नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। उन्होंने दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। चीन को छोड़कर बाकी देशों को 90 दिन की मोहलत दी गई है। इस टैरिफ के कारण दुनिया के मंदी में फंसने और महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। अमेरिका के लोग अभी से इसकी तपिश महसूस कर रहे हैं। हालत यह हो गई है कि एक नौकरी से उनका गुजारा नहीं हो रहा है और अपना घर चलाने के लिए उन्हें एक से ज्यादा नौकरियां करनी पड़ रही हैं। मार्च में देश में मल्टीपल जॉब करने वालों की संख्या 76000 बढ़कर रेकॉर्ड 8.94 मिलियन पर पहुंच गई।यह संख्या 2019 के स्तर से 500,000 अधिक है। रोजगार के शेयर के तौर पर देखें तो अमेरिका में 5.5 फीसदी मल्टीपल जॉब में लगे हैं। यह संख्या 2009 के बाद सबसे ज्यादा है। इसी तरह देश में 28.47 मिलियन लोग पार्ट-टाइम जॉब कर रहे हैं। यह अमेरिका के इतिहास में तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। अमेरिका में कई साल से मजदूरी नहीं बढ़ी है जबकि इस दौरान महंगाई में काफी बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि लोगों के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है और वे मल्टीपल जॉब कर रहे हैं। क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टअमेरिका में 2024 की पहली तीन तिमाहियों में क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट 46 अरब डॉलर पहुंच गया है जो 2010 के बाद सबसे ज्यादा है। इस साल इसके 2010 के ऑल टाइम हाई से ऊपर जाने की आशंका है। 2023 की तुलना में इसके 50% से ज्यादा उछाल आई है। इससे साफ है कि अमेरिका के लोग महंगाई से त्रस्त हैं और क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करके इसका बिल नहीं चुका पा रहे हैं। कई साल की महंगाई ने लोगों को त्रस्त कर दिया है और फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को लगातार ऊंचा बनाए रखा है। यही वजह है कि 2023 के मध्य में क्रेडिट कार्ड बकाया पहली बार 1 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया था।कोरोना महामारी के चलते सप्लाई में दिक्कतें आईं जबकि लोगों ने खूब खर्चा किया। इससे महंगाई बढ़ गई। महंगाई को रोकने के लिए फेड ने 2022 से ब्याज दरें बढ़ा दीं थी। जिन लोगों ने क्रेडिट कार्ड से खर्चा किया और पूरा बिल नहीं भर पाए, उन्हें बहुत ब्याज देना पड़ा। पिछले 12 महीनों में सितंबर तक लोगों ने 170 अरब डॉलर ब्याज के रूप में दिए। ब्याज और ज्यादा बिल भरने के कारण लोगों के बैंक खातों से पैसे कम हो गए। खासकर कम आय वाले लोगों को क्रेडिट कार्ड का बिल भरने में परेशानी हो रही है। उनके खाते से जो कुछ भी एक्स्ट्रा पैसा था, वह भी निकल गया। और बढ़ेगी दिक्कतउम्मीद की जा रही थी कि फेड ब्याज दरों में तेजी से कटौती करेगा। लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा। अधिकारियों का कहना है कि इस साल ब्याज दरें सिर्फ 0.5 प्रतिशत ही कम होंगी। पहले उन्होंने 1 प्रतिशत कम करने की बात कही थी। पिछले एक साल में लगभग 60 अरब डॉलर का क्रेडिट कार्ड का कर्ज माफ कर दिया गया। फिर भी लोगों के क्रेडिट कार्ड पर 37 अरब डॉलर का कर्ज बाकी है। इसका मतलब है कि आगे और भी परेशानी हो सकती है। ट्रंप ने जिस तरह टैरिफ लगाने की घोषणा की है उससे आने वाले दिनों में महंगाई और ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। इससे लोगों को और ज्यादा दिक्कत होगी।
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