प्रवीन मोहता, कानपुर: क्लाइमेट चेंज ने बहुत तेजी से हमारे जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। हाथरस के कई गांवों में पैदा होने वाला दमिश्क गुलाब अब समय से पहले खिलता है और सीजन खत्म होने के पहले ही खत्म हो जाता है। हाथरस के इत्र कारोबारी लव शर्मा ने बताया कि मौसम का ही असर है कि पहले एक मन (40किलो) दमिश्क गुलाब से 11 ग्राम तेल निकलता था, जो अब घटकर 8-9 ग्राम रह गया है। इसके असर से गुलाब के तेल के दाम 12-13 लाख रुपये/किलो से उछलकर 15 लाख रुपये/किलो तक पहुंच गया है।लव शर्मा ने बताया कि हाथरस के हसायन में बड़े पैमाने पर दमस्क प्रजाति के गुलाब की खेती होती है। ये गुलाब चैत्र के महीने (मार्च /अप्रैल) के अलावा मॉनसून में आता है। पिछले 4-5 साल से फसल पर कुछ नकारात्मक असर दिख रहा था। कभी फसल समय के पहले आ रही थी, तो कभी समय के पहले ही फूल निकलने बंद हो जाते थे। बीते 1-2 साल में समस्या साफ दिखने लगी। फूलों से निकलने वाले तेल की मात्रा घटने लगी। पहले करीब 40 किलो गुलाब से 11 ग्राम तेल निकल जाता था, जो अब घटकर 8-9 ग्राम तक सीमित रह गया है। जब लागत बढ़ी तो गुलाब के तेल के दाम भी चढ़कर 12-13 लाख रुपये/किलो से बढ़कर 15 लाख रुपये/किलो तक पहुंच गए हैं। हाथरस में हजारों किसानों की आजीविका गुलाब की खेती पर निर्भर है। हर चीज पर असरकन्नौज के सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) के निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि 2024 से बदलाव आने शुरू हुए हैं। गर्मी की फसलें ज्यादा तापमान की वजह से खराब हो रही हैं। गर्मी का असर खुशबू पर है। ज्यादा गर्मी पड़ती है, तो फूल से तेल या खुशबू उड़ जाती है। इसके लिए रिसर्च प्रॉजेक्ट का प्रस्ताव भेजा गया है। ठंड कम, गर्मी ज्यादाकन्नौज के इत्र एक्सपोर्टर प्रांजुल कपूर ने बताया कि मौसम में बदलाव का असर हर जगह है। सर्दी कम और गर्मी ज्यादा पड़ने लगी हैं। घास और जड़ों पर इसका फर्क दिखता है। गेंदे के फूल को भी सुहाना मौसम चाहिए। उसकी पैदावार पर भी असर दिख रहा है। फूल का आकार छोटाकानपुर की सीएसए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के हार्टिकल्चर विभाग के प्रफेसर वीके त्रिपाठी ने बताया कि कुछ फसलों पर असर आ चुका है। फूल खिलने का सीधा संबंध तापमान से है। फरवरी में बढ़ने वाला तापमान दिसंबर में होता है, तो फूल पहले आ जाते हैं। फूल का आकार भी छोटा हो गया है। लेकिन यह नहीं कह सकते कि ये ट्रेंड सेट ही हो गया है।
You may also like
टैरिफ विवाद के बीच ट्रंप का बड़ा कदम, सर्जियो गोर होंगे भारत में नए अमेरिकी राजदूत
क्यों नहीं फंसती मकड़ी अपने जाल में? जानें दिलचस्प कारण
जब स्वामी विवेकानंद ने ईडन गार्डन में झटके थे 7 विकेट, क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी थे स्वामी
चीन क्या भारत के लिए अमेरिका की जगह ले सकता है? विशेषज्ञों का यह है तर्क
इंसान या जानवर ट्रेन के सामने आ जाए तो भी ड्राइवर ब्रेक क्यों नहीं मारता है? वजह हैरान कर देगी