बिहार में मतदाता सूची में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया पूरी करने के बाद चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। 243 सदस्यी बिहार विधानसभा के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोट डाले जायेंगे और चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आ जायेंगे। वर्ष 2020 में अक्टूबर-नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में कांटे की टक्कर के मुकाबले में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने 125 सीट हासिल की और विपक्षी महा गठबंधन को 110 सीट पर संतोष करना पड़ा। एनडीए में भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत करते हुए 74 सीटें जीती जबकि जनता दल यूनाइटेड (जदयू ) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में केवल 43 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था।
इस बार के विधानसभा चुनावों में पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी नयी पार्टी 'जन सुराज' के साथ मैदान में दिग्गजों को टक्कर देने उतरे हैं। ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो जन सुराज पार्टी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की उपलब्ध जन्म कुंडलियों से इस बार की बिहार विधानसभा चुनावों में बड़ी रोचक तस्वीर दिख रही हैं।
प्रशांत किशोर की जन सुराज बिगाड़ सकती है सत्ताधारी एनडीए का खेल
गत वर्ष 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के दिन प्रशांत किशोर ने पटना में शाम 4 बज कर 5 मिनट पर अपनी नयी पार्टी के नाम का एलान किया था। पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इससे पहले 2 अक्टूबर 2022 को महात्मा गांधी के 1917 के सत्याग्रह स्थल चंपारण के गांधी आश्रम से एक राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू की जिसमें उनको लोगों का अच्छा समर्थन मिला। राजनीतिक प्रतीक के रूप में 2 अक्टूबर का चयन प्रशांत किशोर ने पार्टी की स्थापना की लिए किया जो की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती होने के दृष्टिकोण से शुभ था किन्तु ज्योतिष की गणना से उस दिन एक सूर्य ग्रहण पड़ रहा था जो यदपि भारत में तो दृश्य नहीं था किंतु ग्रहण के गोचर के प्रभाव के चलते अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्रमा के केतु से पीड़ा पाने के चलते यह समय किसी बड़े कार्य को करने के लिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ठीक नहीं था।
कुंभ लग्न की जन सुराज पार्टी की कुंडली में अष्टम भाव (बाधा और पीड़ा) में सूर्य, बुध, चन्द्रमा और केतु की युति कार्य में असफलता का योग है। किंतु इस ग्रह योग पर चतुर्थ भाव से गुरु की दृष्टि होने के चलते प्रशांत किशोर की पार्टी कुछ सीटों पर विजय हासिल करेगी और कई सीटों पर सत्ताधारी एनडीए का खेल बिगाड़ सकती है।
चिराग पासवान को मिलेगी संतोषजनक सफलता
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के पुत्र और सिनेमा कलाकार रहे चिराग पासवान वर्तमान में केंद की भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर हैं। पिछले विधान सभा चुनावों में 135 सीटों पर लड़ कर चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी केवल 1 सीट हासिल कर पायी थी। 31 जनवरी 1982 को दोपहर 12 बज कर 15 मिनट पर मधुबनी बिहार में जन्मे चिराग पासवान की कुंडली में चन्द्रमा मीन राशि में होकर केमद्रुम योग में है। चन्द्रमा के साथ या उसके एक घर आगे या पीछे सूर्य को छोड़ कर कोई भी ग्रह न हो तब केमद्रुम योग का निर्माण होता है।
