New Delhi, 11 सितंबर . नेपाल में social media प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुए युवा आंदोलन हिंसक अराजकता का रूप ले लिया. संसद भवन को आग के हवाले कर दिया गया, सरकारी संपत्ति लूटी गई, पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों पर हमले हुए और जेलों से हजारों कैदी फरार हो चुके हैं.
इस पूरे घटनाक्रम पर जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे ‘क्रांति का बदलाव’ नहीं, बल्कि ‘नियंत्रण से बाहर’ करार दिया.
उन्होंने से बातचीत करते हुए कहा, “नेपाल की हालत बेहद खराब है. वहां सरकारी संपत्ति की लूट है, संसद को आग लगा दी गई. यह क्रांति का बदलाव नहीं, शुद्ध अराजकता है.”
वहीं विपक्ष के तमाम नेताओं का कहना है कि इस तरह के हालात किसी भी देश में हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतनी चाहिए. विपक्षी नेताओं के इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि उनकी इच्छा हो सकती है कि भारत बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका की राह पर चले, लेकिन उनकी बुद्धि के लिए मैं शुद्धि की कामना करता हूं. हमें मजबूत लोकतंत्र और विकास पर फोकस करना चाहिए. नेपाल जैसी अराजकता के बारे में सोचना देशहित के खिलाफ है.
एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि मैं तीसरे स्थान पर मैच होने का विरोध नहीं कर रहा हूं. भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ और डब्ल्यूएचओ समेत कई बैठकों में एक साथ बैठे हैं.
गुजरात कांग्रेस पर केसी त्यागी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “गुजरात में पूरी कांग्रेस एक राजनीतिक दल के रूप में काम करना चाहती थी, लेकिन वह महत्वाकांक्षा मर चुकी है. गुजरात में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है. एक पॉलिटिकल पार्टी के संचालित होने की इच्छा उनकी मर चुकी है.”
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एकेएस/डीएससी
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