पटना: बिहार में शुक्रवार को बीजेपी के बड़े चुनावी अभियान की शुरुआत हुई और इसके साथ आरोप-प्रत्यारोप ने विधानसभा चुनाव का माहौल गर्मा दिया। पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा सहित बीजेपी के अन्य नेताओं की जनसभाओं से यह साफ हो गया कि बीजेपी सहित एनडीए के अन्य दल भ्रष्टाचार, बांग्लादेशी घुसपैठ, अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण, वंशवाद जैसे मुद्दों को लेकर बिहार के चुनाव में विपक्षी दलों के महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) पर हमले करते रहेंगे। पीएम मोदी ने आरजेडी के नेताओं को ‘सबसे भ्रष्ट और जमानत पर छूटे हुए लोग’ कहा। अमित शाह ने कहा- 'लालू यादव के बेटे का सूपड़ा साफ होने वाला है।'
महागठबंधन को ‘महालठबंधन’ क्यों कहा?पीएम मोदी ने शुक्रवार को बिहार के समस्तीपुर और बेगूसराय में चुनावी अभियान का आगाज किया। उन्होंने महागठबंधन को ‘महालठबंधन’ कहा। महालठबंधन शब्द बीजेपी ने ईजाद किया है, यह हिन्दी की शब्दावली में नहीं है। इसे लट्ठ या लाठी से जोड़कर बनाया गया है। लट्ठधारी यानी ताकत अनैतिक इस्तेमाल करने वाले लोग, जिन्हें राजनीति की भाषा में 'बाहुबली' भी कहा जाने लगा है। यानी पीएम मोदी का तात्पर्य ऐसे बाहुबलियों के गठबंधन से है जिनके कारण तीन दशक पहले तक बिहार में चुनाव मजाक बने हुए थे। राजनीति में गुंडागर्दी हावी थी। पीएम मोदी ने ‘महालठबंधन’ शब्द के जरिए लालू यादव के बिहार के मुख्यमंत्री काल की याद दिलाई।
‘जंगल राज' से क्या है तात्पर्य?बीजेपी विपक्ष पर प्रहार के लिए एक अन्य शब्द ‘जंगल राज' का इस्तेमाल कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि, जंगल राज से सबसे अधिक पीड़ित हमारी माताएं और बहनें तथा कमजोर वर्ग के लोग थे। आरजेडी के शासनकाल में फिरौती, अपहरण, हत्या और रंगदारी उद्योग की तरह फल-फूल रहे थे। ‘जंगल राज' शब्द का अर्थ है, ऐसा राज जिसमें कोई कायदे कानून न हों, जैसे कि जंगल का कोई कानून नहीं होता। यानी जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसी स्थिति बनना है।
'जमानत पर छूटे हुए लोग'पीएम मोदी ने लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के लिए कहा कि इसके नेता सबसे भ्रष्ट और जमानत पर छूटे हुए लोग हैं। उन्होंने कहा कि, बिहार के लोग उन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते जो जमानत पर छूटे हुए लोग हैं। उन्होंने यह बात कहकर तेजस्वी यादव और लालू यादव को निशाना बनाया जिन पर नौकरी के बदले जमीन हड़पने का आरोप है। लालू यादव के कथित भ्रष्टाचार को बीजेपी ने अपना हथियार बना लिया है। लालू यादव को चारा घोटाले में सजा मिल चुकी है और आईआरसीटीसी होटल घोटाले में उनके अलावा उनकी पत्नी रबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं।
'लालू यादव के बेटे'केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने भी शुक्रवार को बिहार के सीवान और बक्सर में चुनावी रैलियों में महागठबंधन और खास तौर पर आरजेडी पर जोरदार हमले किए। अमित शाह ने कहा, "14 तारीख को दोपहर 1 बजे लालू यादव के बेटे का सूपड़ा साफ होने वाला है और फिर से एक बार पीएम मोदी के नेतृत्व में यहां एनडीए की सरकार बनेगी।" सवाल यह है कि अमित शाह ने सीधे तेजस्वी यादव का नाम न लेकर 'लालू यादव के बेटे' क्यों कहा? उन्होंने ऐसा इसलिए कहा ताकि लोग सीधे तौर पर तेजस्वी को लालू यादव से जोड़कर देखें। वही लालू यादव जो चारा घोटाले में सजायाप्ता हैं और जिन पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले, बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) भर्ती घोटाले और आईआरसीटीसी होटल घोटाले के आरोप हैं। शाह ने लालू यादव की बदनामी का इस्तेमाल उनके उस बेटे को निशाना बनाने के लिए किया जो जिसके नेतृत्व में महागठबंधन बिहार चुनाव लड़ रहा है और जो विपक्ष का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित हो चुका है।
