बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस में अंदरूनी कलह को शांत करने के लिए पार्टी के विधायकों के साथ कई सारी बैठकें की हैं। लेकिन इस बैठक से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच पार्टी में चल रही खींचतान और बढ़ गई है। डीके शिवकुमार ने भी अब विधायकों के साथ एक अलग बैठक बुलाने की योजना बनाई है।
पार्टी में गुटबाजी खुलकर सामने आई
मंगलवार को हुई बैठक का मकसद विधायकों की शिकायतें सुनना और 50 करोड़ रुपये के स्पेशल डेवलपमेंट ग्रांट के सैंक्शन लेटर बांटना था। लेकिन इससे गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। सिद्धारमैया और शिवकुमार के समर्थक विधायकों के बीच खुलेआम बहस हुई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सामने भी मतभेद दिखे।
डीके शिवकुमार को बैठकों में नहींं बुलाया गया
डीके शिवकुमार जो कि बेंगलुरु डेवलपमेंट मिनिस्टर और केपीसीसी प्रेसिडेंट भी हैं, उनको औपचारिक रूप से बैठकों में नहीं बुलाया गया था। लेकिन वे थोड़ी देर के लिए आए और मुख्यमंत्री के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्री उस समय राहुल गांधी की 4 अगस्त को बेंगलुरु में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे थे। यह विरोध प्रदर्शन बेंगलुरु सेंट्रल और बेंगलुरु रूरल लोकसभा क्षेत्रों में कथित वोटर फ्रॉड को उजागर करने के लिए है।
विधायकों के साथ एक अलग बैठक की योजना
वहीं डीके शिवकुमार ने भी विधायकों के साथ एक अलग बैठक बुलाने की योजना की घोषणा की है। जिसमें बेंगलुरु से जुड़े मुद्दों पर बात होगी। डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री के विधायकों से मिलने में कोई समस्या नहीं है। मैं विधायकों के साथ एक अलग बैठक करूंगा।
You may also like
मोदी जिस सिंधु जल संधि पर बोले, उसमें पाकिस्तान के पास कौन से चार विकल्प हैं?
इस कारण लड़कों को पसंदˈ आती हैं बड़ी उम्र की महिलाएं
Rajasthan JET Result 2025: जेईटी 2025 परीक्षा परिणाम हुआ जारी, इस तरह से कर सकते हैं आप भी चेक
जेब में नहीं बचे पैसेˈ तो जुए के दांव में लगा दी पत्नी जीत गया बड़ा भाई फिर भरी पंचायत में
कितने बच्चे हैं? उनकी देखभाल कौन करता है? इंटरव्यू में पहले महिला से पूछे पर्सनल सवाल, फिर उन्हें ही बना दिया 'रिजेक्शन' की वजह