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आम्रपाली एक्सप्रेस में टाइम बम! 14-15 आतंकी... कानपुर स्टेशन पहुंची पुलिस, दो भाई की 'साजिश' का खुलासा, अरेस्ट

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कानपुर: पंजाब के अमृतसर से बिहार के कटिहार जा रही 15708-आम्रपाली एक्सप्रेस में टाइम बम होने की सूचना के बाद हड़कंप मचा। उत्तर प्रदेश के कानपुर सेंट्रल स्टेशन को हाई अलर्ट पर रखा गया। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पूरे ट्रेन की तलाशी ली। जांच के बाद बम की धमकी झूठी अफवाह निकली। हालांकि, गुरुवार देर रात रेलवे और पुलिस प्रशासन में इस सूचना ने हड़कंप मचा दिया था। ट्रेन में टाइम बम और 14-15 आतंकियों के घुसने की सूचना मिलने के बाद करीब 40 मिनट तक पूरी ट्रेन की तलाशी ली गई।



पुलिस की जांच में कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन इससे यात्रियों में भारी अफरा-तफरी मच गई। बाद में पुलिस ने फेथफुलगंज इलाके से दो सगे भाइयों दीपक चौहान (25) और अंकित चौहान (22) को गिरफ्तार किया। आरोप है उन लोगों ने यह फर्जी फोन कॉल सिर्फ सीट न मिलने की नाराजगी में की थी। इससे पूरा रेलवे महकमा परेशान हो गया।



एक कॉल से मचा हड़कंपगुरुवार रात 10:56 बजे रेलवे इंक्वायरी नंबर 139 पर एक कॉल आई। कॉलर ने बताया कि आम्रपाली एक्सप्रेस की जनरल बोगी में टाइम बम लगा है। ट्रेन में 14-15 आतंकी मौजूद हैं, जिनमें एक काले टीशर्ट वाला लड़का बैग लेकर बैठा है। ट्रेन की खिड़की भी तोड़ दी गई है और ट्रेन कानपुर सेंट्रल आने वाली है। यह संदेश मिलते ही जीआरपी, कमिश्नरेट पुलिस, बम निरोधक दस्ता (BDDS), फायर ब्रिगेड और ATS तक सभी एजेंसियां सतर्क हो गईं।



एसीपी कैंट आकांक्षा पांडे, जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह और एलआईयू की टीमें तुरंत स्टेशन पहुंचीं। रात 12:20 बजे आम्रपाली एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर पहुंची। सुरक्षा एजेंसियों ने हर बोगी की तीन बार तलाशी ली। यात्रियों के बैग चेक किए गए, जनरल कोच के हर कोने को खंगाला गया। हालांकि, कोई बम या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।



40 मिनट बाद ट्रेन रवानाआम्रपाली एक्सप्रेस का कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पांच मिनट का ठहराव निर्धारित है। यहां से ट्रेन खुलने का निर्धारित समय 12:30 बजे है। ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद जांच की कार्रवाई में समय लगा। करीब 40 मिनट बाद रात 12:42 बजे ट्रेन को रवाना किया गया। इसके बाद पुलिस ने कॉलर के नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया। शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे नंबर एक्टिव हुआ, तो लोकेशन फेथफुलगंज मिली।



पुलिस टीम ने छापा मारकर दीपक और अंकित चौहान को दबोच लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया। उन्होंने बताया कि हम दिल्ली से ट्रेन में चढ़े थे। जनरल डिब्बा भरा हुआ था, सीट नहीं मिल रही थी। इटावा के पास तीन यात्रियों से झगड़ा हुआ। गुस्से में दीपक ने कंट्रोल रूम को फोन कर दिया कि ट्रेन में बम है। सोचा, ट्रेन रुकेगी तो जगह मिल जाएगी।



ट्रेन से उतरकर भागे थे दोनोंकानपुर पहुंचने पर फोर्स देखकर दोनों डर गए और ट्रेन से उतरकर भाग गए। वे फेथफुलगंज में छिपे थे, लेकिन फोन ऑन करते ही पकड़े गए। जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह ने बताया कि दोनों भाइयों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। दीपक मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है और उसका इलाज एलएलआर अस्पताल में चल रहा है। बावजूद इसके, इस हरकत को किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। रेलवे और पुलिस का बहुमूल्य समय इस अफवाह में बर्बाद हुआ।



दोनों के खिलाफ रेलवे एक्ट और IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। मामला अब एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) के पास पहुंच गया है। एजेंसी यह जांच कर रही है कि क्या यह सिर्फ एक शरारत थी या इसके पीछे किसी बड़े गिरोह या साजिश का लिंक है।



प्रशासन ने दी चेतावनीरेलवे और पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि इस प्रकार की झूठी सूचना देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी सूचनाओं से यात्रियों में भय की स्थिति बनती है। त्योहार के दौरान इस प्रकार की झूठी अफवाहों से कोई बड़ा मामला भी बन समा है। जीआरपी का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। यह राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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