बीते दिनों मेरठ में आयोजित हुई जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की रामकथा से टेंट विवाद का मामला सामने आया है. टेंट व्यापारी ने आयोजकों पर 42 लाख बकाया नहीं देने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित हुई जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की रामकथा के आयोजकों पर टेंट कारोबारी के 42 लाख रुपए नहीं देने का आरोप लगा है. टेंट व्यापारी का कहना है कि उन्हें मां लाडली नंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा टेंट का काम दिया गया था और पूरा काम 87 लाख रुपए में तय हुआ था. इस काम के मुझे अब तक सिर्फ 45 लाख रुपए मिले हैं, जबकि बकाया 42 लाख रुपए नहीं दिए जा रहे हैं. टेंट व्यापारी का आरोप है कि पैसे मांगने लाडली नंद सरस्वती जी के गार्ड बदतमीजी कर रहे हैं.
मेरठ के भामाशाह पार्क में 8 से 16 सितंबर तक स्वामी रामभद्राचार्य की श्रीराम कथा का आयोजन किया गया. अब इस आयोजन से जुड़ा एक विवाद सामने आया है, जिसमें टेंट कारोबारी ने आयोजकों पर 42 लाख रुपए भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. गाजियाबाद के टेंट कारोबारी अनुज अग्रवाल ने बताया कि 87 लाख रुपए में पंडाल तैयार करने का काम तय हुआ था. इसके बावजूद उन्हें अब सिर्फ 45 लाख रुपए ही मिले हैं.
टेंट कारोबारी ने लगाए गंभीर आरोपकारोबारी को पंडाल लगाने का काम मां लाडली नंद सरस्वती के जरिए मिला था. उन्हीं से पैसों की बात भी तय हुई थी. टेंट कारोबारी का कहना है कि बाकी के पैसे मांगने पर लाडली नंद सरस्वती के गार्ड उनके साथ बदतमीजी कर रहे हैं और वह खुद फोन नहीं उठा रही हैं. कारोबारी ने जोड़कर निवेदन किया था कि उसके पैसे दिलाए जाएं. वहीं अब इस मामले में पलटवार करते हुए मां लाडली नंद सरस्वती महाराज सामने आई है और उन्होंने अपनी सफाई पेश की है.
लाडली नंद सरस्वती महाराज ने क्या कहा?उनका कहना है कि टेंट कारोबारी ने तय मानक के अनुसार काम नहीं किया. उसने जिस तरह से काम किया है. उल्टा उस पर 27 लाख रुपए निकल रहे हैं. पैसे ना देने पड़े इसलिए टेंट व्यापारी आरोप लगा रहा है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में टेंट व्यापारी पर मानहानि का दावा करेंगी.
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