'शहाबुद्दीन के बेटे'
अमित शाह ने कहा, ''लालू यादव ने शहाबुद्दीन के बेटे (ओसामा शहाब) को टिकट देकर यह साबित कर दिया है कि वे बिहार में फिर से जंगलराज लाना चाहते हैं। आरजेडी अपराधियों के परिजनों को टिकट देती है।'' यहां भी उन्होंने ओसामा शहाब का नाम न लेकर उन्हें 'शहाबुद्दीन का बेटा' कहा। किसी जमाने में कुख्यात रहे नेता शहाबुद्दीन पर कई संगीन आरोप थे। शाह ने यहां शहाबुद्दीन की कुख्याती का इस्तेमाल उनके बेटे को निशाना बनाने के लिए किया।
पलायन का मुद्दा उठाने वाले ही कटघरे मेंकेंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शुक्रवार को हाजीपुर में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, "15 साल का एक ऐसा कालखंड आया लालू यादव का, जिसने बिहार को बहुत नीचे पहुंचा दिया। जंगलराज पैदा कर दिया। आज तेजस्वी यादव पलायन की बात कर रहे हैं। शर्म आनी चाहिए तुम लोग को, आपको बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि तुम्हारी वजह से लोगों को पलायन करना पड़ रहा था और आज तुम पलायन की चर्चा कर रहे हो।" विपक्ष ने बिहार से युवाओं के रोजगार के लिए पलायन को मुद्दा बनाया है। नड्डा ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
बीजेपी वंशवाद को लेकर आरजेडी और कांग्रेस दोनों को निशाना बना रही है। सीताराम केसरी को कांग्रेस में सम्मान न मिलने के लिए पीएम मोदी ने गांधी परिवार को दोषी ठहराया। यह कांग्रेस पर वंशवाद को लेकर ही प्रहार था। अमित शाह ने बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) का विरोध करने पर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं को घुसपैठियों का हितैषी करार दिया।
महागठबंधन को ‘महालठबंधन’ क्यों कहा?पीएम मोदी ने शुक्रवार को बिहार के समस्तीपुर और बेगूसराय में चुनावी अभियान का आगाज किया। उन्होंने महागठबंधन को ‘महालठबंधन’ कहा। महालठबंधन शब्द बीजेपी ने ईजाद किया है, यह हिन्दी की शब्दावली में नहीं है। इसे लट्ठ या लाठी से जोड़कर बनाया गया है। लट्ठधारी यानी ताकत अनैतिक इस्तेमाल करने वाले लोग, जिन्हें राजनीति की भाषा में 'बाहुबली' भी कहा जाने लगा है। यानी पीएम मोदी का तात्पर्य ऐसे बाहुबलियों के गठबंधन से है जिनके कारण तीन दशक पहले तक बिहार में चुनाव मजाक बने हुए थे। राजनीति में गुंडागर्दी हावी थी। पीएम मोदी ने ‘महालठबंधन’ शब्द के जरिए लालू यादव के बिहार के मुख्यमंत्री काल की याद दिलाई।
‘जंगल राज' से क्या है तात्पर्य?बीजेपी विपक्ष पर प्रहार के लिए एक अन्य शब्द ‘जंगल राज' का इस्तेमाल कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि, जंगल राज से सबसे अधिक पीड़ित हमारी माताएं और बहनें तथा कमजोर वर्ग के लोग थे। आरजेडी के शासनकाल में फिरौती, अपहरण, हत्या और रंगदारी उद्योग की तरह फल-फूल रहे थे। ‘जंगल राज' शब्द का अर्थ है, ऐसा राज जिसमें कोई कायदे कानून न हों, जैसे कि जंगल का कोई कानून नहीं होता। यानी जिसकी लाठी उसकी भैंस जैसी स्थिति बनना है।
