Next Story
Newszop

ऐसे में तो सरकार अपने-आप गिर जाएगी... PM-CM को हटाने वाले बिल पर क्यों भड़के ओवैसी

Send Push
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में पेश किए गए पीएम-सीएम को हटाने वाले बिल को लेकर बुरी तरह भड़क गए हैं। ओवैसी ने इसे लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या राष्ट्रपति सच में प्रधानमंत्री को हटा सकते हैं? समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही काम करते हैं, लेकिन बिल में लिखा है कि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति हटा सकते हैं। ओवैसी ने कहा कि यह संविधान के खिलाफ है। ओवैसी कहा कि यह बिल संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। उन्होंने इस मामले पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। केंद्र सरकार जब चाहेगी तब राज्य सरकार को गिरा सकती है।



ऐसे में केंद्र जब चाहे तब राज्य की सरकार को गिरा दे

ओवैसी ने कहा कि अगर केंद्र ने किसी राज्य सरकार के चार-पांच मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया तो सरकार अपने-आप गिर जाएगी। फिर स्वतंत्रता कहां बचेगी? असल में पूरा नियंत्रण केंद्र के हाथ में आ जाएगा। यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है। बता दें कि पिछले हफ्ते जब संसद में यह बिल पेश किया जा रहा था तब भी ओवैसी ने इसे लेकर भारी विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार 'पुलिस स्टेट' बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा था कि यह बिल जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकार छीन लेगा और लोकतंत्र की बुनियाद को हिला देगा।



जानिए क्यों घमासान मचा है इस बिल पर

बता दें कि 130वां संविधान संशोधन विधेयक में लिखा है कि अगर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष नेता किसी गंभीर अपराध में फंस जाते हैं और लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। इसके अलावा कोई भी केंद्रीय या राज्य मंत्री या दिल्ली का मंत्री, यदि लगातार 30 दिन हिरासत में रहे और मामला ऐसा हो जिसमें सजा पांच वर्ष तक या उससे अधिक का प्रावधान है तो राष्ट्रपति/राज्यपाल संबंधित मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे।



ओवैसी ने और क्या कहा

ओवैसी ने कहा कि सरकार का यह कदम चुनी हुई सरकार पर बड़े प्रहार जैसा होगा। संसद में उन्होंने कहा था कि इस कानून से सत्ता के तीनों स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की स्वतंत्रता कमजोर होगी और जनता के मतदान का कोई महत्व नहीं रह जाएगा।



Loving Newspoint? Download the app now