पंचकूला : हरियाणा के पंचकूला जिले के सुल्तानपुर गांव में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां बीकॉम फाइनल ईयर में फेल होने से निराश एक छात्र ने फंदा लगाकर जान दे दी। घ टना की जानकारी मिलते ही चंडीमंदिर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। जांच अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि छात्र के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, हालांकि प्राथमिक जांच में यह साफ हुआ है कि नीतेश अवसाद में था और परीक्षा में असफलता से परेशान था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बीकॉम की परीक्षा में हो गया था फेल
मृतक छात्र की पहचान 21 वर्षीय नीतेश के रूप में हुई है, जो सेक्टर-1 स्थित गवर्नमेंट कॉलेज, पंचकूला में बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था। बताया जा रहा है कि नीतेश पिछले छह महीने से डिप्रेशन में चल रहा था और उसका इलाज भी चल रहा था। नीतेश पिछले साल बीकॉम फाइनल ईयर की परीक्षा में एक पेपर में फेल हो गया था। इसके बाद उसने कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन दोबारा परीक्षा देने पर भी वह पास नहीं हो सका। लगातार असफलता के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया और गुमसुम रहने लगा।
पिता के समझाने पर भी नहीं माना
परिवार ने उसका हौसला बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन वह बार-बार अपनी नाकामी को याद कर उदास रहता था। छात्र के पिता राजकुमार अंबाला नगर निगम में डी-ग्रुप कर्मचारी हैं। राजकुमार ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को समझाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि मुझे 47 साल की उम्र में नौकरी मिली थी। मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। सफलता देर से मिलती है, लेकिन मिलती जरूर है। उन्होंने बताया कि वो साल 2020 में सरकारी नौकरी में चयनित हुए थे। उससे पहले वे एक फैक्ट्री में काम करते थे और वर्षों तक संघर्ष किया था।
परिवार इस हादसे से सदमे में
राजकुमार की पत्नी एक निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। उन्होंने ने भी बेटे को प्रेरित करने की कोशिश की थी। उन्होंने हाल ही में सरकारी जेबीटी टीचर की परीक्षा दी थी और अभी परिणाम का इंतजार कर रही थीं। परिवार के मुताबिक, वे नीतेश को यह समझाने का प्रयास करते रहे कि मेहनत और धैर्य से सबकुछ हासिल किया जा सकता है, लेकिन वह अपनी असफलता से उबर नहीं पाया। परिवार इस हादसे से सदमे में है।
बीकॉम की परीक्षा में हो गया था फेल
मृतक छात्र की पहचान 21 वर्षीय नीतेश के रूप में हुई है, जो सेक्टर-1 स्थित गवर्नमेंट कॉलेज, पंचकूला में बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था। बताया जा रहा है कि नीतेश पिछले छह महीने से डिप्रेशन में चल रहा था और उसका इलाज भी चल रहा था। नीतेश पिछले साल बीकॉम फाइनल ईयर की परीक्षा में एक पेपर में फेल हो गया था। इसके बाद उसने कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए आवेदन किया, लेकिन दोबारा परीक्षा देने पर भी वह पास नहीं हो सका। लगातार असफलता के कारण वह मानसिक रूप से टूट गया और गुमसुम रहने लगा।
पिता के समझाने पर भी नहीं माना
परिवार ने उसका हौसला बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन वह बार-बार अपनी नाकामी को याद कर उदास रहता था। छात्र के पिता राजकुमार अंबाला नगर निगम में डी-ग्रुप कर्मचारी हैं। राजकुमार ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को समझाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि मुझे 47 साल की उम्र में नौकरी मिली थी। मैंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। सफलता देर से मिलती है, लेकिन मिलती जरूर है। उन्होंने बताया कि वो साल 2020 में सरकारी नौकरी में चयनित हुए थे। उससे पहले वे एक फैक्ट्री में काम करते थे और वर्षों तक संघर्ष किया था।
परिवार इस हादसे से सदमे में
राजकुमार की पत्नी एक निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। उन्होंने ने भी बेटे को प्रेरित करने की कोशिश की थी। उन्होंने हाल ही में सरकारी जेबीटी टीचर की परीक्षा दी थी और अभी परिणाम का इंतजार कर रही थीं। परिवार के मुताबिक, वे नीतेश को यह समझाने का प्रयास करते रहे कि मेहनत और धैर्य से सबकुछ हासिल किया जा सकता है, लेकिन वह अपनी असफलता से उबर नहीं पाया। परिवार इस हादसे से सदमे में है।
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