श्रीनगर: अपने आईपीओ की योजनाओं के लिए सुर्खियों में रही एडटेक फर्म फिजिक्स वाला ( Physics Wallah ) के एक विज्ञापन ने जम्मू-कश्मीर में बवाल मचा दिया है। इस विज्ञापन में कथित तौर पर उसके शिक्षकों को गुलमर्ग के पास तंगमर्ग के बदरकोट में एक संरक्षित वन क्षेत्र में एसयूवी चलाते हुए दिखाया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो फिजिक्स वाला के तूफान नाम के प्रमोशनल कैंपेन का हिस्सा था। इस वीडियो ने घाटी की पारिस्थितिकी को लेकर पर्यावरणीय चिंताओं को जन्म दिया है और पुलिस जांच का कारण बना है। फिलहाल वन रेंज अधिकारी (गुलमर्ग) इफ्तिखार अहमद कादरी की शिकायत के बाद तंगमर्ग पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई।
फिजिक्स वाला के खिलाफ एफआईआर क्यों?
अधिकारी कादरी ने कहा कि वीडियो में बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट वाली छह काली स्कॉर्पियो को वन विभाग के किसी भी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना वन भूमि से गुजरते हुए दिखाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि वन कर्मचारियों की ओर से पुष्टि हुई है कि फुटेज बदरकोट वन खंड के अंदर शूट किया गया था। शिकायत में कहा गया है कि यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया गया था। इसमें छह काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ियां, बिना किसी नंबर प्लेट के वन विभाग के किसी भी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना अवैध रूप से वन क्षेत्र में प्रवेश करती दिखाई दे रही थीं।
हरे-भरे घास के मैदानों में दौड़ा दी गाड़ियां
वन रेंज ने आरोप लगाया कि एसयूवी को हरे-भरे घास के मैदानों में ऑफ-रोड चलाया गया। इससे जड़ी-बूटियों और वन वनस्पतियों को नुकसान पहुंचा। जो भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है। कादरी के हवाले से कहा गया कि बदरकोट वन खंड के क्षेत्रीय कर्मचारियों की ओर से सत्यापन के बाद यह सामने आया कि वीडियो बदरकोट वन खंड के वन क्षेत्र में शूट किया गया है।
फिजिक्स वाला पर क्या आरोप हैं?
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत शरारत, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक अतिक्रमण के साथ-साथ भारतीय वन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर (FIR) वन नियमों के उल्लंघन के लिए फिजिक्स वाला के खिलाफ कुछ दिनों बाद दर्ज हुई है। इससे पहले बडगाम में यूट्यूबर्स (YouTubers) पर भी इसी तरह के पर्यावरणीय बर्बादी के लिए केस दर्ज किया गया था। उन वीडियो में गाड़ियां बडगाम के चरागाहों और घास के मैदानों में लापरवाही से दौड़ती हुई दिखाई दे रही थीं।
आईपीओ लॉन्च करने की है योजना
कई रिपोर्टों के अनुसार, फिजिक्स वाला कथित तौर पर एक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉन्च करने वाला है, जिससे लगभग ₹3,820 करोड़ जुटाए जा सकते हैं।
फिजिक्स वाला के खिलाफ एफआईआर क्यों?
अधिकारी कादरी ने कहा कि वीडियो में बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट वाली छह काली स्कॉर्पियो को वन विभाग के किसी भी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना वन भूमि से गुजरते हुए दिखाया गया है। शिकायत में कहा गया है कि वन कर्मचारियों की ओर से पुष्टि हुई है कि फुटेज बदरकोट वन खंड के अंदर शूट किया गया था। शिकायत में कहा गया है कि यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया गया था। इसमें छह काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ियां, बिना किसी नंबर प्लेट के वन विभाग के किसी भी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना अवैध रूप से वन क्षेत्र में प्रवेश करती दिखाई दे रही थीं।
हरे-भरे घास के मैदानों में दौड़ा दी गाड़ियां
वन रेंज ने आरोप लगाया कि एसयूवी को हरे-भरे घास के मैदानों में ऑफ-रोड चलाया गया। इससे जड़ी-बूटियों और वन वनस्पतियों को नुकसान पहुंचा। जो भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का उल्लंघन है। कादरी के हवाले से कहा गया कि बदरकोट वन खंड के क्षेत्रीय कर्मचारियों की ओर से सत्यापन के बाद यह सामने आया कि वीडियो बदरकोट वन खंड के वन क्षेत्र में शूट किया गया है।
फिजिक्स वाला पर क्या आरोप हैं?
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत शरारत, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक अतिक्रमण के साथ-साथ भारतीय वन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर (FIR) वन नियमों के उल्लंघन के लिए फिजिक्स वाला के खिलाफ कुछ दिनों बाद दर्ज हुई है। इससे पहले बडगाम में यूट्यूबर्स (YouTubers) पर भी इसी तरह के पर्यावरणीय बर्बादी के लिए केस दर्ज किया गया था। उन वीडियो में गाड़ियां बडगाम के चरागाहों और घास के मैदानों में लापरवाही से दौड़ती हुई दिखाई दे रही थीं।
आईपीओ लॉन्च करने की है योजना
कई रिपोर्टों के अनुसार, फिजिक्स वाला कथित तौर पर एक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉन्च करने वाला है, जिससे लगभग ₹3,820 करोड़ जुटाए जा सकते हैं।





