मेष के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
मेष राशि के लिए इस वर्ष दीपावली जीवन में हौले-हौले रोशनी उगाएगी। अच्छी खबर आएगी। मंगल, आपकी राशि का अधिपति और मनोगत ज्ञान का प्रदाता है, तुला में ढपली बजाते हुए आपकी अंतरात्मा को झंकृत करेगा, कभी बेचैनी की सरगम छेड़ेगा तो कभी मानसिक चैन की रागिनी से अलंकृत करेगा। मीन राशि में गतिमान शनि विदेश यात्राओं और फ़ॉरेन कनेक्शन से जुड़े खर्चों का कारक बनेगा। स्वर्ण पाद का एकादश राहु-कुंभ में और पंचम केतु-सिंह में गतिशील होकर धन की वर्षा करेगा। अपनों का कष्ट अंतर्मन बेचैन करेगा। स्वर्णपाद का बृहस्पति कर्क राशि में बैठकर मंतर पढ़ेगा, और पीड़ा में कमी की अभ्यर्थना करेगा। संपत्ति व वाहन से जुड़ी चुनौतियाँ सर उठायेंगी। वाद-विवाद से मानसिक शांति स्वाहा हो जाएगी। 4 दिसंबर को रजतपाद का तृतीय गुरु वक्री होकर जब मिथुन में जाएगा, सेहत में पलीता लगाएगा। गर्दन के नीचे का भाग प्रभावित होगा। क़िस्मत का दरवाज़ा इस साल खुल जा सिम सिम कहने से नहीं, अथक परिश्रम से ही खुलेगा। लंबी ऊहापोह के बाद संतान को लाभ से कलेजे को सुकून मिलेगा।
शिक्षा – शिक्षा के क्षेत्र में इस साल कोई जुगाड़ नहीं, योजनाबद्ध परिश्रम ही रंग लाएगा। उच्च शिक्षा में विघ्न आएंगे, पर यदि मेहनत अपार है तो फल भी उत्तम मिलेगा।करियर – यह वर्ष करियर के लिए मध्यम से बेहतर रहेगा। कला, संगीत और लेखन से जुड़े लोग अद्भुत परिणाम पाएंगे। कलम इनके लिए ताबीज का काम करेगी। व्यवसायिक जगत में सावधानी से निर्णय लें, क्योंकि किसी प्रकार का भ्रम -विभ्रम तनाव का कारण बनेगा।व्यक्तिगत जीवन – दांपत्य जीवन मधुर रहेगा, किंतु जीवनसाथी की यात्राएँ आपको उनके सान्निध्य से वंचित करेंगी। जीवनसाथी के मूड स्विंग से उलझन संभव है। खट्टे-मीठे अनुभवों के बावजूद जीवन की थाली स्वाद से भरी रहेगी।आर्थिक स्थिति – आमदनी में कमी आपकी जेब को किसी बेवफ़ा महबूब के दर्द-सा चुभेगी। वर्ष का आरंभ आर्थिक हानि का सबब, पर उत्तरार्ध में स्थिति सुधरकर संतोष देगी। उधार लेने से बचें।स्वास्थ्य – स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव रहेगा। आँखों की जलन मन की जलन से अधिक कष्टकारी सिद्ध हो सकती है। मानसिक तनाव को साधने का प्रयास करें।
उपाय –प्रतिदिन हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करें।श्वेत गाय की सेवा करें।चावल, शक्कर का दान करें।सूखे नारियल में मेवे मिश्रित शक्कर भरकर भूमि प्रवाहित करें।लक्ष्मी पूजन –लक्ष्मी पूजन में धनिया के बीज, बताशे, चमेली का इत्र, शहद, नागकेसर, गुड़, गुग्गुल का धूप तथा कमलगट्टे के साथ धनिया के बीज अर्पित करना शुभ फल देगा।दान-दक्षिणा –लाल वस्त्र, ताम्र बर्तन, गुड़-तिल का मिष्ठान एवं मसूर की दाल का दान जीवन में सुख और समृद्धि लाएगा।अनुकूल लक्ष्मी मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।ग्रह मंत्र-ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः॥
