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पश्चिम बंगाल: एसआईआर प्रक्रिया में लापरवाही बरतने पर बीएलओ को दी गई कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

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कोलकाता, 9 नवंबर . पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में लापरवाही बरतने का मामला सामने आने के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कई ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) को चेतावनी जारी की है.

आरोप है कि कुछ बीएलओ ने निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देशों की अनदेखी करते हुए घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म बांटने के बजाय एक ही स्थान पर बैठकर वितरण किया.

इस पर सीईओ कार्यालय ने कड़ा रुख अपनाया है और साफ कहा है कि यदि किसी अधिकारी की लापरवाही साबित होती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह सख्ती ऐसे समय में आई है जब देशभर में चुनाव आयोग ने दूसरे चरण के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को लेकर कमर कस ली है. इससे पहले 27 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरे चरण की एसआईआर का औपचारिक ऐलान किया था.

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया जाएगा. इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक आपत्तियां और सुझाव दर्ज कराने की अवधि रखी गई है. फिर 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और सत्यापन की प्रक्रिया चलेगी. 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी.

चुनाव आयोग के अनुसार, इस चरण में 12 राज्यों के करीब 51 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा. इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के 15.44 करोड़ और दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल के 7.66 करोड़ मतदाता शामिल हैं.

दूसरे चरण में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, Rajasthan , पुडुचेरी, Madhya Pradesh, लक्षद्वीप, केरल, Gujarat, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार शामिल हैं, जहां एसआईआर किया जाना है.

पहले चरण में बिहार को कवर किया गया था, जहां आयोग को कोई आपत्ति नहीं मिली थी. इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार की सराहना करते हुए कहा था कि यह अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची है.

वीकेयू/वीसी

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