नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत से पहले ही जोरदार हमला बोला है। पार्टी महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी से तीन सवाल पूछे हैं। बाद में उन्होंने एक इंटरव्यू में भी इसी तरह के प्रश्न किए हैं। इसमें जयराम रमेश ने दावा किया है कि बीजेपी की पूर्ववर्ती पार्टी जनसंघ और आरएसएस ने बिहार में कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिराई थी। दरअसल, पीएम मोदी ने बिहार में चुनाव प्रचार का आगाज उन्हीं की जन्मस्थली समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ग्राम से की है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने ही इस समाजवादी नेता को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा था।
'जनसंघ,आरएसएस की ओर से माफी मांगेंगे?'
अपने एक्स पोस्ट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा है, ' कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी...क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज -जनसंघ और आरएसएस ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था?' उन्होंने आगे लिखा, 'क्या उस समय जनसंघ,आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर जी के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए गए थे? क्या उस दौर में जनसंघ, आरएसएस के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी?...' उन्होंने कथित रूप कर्पूरी सरकार गिराने के आरोपों के साथ यह भी पूछा है कि 'क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों, जनसंघ और आरएसएस की ओर से माफी मांगेंगे?'
अप्रैल 1979 में गिरी थी कर्पूरी ठाकुर की सरकार
उन्होंने यही दावे, आरोप और सवाल न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में भी दोहराए हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने बार-बार कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिरने का साल 1989 बताया है, जबकि उनका दूसरा कार्यकाल अप्रैल 1979 तक का ही था और 1980 से कांग्रेस का फिर से सत्ता पर कब्जा हुआ और 1990 तक उसी ने सरकार चलाई।
दलितों, पिछड़ों के अपमान का भी आरोप
जयराम रमेश ने दूसरा सवाल ये किया है कि जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग को कथित रूप से'अर्बन नक्सल एजेंडा' कहकर 'क्या आपने दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों का अपमान नहीं किया?' उन्होंने तीसरा सवाल ये किया है कि 'आपने और आपके 'ट्रबल इंजन' सरकार ने बिहार के जातिगत सर्वे के बाद पिछड़ों,अति पिछड़ों,दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को 65% करने के विधानसभा प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला?' उनका दावा है कि कांग्रेस ने '1994 में तमिलनाडु के 69% आरक्षण को जैसे 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुरक्षा दी थी, वैसे ही बिहार के 65% आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी?'
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए इस बार दो चरणों में चुनाव हो रहा है। पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे में 11 नवंबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी-जेडीयू की अगवाई वाले एनडीए और आरजेडी-कांग्रेस की अगुवाई वाले महागठबंधन के बीच होना है।
'जनसंघ,आरएसएस की ओर से माफी मांगेंगे?'
अपने एक्स पोस्ट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा है, ' कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी...क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज -जनसंघ और आरएसएस ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था?' उन्होंने आगे लिखा, 'क्या उस समय जनसंघ,आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर जी के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए गए थे? क्या उस दौर में जनसंघ, आरएसएस के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी?...' उन्होंने कथित रूप कर्पूरी सरकार गिराने के आरोपों के साथ यह भी पूछा है कि 'क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों, जनसंघ और आरएसएस की ओर से माफी मांगेंगे?'
प्रधानमंत्री आज कर्पूरी ठाकुर जी के गाँव जा रहे हैं। उनके लिए तीन सीधे सवाल -
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 24, 2025
1. कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी। क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज -जनसंघ और आरएसएस - ने उनकी आरक्षण नीति का…
अप्रैल 1979 में गिरी थी कर्पूरी ठाकुर की सरकार
उन्होंने यही दावे, आरोप और सवाल न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में भी दोहराए हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने बार-बार कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिरने का साल 1989 बताया है, जबकि उनका दूसरा कार्यकाल अप्रैल 1979 तक का ही था और 1980 से कांग्रेस का फिर से सत्ता पर कब्जा हुआ और 1990 तक उसी ने सरकार चलाई।
#WATCH | Delhi: On PM Modi's visit to Bihar today, Congress MP Jairam Ramesh says, "He is going to the village of Jananayak Karpoori Thakur, and in this context, we have asked three questions from the Prime Minister. The first question is: isn't it true that in April 1989, the… pic.twitter.com/QgFuMV68wT
— ANI (@ANI) October 24, 2025
दलितों, पिछड़ों के अपमान का भी आरोप
जयराम रमेश ने दूसरा सवाल ये किया है कि जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग को कथित रूप से'अर्बन नक्सल एजेंडा' कहकर 'क्या आपने दलितों, पिछड़ों, अति-पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों का अपमान नहीं किया?' उन्होंने तीसरा सवाल ये किया है कि 'आपने और आपके 'ट्रबल इंजन' सरकार ने बिहार के जातिगत सर्वे के बाद पिछड़ों,अति पिछड़ों,दलितों और आदिवासियों के आरक्षण को 65% करने के विधानसभा प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला?' उनका दावा है कि कांग्रेस ने '1994 में तमिलनाडु के 69% आरक्षण को जैसे 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुरक्षा दी थी, वैसे ही बिहार के 65% आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी?'
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए इस बार दो चरणों में चुनाव हो रहा है। पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे में 11 नवंबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी-जेडीयू की अगवाई वाले एनडीए और आरजेडी-कांग्रेस की अगुवाई वाले महागठबंधन के बीच होना है।
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