संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के मंच पर भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारत ने पाकिस्तान के भारत-विरोधी और भड़काऊ बयानों को कटघरे में खड़ा करते हुए साफ कहा कि इस तरह के बयान केवल मंच का दुरुपयोग हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से काउंसलर क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि इस्लामाबाद को पहले अपनी वेंटिलेटर पर पड़ी अर्थव्यवस्था और तबाह होती राजनीति को संभालने की ज़रूरत है।
पाकिस्तान पर भारत का तीखा वार
क्षितिज त्यागी ने परिषद के 60वें सत्र में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाकर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने दो टूक कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधि मंडल को भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय अपनी हकीकत पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की पहली प्राथमिकता अपनी लाइफ़ सपोर्ट पर खड़ी अर्थव्यवस्था को बचाना और सेना के शिकंजे में कैद राजनीति को दुरुस्त करना होना चाहिए। साथ ही, उसे अपने ही देश में मानवाधिकार उल्लंघन के कलंक को मिटाने पर गंभीरता से काम करना चाहिए।
खैबर पख्तूनख्वा हमले का मुद्दा उठा
भारत ने पाकिस्तान की सेना की करतूतों का भी जिक्र किया। हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी वायुसेना की कार्रवाई में लगभग 30 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। इस घटना का हवाला देते हुए त्यागी ने सवाल उठाया कि जो देश अपने ही नागरिकों पर बम गिराने से बाज़ नहीं आता, उसे दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पाकिस्तान तभी अपनी अर्थव्यवस्था और राजनीति को सुधार पाएगा जब उसे आतंक फैलाने और आतंकी संगठनों को शरण देने से फुर्सत मिले।
भारत ने दिया साफ संदेश
भारतीय काउंसलर ने आगे कहा कि पाकिस्तान को सबसे पहले अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करना चाहिए और अपने घर को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। आतंकवाद को पनाह देने और हिंसा फैलाने से उसके हालात और बदतर ही होंगे।
परिषद से भारत की अपील
क्षितिज त्यागी ने अपने संबोधन में परिषद की भूमिका पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि UNHRC को सभी देशों के साथ समान, निष्पक्ष और संतुलित रवैया अपनाना चाहिए। यह मंच किसी एक राष्ट्र को निशाना बनाने या किसी पक्ष को बढ़ावा देने का स्थान नहीं है। उन्होंने चिंता जताई कि परिषद के भीतर कुछ मामलों में दोहरे मापदंड देखने को मिल रहे हैं, जो इसके वास्तविक उद्देश्य – सहयोग और एकजुटता – को कमजोर करते हैं।
You may also like
विजय की रैली में भगदड़ के दौरान 39 की मौत, एक्टर ने जारी किया बयान
राम जन्मभूमि आंदोलन के नायक अशोक सिंहल की जयंती पर विहिप कार्यकर्ताओं ने किया नमन
Aaj Ka Mausam: दिल्ली-NCR में और सताएगी गर्मी, यूपी-महाराष्ट्र में बारिश, हिमाचल का भी बदला मौसम
भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने प्रेमानंद महाराज का लिया आशीर्वाद, सुनाया भजन
रूसी विदेश मंत्री बोले- यूरोपीय संघ या नेटो देशों पर हमला करने का इरादा नहीं