मुंबई: महाराष्ट्र में निकाय चुनावों की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है। ऐसे में सभी दल इसके लिए कमर कस रहे हैं। विधानसभा चुनावों में महायुति को मिली बंपर सफलता के बाद तीनों दलों बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी में जबरदस्त तालमेल देखने को मिल रहा है। इसलिए संभावना है कि कई जगहों पर महायुति के तीनों दल ही आमने-सामने होंगे। वहीं ठाकरे बंधु राज और उद्धव एक साथ आ रहे हैं। ऐसे में महायुति को कुछ नगर पालिकाओं में कड़ी टक्कर देनी होगी। इस समीरकरण को देखते हुए महायुति में बड़े भाई बीजेपी ने सतर्क रुख अपनाया है।
राजनीति गलियारे में क्या?
विधानसभा चुनावों में हार के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को गठबंधन की जरूरत महसूस हुई। दोनों ने ठाकरे ब्रांड को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। पिछले तीन महीनों में उनकी मुलाकातें बढ़ गई हैं। अगर ठाकरे गठबंधन करते हैं, तो इसका सबसे ज्यादा असर मुंबई में देखने को मिलेगा। अगर मराठी वोट ठाकरे के साथ खड़े होते हैं, तो बीजेपी और शिंदे सेना के लिए चुनौती आसान नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे में, शिवसेना, यूबीटी और मनसे ने रैलियां निकालनी शुरू कर दी हैं। दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता गठबंधन मानकर सड़कों पर उतर आए हैं। इसलिए बीजेपी ने इन दोनों जगहों पर नरम रुख अपनाया है।
फडणवीस का रुख क्या?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिवाली के मौके पर अपने वर्षा स्थित आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विश्वास जताया कि मुंबई नगर निगम चुनाव में बीजेपी 100 से ज्यादा सीटें जीतेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सिर्फ संख्याबल के आधार पर महापौर पद पर दावा नहीं करेगी। फडणवीस ने कहा कि अगर हमारे पास संख्याबल होगा, तब भी मैं महापौर पद पर दावा नहीं करूंगा। महापौर शिंदे की पार्टी से भी हो सकता है। इसलिए उद्धव ठाकरे के गढ़ मुंबई में बीजेपी दो कदम पीछे हट गई है। फडणवीस ने साफ संकेत दे दिए हैं कि कम पार्षद चुने जाने पर भी शिंदे की सेना महापौर बन सकती है। ठाकरे की बढ़ती नजदीकियों का फायदा शिंदे को मिलता दिख रहा है।
किस निगम से कौन लड़ेगा?
फडणवीस ने मुंबई समेत अन्य नगर निगमों की स्थिति पर भी विस्तार से बात की। फडणवीस ने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) की 9 में से 4 नगर निगमों में बीजेपी शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। ठाणे में गठबंधन पर फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे। नवी मुंबई में क्या करना है, यह गणेश नाइक देखेंगे। चर्चा है कि फडणवीस ने ठाणे में शिंदे और उनकी पार्टी को स्वीकार कर लिया है। पिछले नगर निगम चुनाव में शिवसेना और बीजेपी ने ठाणे में अपनी-अपनी ताकत आजमाई थी। उस चुनाव में शिंदे ने शिवसेना का नेतृत्व किया था। उन्होंने 67 सीटें जीती थीं। जबकि बीजेपी को केवल 23 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
ठाणे की जिम्मेदारी किसको?
नेता, विधायक और कार्यकर्ता इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि बीजेपी ठाणे में स्वतंत्र रूप से लड़े। मंत्री गणेश नाइक और विधायक संजय केलकर इस पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं। नारा है 'अब की बार 70 पार'। लेकिन ठाणे में महाविकास अघाड़ी की एकजुटता और मनसे से मिल रहे समर्थन को देखते हुए बीजेपी ने सतर्क रुख अपनाया है। सूत्रों की मानें तो ठाणे की जिम्मेदारी शिंदे को सौंपी गई है। शिंदे को मुंबई और ठाणे में ठाकरे की एकता से फायदा मिलता दिख रहा है।
राजनीति गलियारे में क्या?
विधानसभा चुनावों में हार के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को गठबंधन की जरूरत महसूस हुई। दोनों ने ठाकरे ब्रांड को बचाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। पिछले तीन महीनों में उनकी मुलाकातें बढ़ गई हैं। अगर ठाकरे गठबंधन करते हैं, तो इसका सबसे ज्यादा असर मुंबई में देखने को मिलेगा। अगर मराठी वोट ठाकरे के साथ खड़े होते हैं, तो बीजेपी और शिंदे सेना के लिए चुनौती आसान नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ठाणे में, शिवसेना, यूबीटी और मनसे ने रैलियां निकालनी शुरू कर दी हैं। दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता गठबंधन मानकर सड़कों पर उतर आए हैं। इसलिए बीजेपी ने इन दोनों जगहों पर नरम रुख अपनाया है।
फडणवीस का रुख क्या?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिवाली के मौके पर अपने वर्षा स्थित आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विश्वास जताया कि मुंबई नगर निगम चुनाव में बीजेपी 100 से ज्यादा सीटें जीतेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सिर्फ संख्याबल के आधार पर महापौर पद पर दावा नहीं करेगी। फडणवीस ने कहा कि अगर हमारे पास संख्याबल होगा, तब भी मैं महापौर पद पर दावा नहीं करूंगा। महापौर शिंदे की पार्टी से भी हो सकता है। इसलिए उद्धव ठाकरे के गढ़ मुंबई में बीजेपी दो कदम पीछे हट गई है। फडणवीस ने साफ संकेत दे दिए हैं कि कम पार्षद चुने जाने पर भी शिंदे की सेना महापौर बन सकती है। ठाकरे की बढ़ती नजदीकियों का फायदा शिंदे को मिलता दिख रहा है।
किस निगम से कौन लड़ेगा?
फडणवीस ने मुंबई समेत अन्य नगर निगमों की स्थिति पर भी विस्तार से बात की। फडणवीस ने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) की 9 में से 4 नगर निगमों में बीजेपी शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। ठाणे में गठबंधन पर फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे। नवी मुंबई में क्या करना है, यह गणेश नाइक देखेंगे। चर्चा है कि फडणवीस ने ठाणे में शिंदे और उनकी पार्टी को स्वीकार कर लिया है। पिछले नगर निगम चुनाव में शिवसेना और बीजेपी ने ठाणे में अपनी-अपनी ताकत आजमाई थी। उस चुनाव में शिंदे ने शिवसेना का नेतृत्व किया था। उन्होंने 67 सीटें जीती थीं। जबकि बीजेपी को केवल 23 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
ठाणे की जिम्मेदारी किसको?
नेता, विधायक और कार्यकर्ता इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि बीजेपी ठाणे में स्वतंत्र रूप से लड़े। मंत्री गणेश नाइक और विधायक संजय केलकर इस पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं। नारा है 'अब की बार 70 पार'। लेकिन ठाणे में महाविकास अघाड़ी की एकजुटता और मनसे से मिल रहे समर्थन को देखते हुए बीजेपी ने सतर्क रुख अपनाया है। सूत्रों की मानें तो ठाणे की जिम्मेदारी शिंदे को सौंपी गई है। शिंदे को मुंबई और ठाणे में ठाकरे की एकता से फायदा मिलता दिख रहा है।
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