सूरत : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का बड़ा बयान सामने आया है। 4 मई को सूरत में एक बिज़नेस इवेंट में वह शामिल हुए। उन्होंने यहां न कोई बुके लिया न ही कोई स्मृतिचिन्ह। उन्होंने इसे लेकर भाषण भी दिया। सीआर पाटिल ने कहा कि जब तक हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का बदला नहीं लिया जाता, तब तक वह किसी भी तरह का स्वागत स्वीकार नहीं करेंगे।ग्लोबल इन्वेस्टर कांफ्रेंस में पहुंचने के बाद सीआर पाटिल ने भाषण दिया। भाषण के बाद, जब आयोजकों ने उन्हें गुलदस्ता देकर सम्मानित करने की घोषणा की तो पाटिल ने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने मंच संचालक को बताया कि वह कोई भी सम्मान स्वीकार नहीं करेंगे। मंच से हुआ ऐलानसीआर पाटिल ने 'नो वेलकम, टिल देयर इज रिवेंज' मतलब जब तक बदला नहीं लिया जाता, तब तक कोई स्वागत नहीं। आयोजकों ने उन्हें स्मृति चिन्ह (memento) देने की भी पेशकश की, लेकिन पाटिल ने इससे भी इनकार कर दिया। मंच पर मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने फैसला किया है कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिए जाने तक उनका स्वागत गुलदस्ते या स्मृति चिन्ह से नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए हम यहां सिर्फ ग्रुप फोटो के लिए खड़े होंगे। लोगों ने फैसले का किया स्वागतपाटिल ने दोनों हाथों से लोगों का अभिवादन किया, और लोगों ने उनके इस जेस्चर की सराहना की। अशोक मेहता नाम के एक व्यवसायी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिए जाने तक कोई स्वागत नहीं होगा।पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। सरकार ने आतंकवाद को कुचलने के लिए भारत के राष्ट्रीय संकल्प को दोहराया है। सरकार ने कहा है कि हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी और इसके पीछे साजिश करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। पाकिस्तान पर सीआर पाटिल की टेढ़ी नजरेंपहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इसके बाद सीआर पाटिल ने कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सिंधु नदी से पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी न मिले। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा था कि मोदी सरकार द्वारा सिंधु जल संधि पर लिया गया ऐतिहासिक निर्णय पूरी तरह से उचित और राष्ट्रीय हित में है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सिंधु नदी से पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी न जाए।पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर पाटिल सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए। इनमें अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना, सभी पाकिस्तानियों के वीजा रद्द करना और देश भर में पाकिस्तान के उच्चायोगों की संख्या को कम करना शामिल है।
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