला, तो उसकी जिंदगी बदल गई। मंडी जनजाति में कई लड़कियाँ इस तरह की परंपरा का सामना कर रही हैं। हालांकि, बदलते समय के साथ, कुछ महिलाएँ अपनी बेटियों की भलाई के लिए इस परंपरा को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।


समाज में बदलाव image

हालांकि, कुछ लोग इस परंपरा को खुशी-खुशी निभा रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे समाज में बदलाव आ रहा है। यह परंपरा अब पहले जैसी महत्वपूर्ण नहीं रह गई है।


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