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सरकार का नया नियम: जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

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सरकार का नया नियम: जमीन पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं

अगर आपके पास भी कोई जमीन है जिस पर कब्जा किया गया है, तो अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार ने एक नया नियम लागू किया है जो जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।


जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

बिहार में अब अवैध कब्जा करने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करें। सुधार विभाग के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने गृह विभाग को पत्र लिखकर यह निर्देश जारी किए हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी संपत्ति पर अवैध कब्जा करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 329 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने और पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए कहा गया है।


पुलिस को सख्त निर्देश

दीपक कुमार ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि जमीन विवादों में अक्सर पुलिस की लापरवाही देखने को मिलती है। उन्होंने जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से आग्रह किया है कि वे इन मामलों को गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करें।


उन्होंने कहा कि कई बार दबंग और भू-माफिया कमजोर व्यक्तियों की संपत्ति पर कब्जा कर लेते हैं, जिससे पीड़ितों को अदालत का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे मामलों में पुलिस को खुद से कार्रवाई करनी चाहिए।


अवैध कब्जा करने वालों की गिरफ्तारी

मुख्य सचिव ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति हथियारों के बल पर जमीन पर कब्जा करता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 126 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें तीन साल के लिए बांड भरने का आदेश दिया जा सकता है।


जमीन विवादों का समाधान

दीपक कुमार ने यह भी कहा कि जिला स्तर पर साप्ताहिक बैठकों का आयोजन किया जाता है ताकि जमीन विवादों का समाधान किया जा सके। लेकिन अक्सर इन बैठकों में कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इन बैठकों को अधिक प्रभावी बनाएं ताकि जमीन विवादों का शीघ्र समाधान हो सके।


बिएनएस के तहत कार्रवाई

उन्होंने कहा कि जमीन विवादों को अन्य अपराधों की तरह गंभीरता से लेना आवश्यक है। पुलिस को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में बिएनएस की धारा 329 और भारतीय दंड संहिता की धारा 126 के तहत कार्रवाई करें। साथ ही, पीड़ित पक्ष को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।


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