'जमानत पर छूटे हुए लोग'पीएम मोदी ने लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के लिए कहा कि इसके नेता सबसे भ्रष्ट और जमानत पर छूटे हुए लोग हैं। उन्होंने कहा कि, बिहार के लोग उन लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते जो जमानत पर छूटे हुए लोग हैं। उन्होंने यह बात कहकर तेजस्वी यादव और लालू यादव को निशाना बनाया जिन पर नौकरी के बदले जमीन हड़पने का आरोप है। लालू यादव के कथित भ्रष्टाचार को बीजेपी ने अपना हथियार बना लिया है। लालू यादव को चारा घोटाले में सजा मिल चुकी है और आईआरसीटीसी होटल घोटाले में उनके अलावा उनकी पत्नी रबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं।
'लालू यादव के बेटे'केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने भी शुक्रवार को बिहार के सीवान और बक्सर में चुनावी रैलियों में महागठबंधन और खास तौर पर आरजेडी पर जोरदार हमले किए। अमित शाह ने कहा, "14 तारीख को दोपहर 1 बजे लालू यादव के बेटे का सूपड़ा साफ होने वाला है और फिर से एक बार पीएम मोदी के नेतृत्व में यहां एनडीए की सरकार बनेगी।" सवाल यह है कि अमित शाह ने सीधे तेजस्वी यादव का नाम न लेकर 'लालू यादव के बेटे' क्यों कहा? उन्होंने ऐसा इसलिए कहा ताकि लोग सीधे तौर पर तेजस्वी को लालू यादव से जोड़कर देखें। वही लालू यादव जो चारा घोटाले में सजायाप्ता हैं और जिन पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले, बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) भर्ती घोटाले और आईआरसीटीसी होटल घोटाले के आरोप हैं। शाह ने लालू यादव की बदनामी का इस्तेमाल उनके उस बेटे को निशाना बनाने के लिए किया जो जिसके नेतृत्व में महागठबंधन बिहार चुनाव लड़ रहा है और जो विपक्ष का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित हो चुका है।
'शहाबुद्दीन के बेटे'
अमित शाह ने कहा, ''लालू यादव ने शहाबुद्दीन के बेटे (ओसामा शहाब) को टिकट देकर यह साबित कर दिया है कि वे बिहार में फिर से जंगलराज लाना चाहते हैं। आरजेडी अपराधियों के परिजनों को टिकट देती है।'' यहां भी उन्होंने ओसामा शहाब का नाम न लेकर उन्हें 'शहाबुद्दीन का बेटा' कहा। किसी जमाने में कुख्यात रहे नेता शहाबुद्दीन पर कई संगीन आरोप थे। शाह ने यहां शहाबुद्दीन की कुख्याती का इस्तेमाल उनके बेटे को निशाना बनाने के लिए किया।
पलायन का मुद्दा उठाने वाले ही कटघरे मेंकेंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शुक्रवार को हाजीपुर में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, "15 साल का एक ऐसा कालखंड आया लालू यादव का, जिसने बिहार को बहुत नीचे पहुंचा दिया। जंगलराज पैदा कर दिया। आज तेजस्वी यादव पलायन की बात कर रहे हैं। शर्म आनी चाहिए तुम लोग को, आपको बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि तुम्हारी वजह से लोगों को पलायन करना पड़ रहा था और आज तुम पलायन की चर्चा कर रहे हो।" विपक्ष ने बिहार से युवाओं के रोजगार के लिए पलायन को मुद्दा बनाया है। नड्डा ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
बीजेपी वंशवाद को लेकर आरजेडी और कांग्रेस दोनों को निशाना बना रही है। सीताराम केसरी को कांग्रेस में सम्मान न मिलने के लिए पीएम मोदी ने गांधी परिवार को दोषी ठहराया। यह कांग्रेस पर वंशवाद को लेकर ही प्रहार था। अमित शाह ने बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) का विरोध करने पर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं को घुसपैठियों का हितैषी करार दिया।
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