भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब नासा के एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन का हिस्सा रहे भारतीय एस्ट्रोनॉट और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला एक वर्ष लंबे अंतरिक्ष अभियान को पूरा करने के बाद भारत लौटे। रविवार तड़के दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर उनका स्वागत ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक अंदाज़ में किया गया। एयरपोर्ट पर उनके पिता, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।#WATCH | दिल्ली: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के भारत वापस लौटने पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उनका स्वागत किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2025
वह NASA के एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन के पायलट थे, जिसने 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित… pic.twitter.com/aMlwtzRZBL
भारत के लिए गर्व का क्षण
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस अवसर को भारत और इसरो दोनों के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा, “भारत का अंतरिक्ष गौरव आज भारतीय धरती को छू रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो अंतरिक्ष यात्रा का सपना साकार हुआ है, वह पूरी दुनिया के सामने भारत की नई पहचान है।” उन्होंने बताया कि शुभांशु शुक्ला के साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी मौजूद थे, जो गगनयान मिशन के लिए नामित अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं और इस बार आईएसएस मिशन के बैकअप थे।
नासा मिशन से लेकर वापसी तक का सफर
शुभांशु शुक्ला नासा के एक्सिओम-4 मिशन के तहत 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए रवाना हुए थे। इस मिशन में उनके साथ अमेरिका की पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नानस्की-विस्निविस्की और हंगरी के टिबोर कापू भी शामिल थे। 26 जून को भारतीय समयानुसार सुबह 4:01 बजे वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे और वहां 18 दिन तक वैज्ञानिक प्रयोगों और अंतरिक्ष गतिविधियों में शामिल रहे।
15 जुलाई को शुक्ला सुरक्षित रूप से धरती पर लौटे और कैलिफ़ोर्निया के तट के पास समुद्र में लैंडिंग की। उसके बाद से वे डॉक्टरों की निगरानी में थे और रोजाना चार घंटे तक चलने, एक्सरसाइज करने जैसी गतिविधियों से खुद को सामान्य जीवन के लिए तैयार कर रहे थे।
भारत लौटने पर भावुक संदेश
भारत आने से पहले शुक्ला ने सोशल मीडिया पर एक भावुक नोट साझा किया। उन्होंने लिखा, “भारत लौटने की फ्लाइट पर बैठते ही मेरे दिल में मिश्रित भावनाएँ उमड़ रही हैं। मिशन के दौरान बने दोस्तों और परिवार जैसे सहयोगियों को पीछे छोड़ने का दुख है, लेकिन अपने देश, अपने लोगों और अपने परिवार से मिलने का उत्साह भी उतना ही प्रबल है। यही जीवन का सत्य है – सब कुछ साथ-साथ चलता है।”
आगे का कार्यक्रम
भारत लौटने के तुरंत बाद शुभांशु शुक्ला रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे बेंगलुरु जाएंगे, जहां 23 अगस्त को इसरो के इंटरनेशनल स्पेस डे समारोह में शामिल होंगे। कार्यक्रम के बाद उनके लखनऊ आने की भी संभावना है, जहां त्रिवेणी नगर स्थित उनका पैतृक घर है।
ऐतिहासिक उपलब्धि
शुभांशु शुक्ला 41 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के अंतरिक्ष मिशन में भाग लेकर भारत का नाम रोशन किया था। शुक्ला की यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष अभियान के लिए एक नया अध्याय साबित हो रही है और आने वाले समय में गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी अभियानों की दिशा में मजबूत नींव रखती है।