नई दिल्ली: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को रोके जाने का मामला गरमा गया है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। राष्ट्रीय लोक दल के नेता मालूक नागर ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने के मुद्दे पर सवाल उठाने को लेकर तीखा हमला बोला है।
नागर ने आरोप लगाया कि चिदंबरम के सवाल पाकिस्तान के पक्ष में हैं और अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के खिलाफ हैं। उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे सवाल देश को आतंकवादी हमलों की आग में झोंक सकते हैं। यह बयान चिदंबरम की ओर से अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखे जाने पर व्यक्त की गई निराशा के बाद आया है। मालूक नागर ने पी. चिदंबरम के सवालों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'उन्हें सोचना चाहिए कि वे किस तरह के सवाल उठा रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत का दौरा किया और कुछ अनुरोध किए, जिन पर उनकी मांग के अनुसार निर्णय लिया गया। नागर ने आरोप लगाया कि 'इंडिया गठबंधन, पी. चिदंबरम और कांग्रेस के बड़े नेता ऐसे सवाल पूछते हैं जो पाकिस्तान के पक्ष में होते हैं और अफगानिस्तान और बलूचिस्तान या हमारे देश के खिलाफ होते हैं।'
'पाकिस्तान दोनों तरफ से घिरा'उन्होंने चिंता व्यक्त की कि क्या वे देश को उन आतंकवादी हमलों की आग में झोंकना चाहते हैं, जिन्हें पाकिस्तान लगातार अंजाम देता रहता है। कूटनीति के महत्व पर जोर देते हुए, आरएलडी नेता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर, 'पाकिस्तान अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के बीच दोनों तरफ से घिरा रहेगा, और हमारा देश प्रगति करता रहेगा और आगे बढ़ता रहेगा।'
क्या बोले चिदंबरम?पी. चिदंबरम ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने पर गहरा सदमा और निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि पुरुष पत्रकारों को अपनी महिला सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार करना चाहिए था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, 'मुझे सदमा लगा है कि अफगानिस्तान के श्री अमीर खान मुत्ताकी की ओर से संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया था। मेरे व्यक्तिगत विचार में, पुरुष पत्रकारों को तब बाहर निकल जाना चाहिए था जब उन्हें पता चला कि उनकी महिला सहयोगियों को आमंत्रित नहीं किया गया था)।
क्या है मामला? नई दिल्ली में तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जहां पर भारतीय महिला पत्रकारों को अफगानिस्तान दूतावास में भाग लेने से रोक दिया गया था। तालिबान मंत्री 9 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक भारत की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं।
नागर ने आरोप लगाया कि चिदंबरम के सवाल पाकिस्तान के पक्ष में हैं और अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के खिलाफ हैं। उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे सवाल देश को आतंकवादी हमलों की आग में झोंक सकते हैं। यह बयान चिदंबरम की ओर से अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखे जाने पर व्यक्त की गई निराशा के बाद आया है। मालूक नागर ने पी. चिदंबरम के सवालों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'उन्हें सोचना चाहिए कि वे किस तरह के सवाल उठा रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत का दौरा किया और कुछ अनुरोध किए, जिन पर उनकी मांग के अनुसार निर्णय लिया गया। नागर ने आरोप लगाया कि 'इंडिया गठबंधन, पी. चिदंबरम और कांग्रेस के बड़े नेता ऐसे सवाल पूछते हैं जो पाकिस्तान के पक्ष में होते हैं और अफगानिस्तान और बलूचिस्तान या हमारे देश के खिलाफ होते हैं।'
'पाकिस्तान दोनों तरफ से घिरा'उन्होंने चिंता व्यक्त की कि क्या वे देश को उन आतंकवादी हमलों की आग में झोंकना चाहते हैं, जिन्हें पाकिस्तान लगातार अंजाम देता रहता है। कूटनीति के महत्व पर जोर देते हुए, आरएलडी नेता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर, 'पाकिस्तान अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के बीच दोनों तरफ से घिरा रहेगा, और हमारा देश प्रगति करता रहेगा और आगे बढ़ता रहेगा।'
क्या बोले चिदंबरम?पी. चिदंबरम ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने पर गहरा सदमा और निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि पुरुष पत्रकारों को अपनी महिला सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार करना चाहिए था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, 'मुझे सदमा लगा है कि अफगानिस्तान के श्री अमीर खान मुत्ताकी की ओर से संबोधित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया था। मेरे व्यक्तिगत विचार में, पुरुष पत्रकारों को तब बाहर निकल जाना चाहिए था जब उन्हें पता चला कि उनकी महिला सहयोगियों को आमंत्रित नहीं किया गया था)।
क्या है मामला? नई दिल्ली में तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जहां पर भारतीय महिला पत्रकारों को अफगानिस्तान दूतावास में भाग लेने से रोक दिया गया था। तालिबान मंत्री 9 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक भारत की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं।
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