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जनजातीय परंपराएं याद दिलाती हैं कि विकास प्रकृति के सामंजस्य में होना चाहिए: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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New Delhi, 17 अक्टूबर . President द्रौपदी मुर्मू ने Friday को New Delhi में आयोजित एक समारोह में ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों, जिलों, प्रखंडों और एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसियों को पुरस्कार प्रदान किए.

इस अवसर पर President ने कहा कि यह सम्मेलन शासन को वास्तव में सहभागी, समावेशी और जनभागीदारी पर आधारित बनाने के हमारे राष्ट्रीय संकल्प को प्रतिबिंबित करता है. उन्होंने आगे कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रत्येक जनजातीय गांव को आत्मनिर्भर और गौरवशाली गांव बनाने के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया था. उन्होंने रेखांकित किया कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनजातीय समुदाय राष्ट्र की विकास यात्रा में भाग लें तथा विकास का लाभ सभी जनजातीय क्षेत्रों और लोगों तक पहुंचे. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय कार्य रूपरेखा हमारे जनजातीय लोगों के विकास और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

President ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान ग्राम सभाओं और समुदाय-नेतृत्व वाली संस्थाओं को सशक्त बनाकर जनभागीदारी की भावना को मजबूत करता है. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की सार्थक भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय नीति को प्रभावित किया जा सकता है तथा योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है.

President ने कहा कि हमारे जनजातीय समुदाय देश की सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि जनजातीय परंपराएं हमें याद दिलाती हैं कि विकास प्रकृति के सामंजस्य में होना चाहिए. President ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल के वर्षों में, Government ने जनजातीय समुदायों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. उन्होंने आगे कहा कि इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, तकनीकी कौशल और शासन में समान भागीदारी के अवसर प्रदान करना भी है.

उन्होंने कहा कि Government ने जनजातीय क्षेत्रों में अवसंरचना का तेजी से विस्तार किया है और जनजातीय युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए आवासीय विद्यालय और छात्रवृत्ति कार्यक्रम स्थापित किए गए हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कौशल विकास और स्वरोजगार योजनाओं ने पारंपरिक शिल्प, हस्तशिल्प और उद्यमिता को नई ताकत दी है. उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इन प्रयासों से न केवल आजीविका के अवसर बढ़े हैं, बल्कि जनजातीय लोगों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी मजबूत हुई है.

President ने कहा कि एक विकसित India की ओर अपनी यात्रा में, हमें यह याद रखना चाहिए कि राष्ट्र और समाज की वास्तविक प्रगति समाज के सभी वर्गों के विकास में निहित है. उन्होंने आगे कहा कि हमें एक समावेशी समाज का निर्माण करना चाहिए, जहां सभी नागरिक सार्थक रूप से भाग लें और अपने भाग्य को स्वयं आकार देने में सक्षम हों.

डीकेपी/

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