New Delhi, 30 अक्टूबर . विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने Thursday को कहा कि कुछ भारतीय कंपनियों को चीन से दुर्लभ मृदा चुंबकों (रेयर अर्थ मैग्नेट)के आयात के लिए लाइसेंस प्राप्त हुए हैं.
चुंबकों के आयात के लिए कम से कम तीन भारतीय कंपनियों कॉन्टिनेंटल इंडिया, हिताची और जय उशिन को प्रारंभिक Governmentी मंजूरी मिल गई है. ये कंपनियां India के ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों के लिए पुर्जे उपलब्ध कराती हैं.
अप्रैल की शुरुआत में बीजिंग द्वारा इन चुंबकों के निर्यात पर कड़े नियंत्रण लगाए जाने के बाद से यह पहली मंजूरी है. इस कदम का उद्देश्य आपूर्ति संबंधी उन समस्याओं को दूर करना है, जिनका India के प्रमुख उद्योगों पर असर पड़ा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि अमेरिका और चीन के बीच वार्ता हमारे क्षेत्र में किस प्रकार से प्रभाव डालेगी.
आयात लाइसेंस में विशिष्ट शर्तें जुड़ी हैं. आयातित चुंबकों को यूएस को पुनः निर्यात नहीं किया जा सकता और न ही उनका उपयोग रक्षा संबंधी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
विदेश मंत्रालय ने जून 2025 में पहले ही पुष्टि कर दी थी कि वह दुर्लभ मृदा सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और व्यापार आपूर्ति शृंखला में पूर्वानुमानशीलता लाने के लिए चीन के साथ बातचीत कर रहा है.
India Government और उद्योग निकाय आपूर्ति संबंधी बाधाओं का समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं. ऑटोमोटिव क्षेत्र, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता, निर्यात प्रतिबंधों से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. लाइसेंसों के इस प्रारंभिक अनुदान से दबाव कुछ कम होने की उम्मीद है.
इस बीच, अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने Thursday को घोषणा की कि उन्होंने और चीनी President शी जिनपिंग ने महत्वपूर्ण दुर्लभ मृदा सामग्री की आपूर्ति के लिए एक साल के समझौते पर सहमति व्यक्त की है.
यह घोषणा दोनों नेताओं के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में 32वें एपेक आर्थिक नेताओं की बैठक के दौरान हुई मुलाकात के बाद की गई, यह छह वर्षों में उनकी पहली आमने-सामने की बैठक थी.
ट्रंप ने कहा कि समझौते का वार्षिक नवीनीकरण किया जाएगा और यह दोनों देशों के तनावपूर्ण व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है.
बैठक के बाद एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि सभी दुर्लभ मृदा तत्वों का निपटारा कर दिया गया है और यह पूरी दुनिया के लिए है.
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चीन पर फेंटेनाइल से संबंधित टैरिफ को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने पर भी सहमति व्यक्त की है.
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एएसएच/वीसी
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