Next Story
Newszop

ऑपरेशन सिंदूर: यूपी का वह IAS अफसर, जिसने निभाई बड़ी भूमिका, गोविंद मोहन को जानते हैं आप?

Send Push
लखनऊ: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान में जड़ें जमाए आतंकियों के ठिकानों को निशाने बनाने की रणनीति तैयार की। इसके लिए ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान को लॉन्च किया गया। इस ऑपरेशन को लेकर कई अधिकारियों की भूमिका रही। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर शुरू किया था, लेकिन बाद में स्थिति बदली। पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर हमला माना। भारत के खिलाफ हमले शुरू कर दिए। इसके बाद भारत ने भी करारा जवाब दिया।ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तीन प्रशासनिक अधिकारियों की खूब सराहना हो रही है। ये तीनों प्रशासनिक अधिकारी 1989 कैडर के हैं। इसलिए, यह संयोग भी खास बनता दिख रहा है। इनमें भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू का नाम शामिल है। इसमें दो जम्मू कश्मीर से आते हैं और गोविंद मोहन यूपी के रहने वाले हैं। पीएम मोदी ने भी की थी चर्चा6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर को लॉन्च किए जाने के बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई शुरू हुई। इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं मोर्चे पर जुटे। लगातार अधिकारियों के साथ बैठक की। 8 मई को जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सर्वदलीय बैठक में भाग ले रहे थे तो पीएम मोदी एनएसए अजित डोभाल से चर्चा के बाद सबसे अधिक समय गृह सचिव गोविंद मोहन के साथ बैठक कर रहे थे। दरअसल, केंद्रीय गृह सचिव के अधीन में सीआरपीएफ, बीएसएफ और राज्य पुलिस बलों सहित सभी केंद्रीय बल आते हैं। केंद्रीय गृह सचिव को गृह मंत्री अमित शाह के दायां हाथ माना जाता है। ऐसे में वे पीएम मोदी को उस समय की मौजूदा स्थिति से अवगत कराते दिखे थे। इसके साथ ही, केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों, केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी पीएम को दे रहे थे। उनकी रणनीति को जमीन पर उतार रहे थे। इस प्रकार उनकी काफी सक्रिय भूमिका ऑपरेशन सिंदूर में दिखी। कौन हैं गोविंद मोहन?गोविंद मोहन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1989 बैच के सिक्किम कैडर के अधिकारी हैं। उनका उत्तर प्रदेश से उनका गहरा नाता रहा है। मूल रूप से यूपी के रहने वाले मोहन ने अपनी स्कूली शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से 1982 में पूरी की। इसके बाद उन्होंने बीएचयू-आईआईटी वाराणसी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और आईआईएम अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर (1986-88) की पढ़ाई की।गोविंद मोहन के पिता उत्तर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग में चीफ इंजीनियर रह चुके हैं। उनकी शैक्षणिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि उन्हें देश की शीर्ष नौकरशाही पदों के लिए एक उपयुक्त चेहरा बनाती है। गोविंद मोहन का अब तक का प्रशासनिक करियर बेहद संतुलित और सधा हुआ रहा है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे गोविंद मोहनगोविंद मोहन 2017 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। संस्कृति मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत थे, तब उन्हें केंद्रीय गृह सचिव का कार्यभार दिया गया था। इससे पहले वे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुके हैं। गोविंद मोहन को बिना लाइमलाइट में आए ईमानदारी और कार्यकुशलता के साथ काम करने वाला अधिकारी माना जाता है।
Loving Newspoint? Download the app now