पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अपने आखिरी दौर में है। मंगलवार की वोटिंग के बाद 'रण' पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण का मतदान खत्म होते ही सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल के परिणाम आने लगेंगे। इनमें ये बताया जाएगा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कौन जीतेगा और एनडीए/महागठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी। 2025 के एग्जिट पोल के नतीजे आने से पहले, ये जानना दिलचस्प है कि पिछले चुनाव यानी 2020 में एग्जिट पोल के अनुमान क्या थे और वे वास्तविक चुनावी रिजल्ट से कितने अलग थे। 7 नवंबर 2020 को आखिरी चरण की वोटिंग के बाद जब एग्जिट पोल जारी हुए थे, तब अधिकांश ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन की जीत का अनुमान लगाया था। मगर, एक्चुअल रिजल्ट ठीक इसके उलट रहा।
2020 में फेल हो गए थे एग्जिट पोल2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग सभी एग्जिट पोल गलत साबित हुए। Today's Chanakya (CNN News18) और India Today-Axis My India जैसे बड़े एग्जिट पोल ने महागठबंधन को भारी बहुमत (180 और 139-161 सीटें) मिलने का अनुमान लगाया था। Times Now-CVoter, ABP News-CVoter, और ETG सहित कई अन्य एग्जिट पोल ने कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जिसमें महागठबंधन को हल्की बढ़त दी गई थी। जैसे, Times Now-CVoter ने महागठबंधन को 120 और NDA को 116 सीटें दी थीं।
रिजल्ट में मिली थी NDA को बहुमतइन अनुमानों से उलट 10 नवंबर 2020 को घोषित वास्तविक परिणामों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले NDA ने 125 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। वास्तविक परिणामों में, NDA को 125 सीटें मिलीं (भाजपा-74, जदयू-43, वीआईपी-4, हम-4), जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं (राजद-75, कांग्रेस-19, सीपीआई-माले-12, सीपीआई/सीपीएम-4)। ये बिहार चुनाव इतिहास में एग्जिट पोल की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक माना जाता है, क्योंकि परिणाम अधिकांश भविष्यवाणियों से बिल्कुल विपरीत रहे थे।
बदले समीकरणों के बीच अनुमानों की चुनौती2025 के चुनाव में दोनों गठबंधनों के एलायंस पार्टनर में अहम बदलाव हुए हैं, जिसने इस बार की एग्जिट पोल की सटीकता पर नजर रहेगी। पिछली बार एनडीए में शामिल रही मुकेश सहनी की वीआईपी इस बार महागठबंधन का हिस्सा है। 2020 में अकेले लड़ने वाली चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) इस बार एनडीए का हिस्सा है। साथ ही, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) भी एनडीए से चुनाव लड़ रही है।
बिहार चुनाव 2025 के एग्जिट पोल पर नजर14 नवंबर 2025 को मतगणना के बाद ही साफ होगा कि बिहार में सत्ता किसकी बनेगी। इससे पहले, 11 नवंबर की देर शाम को जारी होने वाले एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमानों की झलक मिलेगी। हालांकि, क्या इस बार के एग्जिट पोल सटीक होंगे या पिछली बार की तरह फुस्स साबित होंगे, यह परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
2020 में फेल हो गए थे एग्जिट पोल2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग सभी एग्जिट पोल गलत साबित हुए। Today's Chanakya (CNN News18) और India Today-Axis My India जैसे बड़े एग्जिट पोल ने महागठबंधन को भारी बहुमत (180 और 139-161 सीटें) मिलने का अनुमान लगाया था। Times Now-CVoter, ABP News-CVoter, और ETG सहित कई अन्य एग्जिट पोल ने कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की थी, जिसमें महागठबंधन को हल्की बढ़त दी गई थी। जैसे, Times Now-CVoter ने महागठबंधन को 120 और NDA को 116 सीटें दी थीं।
रिजल्ट में मिली थी NDA को बहुमतइन अनुमानों से उलट 10 नवंबर 2020 को घोषित वास्तविक परिणामों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले NDA ने 125 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। वास्तविक परिणामों में, NDA को 125 सीटें मिलीं (भाजपा-74, जदयू-43, वीआईपी-4, हम-4), जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं (राजद-75, कांग्रेस-19, सीपीआई-माले-12, सीपीआई/सीपीएम-4)। ये बिहार चुनाव इतिहास में एग्जिट पोल की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक माना जाता है, क्योंकि परिणाम अधिकांश भविष्यवाणियों से बिल्कुल विपरीत रहे थे।
बदले समीकरणों के बीच अनुमानों की चुनौती2025 के चुनाव में दोनों गठबंधनों के एलायंस पार्टनर में अहम बदलाव हुए हैं, जिसने इस बार की एग्जिट पोल की सटीकता पर नजर रहेगी। पिछली बार एनडीए में शामिल रही मुकेश सहनी की वीआईपी इस बार महागठबंधन का हिस्सा है। 2020 में अकेले लड़ने वाली चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) इस बार एनडीए का हिस्सा है। साथ ही, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) भी एनडीए से चुनाव लड़ रही है।
बिहार चुनाव 2025 के एग्जिट पोल पर नजर14 नवंबर 2025 को मतगणना के बाद ही साफ होगा कि बिहार में सत्ता किसकी बनेगी। इससे पहले, 11 नवंबर की देर शाम को जारी होने वाले एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमानों की झलक मिलेगी। हालांकि, क्या इस बार के एग्जिट पोल सटीक होंगे या पिछली बार की तरह फुस्स साबित होंगे, यह परिणाम के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
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