कुरनूल : शुक्रवार सुबह हुई कुरनूल बस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक प्राइवेट बस में अचानक आग लग गई, जिसमें 20 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि बस कुछ ही मिनटों में आग के गोले में तब्दील हो गई और राख में बदल गई। जांच में सामने आया है कि बस में करीब 400 मोबाइल फोन का एक कंसाइनमेंट लदा हुआ था, जिनकी लिथियम-आयन बैटरियों ने आग को और भड़काने का काम किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बस एक बाइक से टकराई और उसे कुछ दूरी तक घसीटती चली गई। इसी दौरान बाइक के पेट्रोल टैंक के फटने से आग लग गई, जो देखते ही देखते पूरी बस में फैल गई। आग लगने के 10 से 15 मिनट के भीतर ही बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
कैस हुई आग की शुरुआत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि आग की शुरुआत बाइक के फ्यूल टैंक ब्लास्ट से हुई थी। लेकिन बस में रखे गए सैकड़ों मोबाइल फोन की बैटरियों ने आग को और तीव्र बना दिया। ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और अक्सर ये अनधिकृत इलेक्ट्रिकल बदलावों तथा गैर-कार्यात्मक इमरजेंसी एग्जिट्स के कारण होती हैं। कई बार बस मालिक यात्रियों को लग्जरी सुविधाएं देने के नाम पर बस के मूल विद्युत सिस्टम में छेड़छाड़ कर देते हैं, जिससे ओवरलोडिंग होती है और आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे बचा बस चालक?
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हादसे के वक्त बस चालक मिरियाला लक्ष्मैया (42) ने स्थिति को भांपने में देर कर दी थी। लेकिन जैसे ही आग तेजी से फैलने लगी, वह यात्री दरवाजे से कूदकर जान बचाने में सफल रहा। उसके साथ बस का सहायक चालक भी बाहर निकल आया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस हादसे में बस के 19 यात्री और एकबाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना कुरनूल जिले के चिन्नाटेकुरु गांव के पास हुई, जहां बस और बाइक में टक्कर के बाद यह भयावह आग लगी।
क्या बोले अग्निशमन के अधिकारी
अग्निशमन अधिकारियों ने इस हादसे के बाद एयर-कंडीशनिंग सिस्टम की नियमित सर्विसिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इनका रखरखाव ठीक से नहीं किया गया तो ज्यादा गरम हो सकते हैं। अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब तक तत्काल सुधारात्मक उपाय नहीं किए जाते हमारे राजमार्गों पर जान-माल के लिए खतरा बना रहेगा। वहीं कुरनूल त्रासदी की जांच जारी रहने के साथ विशेषज्ञ सरकार से सुरक्षा नियमों को और सख्ती से लागू करने, निजी बस ऑपरेटरों के लिए विद्युत प्रणाली की जांच अनिवार्य करने और बिना लाइसेंस वाली वर्कशॉप को दंडित करने का आग्रह कर रहे हैं।
कैस हुई आग की शुरुआत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि आग की शुरुआत बाइक के फ्यूल टैंक ब्लास्ट से हुई थी। लेकिन बस में रखे गए सैकड़ों मोबाइल फोन की बैटरियों ने आग को और तीव्र बना दिया। ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और अक्सर ये अनधिकृत इलेक्ट्रिकल बदलावों तथा गैर-कार्यात्मक इमरजेंसी एग्जिट्स के कारण होती हैं। कई बार बस मालिक यात्रियों को लग्जरी सुविधाएं देने के नाम पर बस के मूल विद्युत सिस्टम में छेड़छाड़ कर देते हैं, जिससे ओवरलोडिंग होती है और आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे बचा बस चालक?
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हादसे के वक्त बस चालक मिरियाला लक्ष्मैया (42) ने स्थिति को भांपने में देर कर दी थी। लेकिन जैसे ही आग तेजी से फैलने लगी, वह यात्री दरवाजे से कूदकर जान बचाने में सफल रहा। उसके साथ बस का सहायक चालक भी बाहर निकल आया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस हादसे में बस के 19 यात्री और एकबाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना कुरनूल जिले के चिन्नाटेकुरु गांव के पास हुई, जहां बस और बाइक में टक्कर के बाद यह भयावह आग लगी।
क्या बोले अग्निशमन के अधिकारी
अग्निशमन अधिकारियों ने इस हादसे के बाद एयर-कंडीशनिंग सिस्टम की नियमित सर्विसिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इनका रखरखाव ठीक से नहीं किया गया तो ज्यादा गरम हो सकते हैं। अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब तक तत्काल सुधारात्मक उपाय नहीं किए जाते हमारे राजमार्गों पर जान-माल के लिए खतरा बना रहेगा। वहीं कुरनूल त्रासदी की जांच जारी रहने के साथ विशेषज्ञ सरकार से सुरक्षा नियमों को और सख्ती से लागू करने, निजी बस ऑपरेटरों के लिए विद्युत प्रणाली की जांच अनिवार्य करने और बिना लाइसेंस वाली वर्कशॉप को दंडित करने का आग्रह कर रहे हैं।





