कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को 'भारत जोड़ो यात्रा' की तीसरी वर्षगांठ पर इसे देश की राजनीति में 'परिवर्तनकारी मील का पत्थर' करार दिया। इस अवसर पर उन्होंने यात्रा के उद्देश्यों और प्रभावों को याद किया।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ऐतिहासिक यात्राभारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत आज से तीन साल पहले कन्याकुमारी से हुई थी। इस यात्रा की शुरुआत स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन के साथ हुई, जिसके बाद एक विशाल जनसभा आयोजित की गई।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 7, 2025
भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य देश के तीन ज्वलंत और चिंताजनक सार्वजनिक… pic.twitter.com/Fmss9BqHEz
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' आज से तीन साल पहले कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यात्रा की शुरुआत स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के दौरे से हुई और एक सार्वजनिक सभा के साथ इसकी शुरुआत हुई।
यात्रा का मकसद और मुद्देजयराम रमेश ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा का मकसद तीन गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था:
बढ़ती आर्थिक असमानता।
गहराता सामाजिक ध्रुवीकरण।
बढ़ती राजनीतिक तानाशाही।
यह 4,000 किलोमीटर लंबी पदयात्रा थी, जिसे राहुल गांधी और 200 से अधिक भारत यात्रियों ने पैदल तय किया। यात्रा 145 दिन तक चली और 12 राज्यों तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरी।
राजनीति में बदलाव का संकेतजयराम रमेश ने कहा, "यह यात्रा हमारे देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। इसका असर आज भी महसूस किया जा सकता है।"
कांग्रेस की ताकत और राजनीतिक बहसभारत जोड़ो यात्रा ने न सिर्फ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की राजनीतिक छवि को नया आयाम दिया, बल्कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी जमीनी स्तर पर मजबूती दी।
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