इस केमद्रुम योग के चलते चिराग पासवान को चन्द्रमा की महा दशा में अपने चाचा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस से राजनीतिक विरासत को लेकर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। वर्तमान में चन्द्रमा में बुध की विंशोत्तरी दशा में 29 सीटों पर एनडीए में रह कर चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान को संतोषजनक परिणाम मिलने के ज्योतिषीय संकेत हैं। चन्द्रमा और बुध के 6 /8 के षडाष्टक संबंध के चलते कुछ सीटों पर भीतरघात के चलते उनको अप्रत्याशित हानि भी होने की आशंका है।
चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार ले सकते हैं चौंकाने वाला फैसला
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को दोपहर एक बजकर बीस मिनट पर बख्तियारपुर में हुआ था। मिथुन लग्न की कुंडली में राहु भाग्य भाव में कर्मेश गुरु, लग्नेश बुध और तृतीयेश (सहयोगी) सूर्य के साथ एक शानदार राजयोग का निर्माण कर रहा है। राहु का राजयोग में सम्मलित होना उन्हें गठबंधन की राजनीति का एक मंजा हुआ खिलाड़ी बनता है जो कि अपने विरोधियों को कभी भी अपने राजनैतिक चातुर्य से चौंकने पर विवश कर देते हैं। इनकी कुंडली में वृश्चिक राशि में नीच के चन्द्रमा छठे भाव में होकर इनके विरोधियों को इनकी राजनीतिक चालों के आगे कमज़ोर कर देता है।
वर्ष 2013 से नितीश कुमार कई बार पला बदल कर कभी लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल तो कभी बीजेपी की तरफ अपनी राजनीतिक महत्वकांशा को पूर्ण करने के लिए आते-जाते रहे हैं। वर्ष 2024 के शुरू में लोकसभा चुनावों से ठीक तीन महीन पूर्व जब वह एक बार फिर से लालू यादव और कांग्रेस का साथ छोड़ कर बीजेपी से हाथ मिला कर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और सभी राजनीतिक पूर्वानुमानों को गलत साबित कर उनकी पार्टी जदयू ने 16 लोकसभा सीटों पर लड़कर 12 सीटें जीत ली। 74 वर्षीय नीतीश कुमार वर्ष 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हैं और वर्तमान में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली बीजेपी की गठबंधन सरकार के प्रमुख सहयोगी हैं। अपनी मिथुन लग्न की कुंडली में राहु में शुक्र में बुध की विंशोत्तरी दशा में चल रहे नीतीश कुमार की पार्टी 101 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है। उनके सहयोगी बीजेपी की स्थापना कुंडली (6 अप्रैल 1980 , सुबह 11 बज कर 45 मिनट , दिल्ली) भी मिथुन लग्न की है जहां चन्द्रमा वृश्चिक राशि में है। बीजेपी की कुंडली में चन्द्रमा में केतु की कठिन दशा में पार्टी का प्रदर्शन बिहार में पिछले चुनावों की तुलना में कमज़ोर रहने के संकेत हैं।
राहु की महादशा में पंचमेश (पुत्र) शुक्र की अंतरदशा में चल रहे नीतीश कुमार आने वाले विधानसभा चुनावों के बाद अपने बेटे निशांत कुमार को पार्टी संगठन में आगे ला सकते हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड का प्रदर्शन संतोषजनक रह सकता है।
क्या तेजस्वी यादव की कुंडली में है मुख्यमंत्री बनने का योग?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में रेल मंत्री रहे लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की जन्म पत्रिका (9 नवंबर 1988, सुबह 1 बजकर 30 मिनट, पटना, बिहार) उनके आधिकारिक जन्म विवरण से भिन्न है। सिंह लग्न की तेजस्वी यादव की पत्रिका में दशम भाव में पंचमेश गुरु स्थित हैं और वह दशमेश शुक्र को देख रहे हैं जो की कुटुंब के दूसरे भाव में नीच राशि में बैठे हुए हैं। नीच के दशमेश (राज सत्ता) और तृतीयेश (भाई-बहन) शुक्र पर पंचमेश गुरु के साथ-साथ अष्टम भाव (विवाद) में बैठे योगकारक मंगल, जो की उनके सिंह लग्न के लिए चतुर्थेश और नवमेश हैं, की दृष्टि होने के कारण वह वर्ष 2015 में बेहद कम आयु में बिहार के उप-मुख्यमंत्री बन गए किन्तु इस पद पर अधिक समय तक नहीं रह सके।