वृष राशि के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल

इस वर्ष वृषभ राशि के लिए सितारे बताते हें कि, दीपावली का दीप इस बार सूरज की मानिन्द चमचमाएगा, वृष राशि वालों के जीवन में अनोखी रोशनी उकेर जाएगा। राशि स्वामी शुक्र कन्या राशि में चलायमान है जो करियर को विशेष चमक और खनक देता है। शनि मीन राशि में विश्राम कर रहे हैं। लौहचरण का एकादश शनि आर्थिक झमेलों से राहत दिलाएगा। क़र्ज़ के तनाव से आराम मिलेगा। रजत पाद का दशम राहु मीन और चतुर्थ केतु सिंह में बैठकर विवाद का सबब बनेगा लेकिन आकस्मिक लाभ से जेब गरम करेगा। कारोबार में विस्तार होगा । रजत पाद का तृतीय बृहस्पति कर्क राशि में विराजकर हाथ और कंधे में दर्द देगा। क़ानूनी उलझन बढ़ सकती है और प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न सकता है। 4 दिसंबर को स्वर्ण पाद का द्वितीय गुरु जब वक्री होकर मिथुन राशि में चरण रखेंगे, मुट्ठी गरम करेंगे। धनार्जन का मार्ग प्रशस्त होगा। सेहत टनाटन रहेगी। विदेश यात्रा लाभप्रद सिद्ध होगी। इस बरस धुँध के बीच से उम्मीद की सुनहरी किरणें कामयाबी के बोसे लेंगी। विरोधी माथे पर तनाव की बूँद बनके छलछलायेंगे और बाद में भाप बनकर धुआँ धुआँ हो जाएँगे। आपके इरादों को बल और उम्मीदों को सम्बल मिलेगा। आरज़ू को पंख लगेंगे। किसी नए करार से नई चेतना का संचार होगा। करियर में मानसिक अंतर्द्वंद प्रकट होगा। व्यक्तिगत राग-द्वेष में न उलझें। अनोखी चमक उत्पन्न होगी। सुख बढ़ेगा। भौतिक आनन्द नए सोपान चढ़ेगा। जीवन में चमक परिलक्षित होगी। अल्प प्रयास से अदभुत परिणाम मिलेंगे। आपकी क़ाबिलियत में सुरखाब के पर लगेंगे। अभिमान और घमण्ड के बीच की लुप्त होती रेखा से क्षति होगी। नवीन विचारों से मान मिलेगा।
शिक्षा- पढ़ाई-लिखाई के लिए बरस अहम रहेगा। परीक्षा और प्रतियोगिता में उम्मीद से बेहतर परिणाम मिलेंगे। उच्च शिक्षा की परिस्थितियाँ बनेंगी।करियर- मौलिक विचारों से आपके नाम का डंका बजेगा। नए अनुबंध से प्रचण्ड लाभ होगा। नयी योजनाओं पर काम करने का अवसर मिलेगा। नया कारोबार पहले तनाव देगा और धीरे धीरे चमकेगा।व्यक्तिगत जीवन- दाम्पत्य जीवन में सामंजस्य बना रहेगा। बहस की भूल रिश्तों में शूल बन कर चुभेगी। दूसरों पर नुक़्ताचीनी से कोई रिश्ता दरकेगा। संतान से संबंध में मधुरता बढ़ेगी। पर अन्य परिजनों के भिन्न भिन्न मत अंतर्मन खिन्न करेंगे।स्वास्थ्य- सेहत सम्बंधी परेशानियाँ प्रकट होंगी। यौनविकार मुमकिन है । मानसिक कष्ट मिलेगा। सांस की समस्या और घबराहट से परेशानी होगी।आर्थिक पक्ष- नए इन्वेस्टमेंट में लाभ होगा। पर अल्पकालिक ट्रेडिंग से बचें। कारोबार में आकस्मिक घाटे या चोरी के कारण आर्थिक क्षति हो सकती है।
