नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम ( एमसीडी ) में हड़ताल पर बैठे मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) कर्मचारियों की समस्याओं पर बनी समिति की पहली बैठक बेनतीजा रही। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष एवं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अंकुश नारंग ने इस पर भाजपा और मेयर राजा इकबाल सिंह को जमकर घेरा।
अंकुश नारंग ने कहा कि दीपावली के मौके पर भाजपा ने कर्मचारियों को राहत देने के बजाय समिति बनाकर सिर्फ झुनझुना पकड़ा दिया है। समिति की पहली बैठक में न तो मेयर राजा इकबाल सिंह पहुंचे और न ही एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ऐसे में बैठक का कोई परिणाम निकलना संभव ही नहीं था।
समस्या सुलझाने की नीयत नहींउन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने समिति का गठन तो कर दिया, लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने की नीयत नहीं है। बीते 25 दिनों से एमटीएस कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। नारंग ने कहा कि हिंदू त्योहारों के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा ने उन्हीं हिंदू कर्मचारियों को दशहरा, करवाचौथ, दीपावली और अब छठ महापर्व भी सड़क पर मनाने को मजबूर कर दिया।
कर्मचारियों की काली कर दी दिवालीउन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इन कर्मचारियों की दीपावली 'काली दीपावली' में बदल दी है। अधिकारी कर्मचारियों की संख्या और खर्च को लेकर गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं। एमसीडी में एमटीएस की कुल संख्या 9 हजार है, न कि 33 हजार जैसा कि अधिकारियों ने बताया है। वहीं, 400 करोड़ रुपए का जो अतिरिक्त खर्च बताया जा रहा है, वह भी झूठा है। उन्होंने कहा कि सिफ 9 हजार एमटीएस कर्मचारियों को समान वेतन देने पर करीब 90 करोड़ रुपए और 5200 कर्मचारियों पर 41 करोड़ रुपए का ही अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बजट नहीं जुटा पा रहे तो इस्तीफा...नारंग ने कहा कि भाजपा की चारों इंजन की सरकार, केंद्र, राज्य, उपराज्यपाल और एमसीडी, दिल्ली में होने के बावजूद कर्मचारियों की समस्या हल नहीं कर पा रही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और महापौर राजा इकबाल सिंह सभी भाजपा से हैं। अगर ये 41 करोड़ रुपए का बजट भी नहीं जुटा पा रहे तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
अंकुश नारंग ने कहा कि दीपावली के मौके पर भाजपा ने कर्मचारियों को राहत देने के बजाय समिति बनाकर सिर्फ झुनझुना पकड़ा दिया है। समिति की पहली बैठक में न तो मेयर राजा इकबाल सिंह पहुंचे और न ही एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ऐसे में बैठक का कोई परिणाम निकलना संभव ही नहीं था।
समस्या सुलझाने की नीयत नहींउन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने समिति का गठन तो कर दिया, लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने की नीयत नहीं है। बीते 25 दिनों से एमटीएस कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। नारंग ने कहा कि हिंदू त्योहारों के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा ने उन्हीं हिंदू कर्मचारियों को दशहरा, करवाचौथ, दीपावली और अब छठ महापर्व भी सड़क पर मनाने को मजबूर कर दिया।
कर्मचारियों की काली कर दी दिवालीउन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इन कर्मचारियों की दीपावली 'काली दीपावली' में बदल दी है। अधिकारी कर्मचारियों की संख्या और खर्च को लेकर गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं। एमसीडी में एमटीएस की कुल संख्या 9 हजार है, न कि 33 हजार जैसा कि अधिकारियों ने बताया है। वहीं, 400 करोड़ रुपए का जो अतिरिक्त खर्च बताया जा रहा है, वह भी झूठा है। उन्होंने कहा कि सिफ 9 हजार एमटीएस कर्मचारियों को समान वेतन देने पर करीब 90 करोड़ रुपए और 5200 कर्मचारियों पर 41 करोड़ रुपए का ही अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
बजट नहीं जुटा पा रहे तो इस्तीफा...नारंग ने कहा कि भाजपा की चारों इंजन की सरकार, केंद्र, राज्य, उपराज्यपाल और एमसीडी, दिल्ली में होने के बावजूद कर्मचारियों की समस्या हल नहीं कर पा रही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और महापौर राजा इकबाल सिंह सभी भाजपा से हैं। अगर ये 41 करोड़ रुपए का बजट भी नहीं जुटा पा रहे तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
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