नई दिल्लीः भारत ने अपनी सुरक्षा को और भी मजबूत कर लिया है। देश में ही बने आकाश मिसाइल सिस्टम ने कमाल कर दिखाया है। इस सिस्टम ने पाकिस्तान की तरफ से हो रहे ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया है। 8 और 9 मई की रात को भारतीय सेना ने एक बड़ी सफलता हासिल की। पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी सीमा और LoC पर ड्रोन से कई बार घुसपैठ करने की कोशिश की। लेकिन, भारतीय सेना ने उन सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया।रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारत में बना आकाश मिसाइल सिस्टम बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है। इसने पाकिस्तानी हमलों को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय सेना और वायु सेना, दोनों ने ही इस मिसाइल सिस्टम को पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया है। रक्षा अधिकारियों ने कहा, भारत में बने आकाश मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हमलों को रोकने के लिए किया है। भारतीय सेना और वायु सेना, दोनों के पास यह मिसाइल सिस्टम पाकिस्तान की सीमा पर मौजूद है।आकाश डिफेंस सिस्टम एक आधुनिक मिसाइल सिस्टम है। यह हवा में मौजूद खतरों से सुरक्षा करता है। यह मिसाइल सिस्टम कम दूरी की मारक क्षमता रखता है। यह चलते-फिरते सैनिकों के साथ-साथ जरूरी जगहों को भी सुरक्षा प्रदान करता है। पढ़िए आकाश डिफेंस मिसाइल सिस्टम की कुछ खास बातें हैं: यह एक कम दूरी का surface-to-air missile (SAM) है। मतलब यह जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह हवा में होने वाले हमलों से सुरक्षा मुहैया कराती है। इसमें कई आधुनिक फीचर्स हैं और यह अलग-अलग जगहों पर आसानी से जा सकती है। इस मिसाइल का मुख्य काम दुश्मन के विमानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों से जरूरी जगहों और चीजों को बचाना है। यह सिस्टम एक साथ कई खतरों से निपट सकता है। यह ग्रुप में या अकेले भी काम कर सकता है। यह अलग-अलग सेंसर से जानकारी लेता है और खतरों का पता लगाता है। इससे यह एक ही समय में कई खतरों को निशाना बना सकता है। आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम 4.5 किमी से 25 किमी तक की दूरी तक मार कर सकता है। यह मीडियम रेंज का सतह से हवा में मार करने वाला सिस्टम है। यह मध्यम दूरी तक हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह सैनिकों को हवाई हमलों से बचाता है। यह मिसाइल 100 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। यह सिस्टम बहुत ही लचीला है और इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। यह ग्रुप में या अकेले भी काम कर सकता है। यह कमांड गाइडेंस का इस्तेमाल करता है। इसे कमांड देकर चलाया जाता है। यह मिसाइल को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए phased array guidance radar का इस्तेमाल करता है। यह रडार मिसाइल को तब तक गाइड करता है जब तक कि वह लक्ष्य को भेद नहीं देती। आकाश मिसाइल 5.87 मीटर लंबी है, इसका व्यास 350 मिलीमीटर है और इसका वजन लगभग 710 किलोग्राम है। यह पूरा सिस्टम मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लगा हुआ है। यानी इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसे सड़क और रेल के जरिए ले जाया जा सकता है और इसे जल्दी से तैनात किया जा सकता है। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। यह अपने आप ही खतरों का पता लगाता है और उन्हें मार गिराता है। इसमें Electronic Counter-Counter Measures (ECCM) लगे हुए हैं। यह जैमिंग को रोकने में सक्षम है। जैमिंग का मतलब है कि दुश्मन मिसाइल के सिग्नल को जाम करने की कोशिश करता है। इसका ओपन सिस्टम आर्किटेक्चर है। इसका मतलब है कि इसे मौजूदा और भविष्य के एयर डिफेंस नेटवर्क में आसानी से जोड़ा जा सकता है। इस मिसाइल सिस्टम के आने से भारत की सुरक्षा और भी मजबूत हो गई है। यह दुश्मन के ड्रोन और विमानों को मार गिराने में सक्षम है। इससे भारत की सीमाएं सुरक्षित रहेंगी।
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