उपाय- हरी सब्ज़ियों और चावल का दान, बरगद की जड़ों में गुड़ मिश्रित दुग्ध अर्पित करें। लाभ होगा, ऐसा परंपराएँ कहती हैं।दान-दक्षिणा- सफेद चने, चावल और चीनी का दान लाभ प्रदान करेगा। लक्ष्मी पूजन- महानिशा में अपराजिता की जड़, कमल पुष्प, काला तिल चमेली का पुष्प गुलाब के इत्र, जटामासी के धूम्र, कमलगट्टे, काले तिल, लाल कनेर और धान का लावा के साथ लक्ष्मी पूजन सुख देगा। अनुकूल लक्ष्मी मंत्र- पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।ग्रह मंत्र- ॐ वस्त्रं में देहि शुक्राय स्वाहा।
मिथुन के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
मिथुन राशि के लए सितारे बताते हें कि इस वर्ष दीपावली के दीपों की लड़ियाँ महाप्रकाश लेकर आएंगी और मिथुन राशि वालों के जीवन में जगमगाती कंदीलें उगाएँगी। राशि स्वामी बुध तुला राशि में गतिशील है, जो किस्मत में अनोखी चमक बुनेगा। स्वर्ण चरण का दशम शनि मीन में है जो, नैतिकता से समझौते के लिए उकसाता है और एवज में पिछले द्वार से लाभ दिलाता है। साथ ही व्यक्तित्व को नए नए हुनर के तमग़ों से सजाता है। लौह चरण का नवम राहु कुंभ में और तृतीय केतु सिंह में नए करतब दिखायेंगे, कई पुराने झमेलों से निज़ात दिलायेंगे। पैनी दृष्टि और आंतरिक गुणों से आपके नाम का झंडा बुलंद होगा। लौह पाद के द्वितीय गुरु कर्क में दोस्ती निभायेंगे और जीवन में नव पुष्प खिलायेंगे। दोस्त काम आयेंगे। धन और स्वास्थ्य का सुख मिलेगा। 4 दिसंबर को गुरु वक्री होकर जब मिथुन में जाएँगे, लौह पाद के प्रथम गुरु सुख शांति में पलीता लगायेंगे। संतान के शिक्षा की अनिश्चित परिस्थिति अंतर्मन की बेचैनी सुनिश्चित करेगी। विपरीत लिंगी से सतर्क रहें। स्वयं पर यक़ीन सशक्त होगा। जेब इस बरस बहुत भारी नही रहेगी। कई जटिल काम सरल हो जाएँगे। दैहिक शक्ति का ह्रास होगा। कई बने बनाये काम का सत्यानाश होगा। कोई उम्मीद काँच की तरह दरक जाएगी। किसी की तीखी टिप्पणी कलेजा छलनी, रूह को तार तार और आँखों को जार जार कर देगी। प्रतिष्ठा में पंख लगेंगे। भौतिक समृद्धि बढ़ेगी। करियर में कई अच्छे मौक़े आयेंगे जो आपको पुरअसर बनायेंगे।क्षणिक मानसिक उलझने माशूक़ की तरह बेचैन करेंगी। पर शांत चित्त रह कर आप अपने बौद्धिक कौशल से सबको चकित कर देंगे।
शिक्षा- शिक्षा और परीक्षा के लिए साल अच्छा है। प्रतियोगिता में तनाव के बाद हर्ष के संकेत मिल रहे हैं।करियर- करियर में कॉलर टाइट करने वाले कई मौलिक विचार रंग जमायेंगे। व्यावसायिक जीवन कुछ चुनौतियों के साथ मध्यम से बेहतर रहेगा।साल के उत्तरार्ध में कारोबार में चुनौतियाँ पेश आयेंगी। प्रतिद्वंदी हलकान करेंगे। व्यक्तिगत जीवन- कोई पुराना मृतप्राय रिश्ता पुनः सुधरेगा। दाम्पत्य जीवन मध्यम से बेहतर रहेगा। बहन का चकित करने वाला सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी का सुप्त अविश्वास बेचैन करेगा। आर्थिक पक्ष- ख़र्च में वृद्धि इस साल कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ेगी। इस बरस शेयर बाज़ार से धनलाभ संभव है। किसी राजनैतिक वरद हस्त से प्रचुर लाभ की संभावना जगेगी।स्वास्थ्य- पैरों और पीठ में मीठा मीठा दर्द खट्ठे अनुभव प्रदान करेगा। इस बरस मैं के बाद मानसिक और दैहिक कष्टों में वृद्धि होगी। मधुमेह व ब्लड प्रेशर की समस्या सर उठाएगी।
