ठाणे: महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गया है। कल्याण डोंबिवली में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया है। क्योंकि शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के वरिष्ठ नेता दीपेश म्हात्रे ठाकरे गुट छोड़कर सीधे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। यह बीजेपी के शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए एक बड़ा झटका है। शिवसेना विभाजन के बाद दीपेश म्हात्रे एकनाथ शिंदे के गुट में थे। लेकिन बाद में उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ जाने का फैसला किया। दीपेश म्हात्रे के सांसद श्रीकांत शिंदे के साथ अच्छे संबंध थे। उद्धव ठाकरे के साथ भी उनके अच्छे संबंध थे। हालांकि दीपेश म्हात्रे के अब बीजेपी में शामिल होने से कई लोगों की भौंहें तन गई हैं।
कौन हैं दीपेश म्हात्रे?
दरअसल दीपेश म्हात्रे एक पूर्व नगरसेवक हैं। कल्याण डोंबिवली में उनकी काफी प्रसिद्धि है। उनके भाषण और व्यवहार की आम जनता सराहना करती है। इसलिए आम लोगों के मन में उनके लिए विशेष सम्मान है। आम लोग भी दीपेश म्हात्रे के काम करने के तरीके को पसंद करते हैं। दीपेश म्हात्रे के उद्धव ठाकरे की पार्टी में होने के बाद से माना जा रहा था कि डोंबिवली में उनकी पार्टी की अच्छी पकड़ है। लेकिन अब, जब से दीपेश म्हात्रे ने ठाकरे की पार्टी छोड़ी है, ठाकरे की शिवसेना को बड़ा झटका लगा है।
एकनाथ शिंदे की शिवसेना की टेंशन बढ़ी
कल्याण-डोंबिवली एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। सांसद श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। इसलिए यहां उनकी पकड़ मजबूत है। लेकिन अब बीजेपी कल्याण-डोंबिवली में पार्टी को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है। इसलिए कई अच्छे नेता दूसरी पार्टियों से बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर बीजेपी की ताकत बढ़ रही है।
बीजेपी ने एक तीर से साधे दो निशाने
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण डोंबिवली से हैं। इसलिए वे दूसरी पार्टियों के कद्दावर नेताओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहे हैं। अब एकनाथ शिंदे गुट के नेता को पार्टी में शामिल करके बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। क्योंकि एक तरफ ठाकरे की पार्टी को झटका लगा है। साथ ही भविष्य में दीपेश म्हात्रे शिंदे के शिवसेना में शामिल होने की संभावना भी खत्म हो गई है।
कौन हैं दीपेश म्हात्रे?
दरअसल दीपेश म्हात्रे एक पूर्व नगरसेवक हैं। कल्याण डोंबिवली में उनकी काफी प्रसिद्धि है। उनके भाषण और व्यवहार की आम जनता सराहना करती है। इसलिए आम लोगों के मन में उनके लिए विशेष सम्मान है। आम लोग भी दीपेश म्हात्रे के काम करने के तरीके को पसंद करते हैं। दीपेश म्हात्रे के उद्धव ठाकरे की पार्टी में होने के बाद से माना जा रहा था कि डोंबिवली में उनकी पार्टी की अच्छी पकड़ है। लेकिन अब, जब से दीपेश म्हात्रे ने ठाकरे की पार्टी छोड़ी है, ठाकरे की शिवसेना को बड़ा झटका लगा है।
एकनाथ शिंदे की शिवसेना की टेंशन बढ़ी
कल्याण-डोंबिवली एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। सांसद श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। इसलिए यहां उनकी पकड़ मजबूत है। लेकिन अब बीजेपी कल्याण-डोंबिवली में पार्टी को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है। इसलिए कई अच्छे नेता दूसरी पार्टियों से बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर बीजेपी की ताकत बढ़ रही है।
बीजेपी ने एक तीर से साधे दो निशाने
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण डोंबिवली से हैं। इसलिए वे दूसरी पार्टियों के कद्दावर नेताओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहे हैं। अब एकनाथ शिंदे गुट के नेता को पार्टी में शामिल करके बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। क्योंकि एक तरफ ठाकरे की पार्टी को झटका लगा है। साथ ही भविष्य में दीपेश म्हात्रे शिंदे के शिवसेना में शामिल होने की संभावना भी खत्म हो गई है।
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