Next Story
Newszop

World Hypertension Day-गर्भावस्था में हाई बीपी को नजर अंदाज करना पड़ सकता है भारी, जानें डॉ की सलाह

Send Push

गर्भावस्था एक खूबसूरत और संवेदनशील यात्रा होती है, जिसमें हर दिन नए अनुभव, उम्मीदें और चुनौतियाँ सामने आती हैं। यह सफर जितना भावनात्मक होता है, उतना ही शारीरिक रूप से demanding भी होता है। ऐसे में मां और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत को प्राथमिकता देना ज़रूरी हो जाता है।

डॉ. पीयूष लोढ़ा, एमबीबीएस, एमडी (मेडिसिन), डीएम (एंडोक्रिनोलॉजी), के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता, लेकिन यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकती है। कई बार ये बिना किसी लक्षण के भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसे गर्भावस्था का "साइलेंट रिस्क" कहा जाए तो गलत नहीं होगा। खासकर 20वें हफ्ते के बाद बीपी बढ़ना, यानी गैस्टेशनल हाइपरटेंशन, महिला और भ्रूण दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भावस्था में हाई बीपी क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं, कौन-कौन से घरेलू उपाय इसे कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं, और डॉक्टर किन बातों पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। तो अगर आप या आपके आसपास कोई मां बनने वाली महिला हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी और मददगार हो सकती है।(Photo Credit):Canva


गर्भावस्था में हाई बीपी क्यों बढ़ता है? जानिए मुख्य कारण image

गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे दिल की धड़कन तेज होती है और ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है। इन बदलावों के कारण कुछ महिलाओं का बीपी बढ़ने लगता है। अगर पहले से हाई बीपी की हिस्ट्री हो, प्रेगनेंसी से पहले वजन अधिक हो, या जुड़वां बच्चे होने वाले हों, तो खतरा और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव, खानपान में लापरवाही और शरीर की पर्याप्त देखभाल न होना भी कारण बन सकता है। यही वजह है कि डॉक्टर शुरुआती स्टेज से ही बीपी मॉनिटर करने की सलाह देते हैं। समय रहते इसे पहचाना जाए तो जटिलताओं से बचाव संभव है।


ये हैं हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती लक्षण, जिन्हें नजरअंदाज न करें image

अक्सर हाई बीपी बिना किसी खास लक्षण के होता है, लेकिन शरीर कुछ संकेत जरूर देता है। जैसे कि लगातार सिरदर्द रहना, चेहरे और हाथों में असामान्य सूजन, आंखों के सामने धुंध या चमक दिखना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और अचानक वजन बढ़ना। ये लक्षण मामूली लग सकते हैं, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं, तो इन्हें नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना बीपी चेक करवाएं। प्रेगनेंसी के दौरान हर लक्षण को गंभीरता से लेना ही मां और बच्चे की सेहत के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।


क्या खाएं और क्या न खाएं: प्रेगनेंसी में हाई बीपी के लिए सही डाइट image

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में खानपान की भूमिका सबसे अहम होती है। ऐसे में ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन को शामिल करें। नमक की मात्रा सीमित रखें — खासकर पैकेज्ड, प्रोसेस्ड और डीप फ्राइड चीज़ों से बचें। कैफीन और ज्यादा मीठा भी सीमित मात्रा में लें। पोटैशियम युक्त चीजें जैसे केला, नारियल पानी और दही शरीर के इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखते हैं। हाइड्रेशन भी जरूरी है, इसलिए खूब पानी पिएं। अगर डॉक्टर ने कोई डाइट प्लान या सप्लीमेंट्स दिए हैं, तो उन्हें फॉलो करना न भूलें।


हाई बीपी को मैनेज करने के आसान घरेलू उपाय image

गर्भावस्था के दौरान हाई बीपी को कंट्रोल करना कठिन नहीं, अगर आप कुछ आसान उपायों को दिनचर्या में शामिल करें। रोजाना हल्की वॉक या प्रेगनेंसी सेफ योगा से शरीर एक्टिव रहता है और तनाव भी कम होता है। गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज और ध्यान (मेडिटेशन) मन को शांत रखने में मदद करता है। मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूरी बनाकर अच्छी नींद लें। नमक का सेवन सीमित करें और समय पर भोजन करें। अपने बीपी की नियमित निगरानी करें — इससे आप समय रहते किसी भी बदलाव को पहचान सकेंगी।


कब और क्यों करें डॉक्टर से संपर्क: सावधानी से ही समाधान image

अगर किसी भी समय आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। साथ ही, हर प्रेगनेंसी चेकअप के दौरान बीपी जांच जरूर कराएं। डॉक्टर अगर दवा लिखें, तो उन्हें नियमित रूप से लें — दवा से ज्यादा नुकसान तब होता है जब आप उसे खुद से रोक देते हैं। अल्ट्रासाउंड, यूरिन टेस्ट और ब्लड प्रेशर की रूटीन जांच से यह तय किया जाता है कि मां और बच्चे की सेहत सही दिशा में है या नहीं। याद रखें, आपकी सतर्कता ही बच्चे की सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता । ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें । एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है ।

Loving Newspoint? Download the app now