Reddit के @r/IndianRailways पेज पर एक पोस्ट शेयर की गई, जिसने लोगों को बहुत नाराज कर दिया। इस पोस्ट में एक शख्स ने बताया कि कैसे नागपुर से पुणे जाते वक्त हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन में एक सह-यात्री ने उनके 73 साल के पिता के साथ बदतमीजी और गाली-गलौज की।
यूजर ने रेडिट पोस्ट में लिखा, 'एक लड़के ने मेरे 73 साल के पापा को सिर्फ एक सीट के लिए गाली दी।' इस पोस्ट में यूजर ने पूरी घटना का जिक्र किया। उसने बताया कि उन्हें और उनके पिता को साइड-अपर और अपर बर्थ मिली थी, जिसके चलते उनके बीमार पिता को दिन में बैठने में दिक्कत हो रही थी।
सीट के लिए की गाली-गलौजयूजर ने रेडिट पर लिखा, 'मैंने सुना है कि अगर किसी को साइड-अपर सीट मिलती है, तो वह सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक साइड-लोअर सीट पर बैठ सकता है।' उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने टिकट बुक किया था और उन्हें रेलवे के नियमों की पूरी जानकारी नहीं थी।
जब यूजर ने बहुत आराम से एक सह-यात्री से थोड़ा एडजस्ट करने और अपने पापा को थोड़ी देर साइड-लोअर बर्थ पर बैठने देने की बात कही, तो उस यात्री ने बहुत गुस्से से जवाब दिया। यूजर ने लिखा, 'मैंने कहा भैया, आप थोड़ा सरक जाएं तो मेरे पापा को बैठना है।' जिसके बाद उसने जवाब दिया, ‘यह सीट पूरी मेरी है, कहीं और बिठा इसको।'
TTE ने भी नहीं की मदद
शख्स ने बताया कि उनके पिता को दिल और पैर से जुड़ी तकलीफ है, जिस कारण वे ऊपर की सीट पर नहीं चढ़ सकते थे। जब उसने यात्री से कहा कि वह सिर्फ अपने पिता के लिए थोड़ी देर बैठने की जगह मांग रहे हैं, तो वह व्यक्ति फिर भी गालियां देता रहा।
रात में किसी तरह हिम्मत करके शख्स के पिता साइड-अपर बर्थ पर चढ़ पाए। उन्होंने इस घटना की शिकायत ट्रेन के TTE से की, लेकिन उन्होंने बहुत ही लापरवाही से कहा, 'मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, इससे जाकर पूछो मुझसे नहीं।'
लोगों का सह-यात्री पर फूटा गुस्सायूजर ने इस पूरे अनुभव को सबसे बुरा बताया। पोस्ट वायरल होने पर कई लोगों ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया। एक ने कहा, 'मैं तो उसे एक मुक्का मार देता।' दूसरे यूजर ने यह भी लिखा, 'इसे पढ़कर बहुत दुख हुआ।' एक और यूज़र ने कहा, 'अपने परिवार की रक्षा करने के लिए खुद को मजबूत बनाओ।'
यूजर ने रेडिट पोस्ट में लिखा, 'एक लड़के ने मेरे 73 साल के पापा को सिर्फ एक सीट के लिए गाली दी।' इस पोस्ट में यूजर ने पूरी घटना का जिक्र किया। उसने बताया कि उन्हें और उनके पिता को साइड-अपर और अपर बर्थ मिली थी, जिसके चलते उनके बीमार पिता को दिन में बैठने में दिक्कत हो रही थी।
सीट के लिए की गाली-गलौजयूजर ने रेडिट पर लिखा, 'मैंने सुना है कि अगर किसी को साइड-अपर सीट मिलती है, तो वह सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक साइड-लोअर सीट पर बैठ सकता है।' उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने टिकट बुक किया था और उन्हें रेलवे के नियमों की पूरी जानकारी नहीं थी।
जब यूजर ने बहुत आराम से एक सह-यात्री से थोड़ा एडजस्ट करने और अपने पापा को थोड़ी देर साइड-लोअर बर्थ पर बैठने देने की बात कही, तो उस यात्री ने बहुत गुस्से से जवाब दिया। यूजर ने लिखा, 'मैंने कहा भैया, आप थोड़ा सरक जाएं तो मेरे पापा को बैठना है।' जिसके बाद उसने जवाब दिया, ‘यह सीट पूरी मेरी है, कहीं और बिठा इसको।'
TTE ने भी नहीं की मदद
शख्स ने बताया कि उनके पिता को दिल और पैर से जुड़ी तकलीफ है, जिस कारण वे ऊपर की सीट पर नहीं चढ़ सकते थे। जब उसने यात्री से कहा कि वह सिर्फ अपने पिता के लिए थोड़ी देर बैठने की जगह मांग रहे हैं, तो वह व्यक्ति फिर भी गालियां देता रहा।

रात में किसी तरह हिम्मत करके शख्स के पिता साइड-अपर बर्थ पर चढ़ पाए। उन्होंने इस घटना की शिकायत ट्रेन के TTE से की, लेकिन उन्होंने बहुत ही लापरवाही से कहा, 'मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, इससे जाकर पूछो मुझसे नहीं।'
लोगों का सह-यात्री पर फूटा गुस्सायूजर ने इस पूरे अनुभव को सबसे बुरा बताया। पोस्ट वायरल होने पर कई लोगों ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया। एक ने कहा, 'मैं तो उसे एक मुक्का मार देता।' दूसरे यूजर ने यह भी लिखा, 'इसे पढ़कर बहुत दुख हुआ।' एक और यूज़र ने कहा, 'अपने परिवार की रक्षा करने के लिए खुद को मजबूत बनाओ।'
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