वर्तमान में मंत्रिपद के पंचम भाव में बैठे शनि की महादशा में उनकी कुंडली में अष्टम भाव में बैठे योगकारक मंगल की अंतर दशा चल रही है। मंगल उनकी कुंडली में दशमांश में उच्च राशि में होकर उनको बड़ा पद मिलने का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं। उनके सहयोगी कांग्रेस पार्टी की स्थापना कुंडली (2 जनवरी 1978 , दोपहर 12 बजे दिल्ली) में मीन लग्न की पत्रिका में लाभ भाव के अधिपति शनि संघर्ष के छठे भाव में शुभ स्थिति में हैं। अपने सहयोगियों के संतोषजनक प्रदर्शन के बाद तेजस्वी यादव इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की राजनीति बड़ा खेल कर सकते हैं।
इस बार के विधानसभा चुनावों में पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी नयी पार्टी 'जन सुराज' के साथ मैदान में दिग्गजों को टक्कर देने उतरे हैं। ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो जन सुराज पार्टी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की उपलब्ध जन्म कुंडलियों से इस बार की बिहार विधानसभा चुनावों में बड़ी रोचक तस्वीर दिख रही हैं।
प्रशांत किशोर की जन सुराज बिगाड़ सकती है सत्ताधारी एनडीए का खेल
गत वर्ष 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के दिन प्रशांत किशोर ने पटना में शाम 4 बज कर 5 मिनट पर अपनी नयी पार्टी के नाम का एलान किया था। पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इससे पहले 2 अक्टूबर 2022 को महात्मा गांधी के 1917 के सत्याग्रह स्थल चंपारण के गांधी आश्रम से एक राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू की जिसमें उनको लोगों का अच्छा समर्थन मिला। राजनीतिक प्रतीक के रूप में 2 अक्टूबर का चयन प्रशांत किशोर ने पार्टी की स्थापना की लिए किया जो की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती होने के दृष्टिकोण से शुभ था किन्तु ज्योतिष की गणना से उस दिन एक सूर्य ग्रहण पड़ रहा था जो यदपि भारत में तो दृश्य नहीं था किंतु ग्रहण के गोचर के प्रभाव के चलते अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्रमा के केतु से पीड़ा पाने के चलते यह समय किसी बड़े कार्य को करने के लिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ठीक नहीं था।
कुंभ लग्न की जन सुराज पार्टी की कुंडली में अष्टम भाव (बाधा और पीड़ा) में सूर्य, बुध, चन्द्रमा और केतु की युति कार्य में असफलता का योग है। किंतु इस ग्रह योग पर चतुर्थ भाव से गुरु की दृष्टि होने के चलते प्रशांत किशोर की पार्टी कुछ सीटों पर विजय हासिल करेगी और कई सीटों पर सत्ताधारी एनडीए का खेल बिगाड़ सकती है।
चिराग पासवान को मिलेगी संतोषजनक सफलता
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के पुत्र और सिनेमा कलाकार रहे चिराग पासवान वर्तमान में केंद की भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर हैं। पिछले विधान सभा चुनावों में 135 सीटों पर लड़ कर चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी केवल 1 सीट हासिल कर पायी थी। 31 जनवरी 1982 को दोपहर 12 बज कर 15 मिनट पर मधुबनी बिहार में जन्मे चिराग पासवान की कुंडली में चन्द्रमा मीन राशि में होकर केमद्रुम योग में है। चन्द्रमा के साथ या उसके एक घर आगे या पीछे सूर्य को छोड़ कर कोई भी ग्रह न हो तब केमद्रुम योग का निर्माण होता है।
इस केमद्रुम योग के चलते चिराग पासवान को चन्द्रमा की महा दशा में अपने चाचा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस से राजनीतिक विरासत को लेकर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। वर्तमान में चन्द्रमा में बुध की विंशोत्तरी दशा में 29 सीटों पर एनडीए में रह कर चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान को संतोषजनक परिणाम मिलने के ज्योतिषीय संकेत हैं। चन्द्रमा और बुध के 6 /8 के षडाष्टक संबंध के चलते कुछ सीटों पर भीतरघात के चलते उनको अप्रत्याशित हानि भी होने की आशंका है।
चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार ले सकते हैं चौंकाने वाला फैसला
