नई दिल्ली: रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर आज सुबह के कारोबार में 5% से अधिक चढ़ गए। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के लिए कमजोर नतीजे घोषित किए थे, इसके बावजूद शेयर 183.80 रुपये के अपने दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। इस तिमाही में रिलायंस इन्फ्रा का कंसोलिडेटे नेट प्रॉफिट 50% से अधिक गिरकर 1,911 करोड़ रुपये रह गया। पिछले वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 4,082 करोड़ रुपये था। कंपनी के रेवेन्यू में भी 14% की गिरावट आई और यह 6,235 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में यह 7,258.50 करोड़ रुपये था।
12.50 बजे कंपनी का शेयर 3.40% तेजी के साथ 181 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 7,394.18 करोड़ रुपये पहुंच गया। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में इस साल 40% से अधिक गिरावट आई है। पिछले 6 महीनों में यह 30% फिसला है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 425 रुपये है। कंपनी का शेयर इसी साल 27 जून को इस स्तर पर पहुंचा था। इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 163.75 रुपये है। मंगलवार को यह इस स्तर पर आया था।
कंपनी का प्रदर्शनकंपनी के रेवेन्यू में सबसे बड़ी हिस्सेदारी पावर बिजनेस की रही। सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही में इसने 5,434 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनेस ने 351 करोड़ रुपये का राजस्व दिया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 335 करोड़ रुपये से अधिक है। इंजीनियरिंग और निर्माण व्यवसाय लगभग 61 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर बड़ी परियोजनाओं जैसे बिजली, सड़क और मेट्रो रेल के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण (E&C) का काम करती है। यह एक यूटिलिटी कंपनी भी है जो बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण का काम करती है।
12.50 बजे कंपनी का शेयर 3.40% तेजी के साथ 181 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 7,394.18 करोड़ रुपये पहुंच गया। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में इस साल 40% से अधिक गिरावट आई है। पिछले 6 महीनों में यह 30% फिसला है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 425 रुपये है। कंपनी का शेयर इसी साल 27 जून को इस स्तर पर पहुंचा था। इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 163.75 रुपये है। मंगलवार को यह इस स्तर पर आया था।
कंपनी का प्रदर्शनकंपनी के रेवेन्यू में सबसे बड़ी हिस्सेदारी पावर बिजनेस की रही। सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही में इसने 5,434 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनेस ने 351 करोड़ रुपये का राजस्व दिया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 335 करोड़ रुपये से अधिक है। इंजीनियरिंग और निर्माण व्यवसाय लगभग 61 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर बड़ी परियोजनाओं जैसे बिजली, सड़क और मेट्रो रेल के लिए इंजीनियरिंग और निर्माण (E&C) का काम करती है। यह एक यूटिलिटी कंपनी भी है जो बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण का काम करती है।
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