हैदराबाद : AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने के फैसले का बचाव किया है। ओवैसी ने यह ऐलान ऐसे समय में किया है, जब जुबली हिल्स में कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति के बीच कड़ी टक्कर की संभावना जताई जा रही है। इस सीट पर कांग्रेस ने नवीन यादव और बीआरएस ने मंगती सुनीता को उम्मीदवार बनाया है। मंगती सुनीता यहां के विधायक रहे मंगती गोपीनाथ की पत्नी हैं, जिनके निधन से यह सीट खाली हुई है। बीजेपी ने जुबली हिल्स से एल.दीपक रेड्डी को मैदान में उतारकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।
जुबली हिल्स में मुस्लिम वोट अब नहीं बंटेंगे
दो दिन पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव से मुलाकात के बाद जुबली हिल्स उपचुनाव में कैंडिडेट उतारने से इनकार कर दिया था। नवीन यादव पहले AIMIM के टिकट पर जुबली हिल्स से चुनाव लड़ चुके हैं। भारत राष्ट्र समिति ने ओवैसी के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कांग्रेस से मिलीभगत का आरोप लगाया था। बीआरएस नेता के.पी विवेकानंद ने एक बयान जारी कर कहा कि ओवैसी बिहार में बीजेपी और जुबली हिल्स में कांग्रेस को समर्थन कर रही है। 3.98 लाख वोटर वाले इस विधानसभा में मुस्लिम वोटरों की तादाद खासी है। माना जा रहा है कि ओवैसी के इस ऐलान से कांग्रेस की जीत का रास्ता आसान हो गया है। दूसरी ओर, भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस इसे रेवंत रेड्डी सरकार के लिए जनमत संग्रह मान रही है।
बीआरएस पर लगाए अनदेखी के आरोप
जब कैंडिडेट नहीं उतारने के फैसले की आलोचना हुई तो असदुद्दीन ओवैसी सामने आए। उन्होंने कहा कि जुबली हिल्स में उपचुनाव होने वाले हैं। रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इस उपचुनाव से न तो सरकार बनेगी और न ही सरकार बदलेगी। दूसरी बात, जुबली हिल्स की जनता ने बीआरएस के पूर्व विधायक को 10 साल दिए, लेकिन उन्होंने इसका कोई फायदा नहीं उठाया। जुबली हिल्स के किसी भी वॉर्ड में कोई विकास नहीं हुआ।
तीसरी बात, वहां विकास के मुद्दे पर ही वोटिंग होनी चाहिए। AIMIM जुबली हिल्स से कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। हम जुबली हिल्स के लोगों से अपील करते हैं कि वे युवा नेता नवीन यादव (कांग्रेस उम्मीदवार) को वोट दें, ताकि वह जुबली हिल्स में विकास ला सकें। यह पार्टी का फैसला है। ओवैसी न कहा कि मौजूदा सरकार कम से कम 2.5-3 साल सत्ता में रहेगी और इस उपचुनाव से कोई बदलाव नहीं होने वाला है। 2028 में जब विधानसभा चुनाव होंगे, तब आप देखेंगे कि AIMIM क्या करेगी?
जुबली हिल्स में मुस्लिम वोट अब नहीं बंटेंगे
दो दिन पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस उम्मीदवार नवीन यादव से मुलाकात के बाद जुबली हिल्स उपचुनाव में कैंडिडेट उतारने से इनकार कर दिया था। नवीन यादव पहले AIMIM के टिकट पर जुबली हिल्स से चुनाव लड़ चुके हैं। भारत राष्ट्र समिति ने ओवैसी के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कांग्रेस से मिलीभगत का आरोप लगाया था। बीआरएस नेता के.पी विवेकानंद ने एक बयान जारी कर कहा कि ओवैसी बिहार में बीजेपी और जुबली हिल्स में कांग्रेस को समर्थन कर रही है। 3.98 लाख वोटर वाले इस विधानसभा में मुस्लिम वोटरों की तादाद खासी है। माना जा रहा है कि ओवैसी के इस ऐलान से कांग्रेस की जीत का रास्ता आसान हो गया है। दूसरी ओर, भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस इसे रेवंत रेड्डी सरकार के लिए जनमत संग्रह मान रही है।
बीआरएस पर लगाए अनदेखी के आरोप
जब कैंडिडेट नहीं उतारने के फैसले की आलोचना हुई तो असदुद्दीन ओवैसी सामने आए। उन्होंने कहा कि जुबली हिल्स में उपचुनाव होने वाले हैं। रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इस उपचुनाव से न तो सरकार बनेगी और न ही सरकार बदलेगी। दूसरी बात, जुबली हिल्स की जनता ने बीआरएस के पूर्व विधायक को 10 साल दिए, लेकिन उन्होंने इसका कोई फायदा नहीं उठाया। जुबली हिल्स के किसी भी वॉर्ड में कोई विकास नहीं हुआ।
तीसरी बात, वहां विकास के मुद्दे पर ही वोटिंग होनी चाहिए। AIMIM जुबली हिल्स से कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। हम जुबली हिल्स के लोगों से अपील करते हैं कि वे युवा नेता नवीन यादव (कांग्रेस उम्मीदवार) को वोट दें, ताकि वह जुबली हिल्स में विकास ला सकें। यह पार्टी का फैसला है। ओवैसी न कहा कि मौजूदा सरकार कम से कम 2.5-3 साल सत्ता में रहेगी और इस उपचुनाव से कोई बदलाव नहीं होने वाला है। 2028 में जब विधानसभा चुनाव होंगे, तब आप देखेंगे कि AIMIM क्या करेगी?
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