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को दोपहर एक बजकर बीस मिनट पर बख्तियारपुर में हुआ था। मिथुन लग्न की कुंडली में राहु भाग्य भाव में कर्मेश गुरु, लग्नेश बुध और तृतीयेश (सहयोगी) सूर्य के साथ एक शानदार राजयोग का निर्माण कर रहा है। राहु का राजयोग में सम्मलित होना उन्हें गठबंधन की राजनीति का एक मंजा हुआ खिलाड़ी बनता है जो कि अपने विरोधियों को कभी भी अपने राजनैतिक चातुर्य से चौंकने पर विवश कर देते हैं। इनकी कुंडली में वृश्चिक राशि में नीच के चन्द्रमा छठे भाव में होकर इनके विरोधियों को इनकी राजनीतिक चालों के आगे कमज़ोर कर देता है।
वर्ष 2013 से नितीश कुमार कई बार पला बदल कर कभी लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल तो कभी बीजेपी की तरफ अपनी राजनीतिक महत्वकांशा को पूर्ण करने के लिए आते-जाते रहे हैं। वर्ष 2024 के शुरू में लोकसभा चुनावों से ठीक तीन महीन पूर्व जब वह एक बार फिर से लालू यादव और कांग्रेस का साथ छोड़ कर बीजेपी से हाथ मिला कर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और सभी राजनीतिक पूर्वानुमानों को गलत साबित कर उनकी पार्टी जदयू ने 16 लोकसभा सीटों पर लड़कर 12 सीटें जीत ली। 74 वर्षीय नीतीश कुमार वर्ष 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हैं और वर्तमान में केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली बीजेपी की गठबंधन सरकार के प्रमुख सहयोगी हैं। अपनी मिथुन लग्न की कुंडली में राहु में शुक्र में बुध की विंशोत्तरी दशा में चल रहे नीतीश कुमार की पार्टी 101 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है। उनके सहयोगी बीजेपी की स्थापना कुंडली (6 अप्रैल 1980 , सुबह 11 बज कर 45 मिनट , दिल्ली) भी मिथुन लग्न की है जहां चन्द्रमा वृश्चिक राशि में है। बीजेपी की कुंडली में चन्द्रमा में केतु की कठिन दशा में पार्टी का प्रदर्शन बिहार में पिछले चुनावों की तुलना में कमज़ोर रहने के संकेत हैं।
राहु की महादशा में पंचमेश (पुत्र) शुक्र की अंतरदशा में चल रहे नीतीश कुमार आने वाले विधानसभा चुनावों के बाद अपने बेटे निशांत कुमार को पार्टी संगठन में आगे ला सकते हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड का प्रदर्शन संतोषजनक रह सकता है।
क्या तेजस्वी यादव की कुंडली में है मुख्यमंत्री बनने का योग?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में रेल मंत्री रहे लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की जन्म पत्रिका (9 नवंबर 1988, सुबह 1 बजकर 30 मिनट, पटना, बिहार) उनके आधिकारिक जन्म विवरण से भिन्न है। सिंह लग्न की तेजस्वी यादव की पत्रिका में दशम भाव में पंचमेश गुरु स्थित हैं और वह दशमेश शुक्र को देख रहे हैं जो की कुटुंब के दूसरे भाव में नीच राशि में बैठे हुए हैं। नीच के दशमेश (राज सत्ता) और तृतीयेश (भाई-बहन) शुक्र पर पंचमेश गुरु के साथ-साथ अष्टम भाव (विवाद) में बैठे योगकारक मंगल, जो की उनके सिंह लग्न के लिए चतुर्थेश और नवमेश हैं, की दृष्टि होने के कारण वह वर्ष 2015 में बेहद कम आयु में बिहार के उप-मुख्यमंत्री बन गए किन्तु इस पद पर अधिक समय तक नहीं रह सके।
वर्तमान में मंत्रिपद के पंचम भाव में बैठे शनि की महादशा में उनकी कुंडली में अष्टम भाव में बैठे योगकारक मंगल की अंतर दशा चल रही है। मंगल उनकी कुंडली में दशमांश में उच्च राशि में होकर उनको बड़ा पद मिलने का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं। उनके सहयोगी कांग्रेस पार्टी की स्थापना कुंडली (2 जनवरी 1978 , दोपहर 12 बजे दिल्ली) में मीन लग्न की पत्रिका में लाभ भाव के अधिपति शनि संघर्ष के छठे भाव में शुभ स्थिति में हैं। अपने सहयोगियों के संतोषजनक प्रदर्शन के बाद तेजस्वी यादव इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की राजनीति बड़ा खेल कर सकते हैं।
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