पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों से किसी भी हमले की तैयारी के लिए 7 मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है। ड्रिल के दौरान नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन और नागरिकों को किसी भी हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना शामिल है। अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा और निकासी योजनाओं को अद्यतन करने एवं उनका पूर्वाभ्यास करने के प्रावधान शामिल हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मॉक ड्रिल के तहत महत्वपूर्ण गतिविधियां की जाएंगी। इस दौरान एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन होगा। यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है। नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत दुश्मन की हवाई निगरानी या हमले से शहरों और ढांचों को छिपाने के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा।
इसके अलावा महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की त्वरित कैमुफ्लाजिंग की जाएगी, जो राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा के लिए एक मानक युद्धकालीन उपाय है। निकासी योजनाओं का अद्यतन और पूर्वाभ्यास होगा, जिसके तहत किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा।
फिरोजपुर कैंट में आधे घंटे का ब्लैकआउट अभ्यास
इससे पहले, रविवार को फिरोजपुर छावनी इलाके में 30 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास किया गया, जिसमें रात 9 बजे से 9:30 बजे तक सभी लाइटें बंद रहीं। अगर किसी वाहन की लाइट जलती पाई गई तो उसे बंद करवा दिया गया था। पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर रही और हर चौराहे पर पुलिस की तैनाती की गई थी।
54 साल पहले हुआ था आखिरी मॉक ड्रिल
नागरिकों की सुरक्षा को लेकर मॉक ड्रिल बेहद असामान्य कदम है। हाल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए किसी भी संघर्ष के दौरान ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं किया गया। राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।
दरअसल गृह मंत्रालय के इस निर्णय और हालिया उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठकों ने यह संकेत दिया है कि भारत पहलगाम हमले के जवाब में एक सख्त सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हो चुका है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। हालांकि, देशवासी सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाए।
You may also like
मरने के बाद शराबियों को नर्क में मिलता है स्पेशल ट्रीटमेंट', प्रेमानंद महाराज ने खोली भक्तों की आंखें‹ 〥
अरबपतियों के घर होती है ये 7 मूर्तियां| वास्तु के हिसाब से काफ़ी शुभ माना जाता हैं‹ 〥
5 मिनट तक नमक को हाथ पर रखिये फिर देखें क्या होता है कमाल, क्लिक करके जानिए‹ 〥
अगर आपके घर में छिपकली दिखाई देता है तो, जानें क्या है इसका संकेत, समझ लीजिए ये काम होने वाला है‹ 〥
दूध का उबलना, जलना या गिरना शुभ होता है या अशुभ, ये होता है संकेत‹ 〥