उपाय- मस्तक, नाभि व जिह्वा पर केसर मिश्रित जल का लेप, बुधवार को खाली मटकी के जल प्रवाह व बुजुर्गों व मज़दूरों की सेवा से लाभ होगा, ऐसा मान्यताएँ कहती हैं। लक्ष्मी पूजन- गुग्गुल का धूम्र, शहद, नागकेसर, गुड़ और धनिया के बीज व कमलगट्टे के साथ लक्ष्मी पूजन करें। अनुकूल लक्ष्मी मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।ग्रह मंत्र- ॐ ह्रीं बुं बुधाय नमः।
कर्क राशि के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
कर्क राशि के जातको के लिए महालक्ष्मी वर्ष उम्मीद की रोशनी से जगमगाने वाला है। राशिस्वामी चंद्रमा तुला में गतिशील होकर मुस्कुरायेगा और हर्ष की बयार लाएगा। ताम्र चरण का नवम शनि मीन राशि में मुस्कुरा रहा है। नित नई संभावनाएं जगा रहा है। ताम्र चरण का अष्टम राहु कुंभ और द्वितीय केतु सिंह में बैठ कर आँखें दिखा रहे हैं, कर्क राशि के प्रौढ़ जनों के स्वास्थ्य का बाजा बजा रहे है। ताम्रपाद के प्रथम गुरु कर्क में चलायमान होकर उलझनों का सृजन करेंगे और कर्क राशि के लोग आहें भरेंगे। मानसिक कष्ट और असफलता की आहट आएगी। प्रतिष्ठा पर काली घटा छाएगी। 4 दिसंबर को गुरु वक्री होकर जब मिथुन में जाएगा, स्वर्ण पाद का द्वादश गुरु बोरा भरकर तनाव का सृजन करेगा। विघ्न-बाधाएं सुरसा की तरह मुँह फाड़ेंगी पर विचलित न हों क्योंकि सारी अड़चने धीरे से फुस्स हो जायेंगी। आकर्षण बढ़ेगा। किसी व्यर्थ के आरोप से पीड़ा होगी। मानसिक कश्मकश बना रहेगा। बेमतलब की बहस को दूर से ही प्रणाम करें। अतः प्रतिष्ठा के प्रति सजग रहें। किसी बिगड़े संबंध की मरहम पट्टी की गुंजाइश प्रस्फुटित होगी। आंतरिक खूबियों से आपका रसूख बढ़ेगा। प्रतिष्ठा का सितारा फलक चढ़ेगा। अगला बरस ज़िंदगी के कैनवास पर बौद्धिक चातुर्य और जुगाड़ के रंग से सफलता के नए चित्र उकेरेगा। भाग्य साथ देगा। लिहाज़ा आने वाला समय आपकी ज़िन्दगी लिए अच्छा मोड़ सिद्ध होगा।
शिक्षा- पढ़ाई से मन उचाट होगा। परीक्षा के परिणाम से तनाव मिलेगा। शिक्षा से जुड़े रुके काम में गति से हर्ष होगा। आर्थिक पक्ष- आकस्मिक लाभ संभव है। ऋण लेने से बचें अन्यथा रातों की नींद महबूब की जुदाई से नहीं, मांगने वालों के उलाहनों से ग़ायब होगी। दीर्घकालिक निवेश में लाभ होगा।करियर- सम्पत्ति और वाहन से फ़ायदा होगा। नौकरी पेशा लोगों के लिए स्थान परिवर्तन की संभावना है। एक्सपोर्ट इंपोर्ट से माल बनेगा। सट्टे से हानि होगी ।।व्यक्तिगत जीवन-किसी का अप्रतिम सहयोग आत्मिक सुख देगा। अनुज से संबंध प्रभावित होगा। दाम्पत्य जीवन में बेचैनी का सूत्रपात होगा। सन्तान से मानसिक बेचैनी मिलेगी। पड़ोसियों से संबंध सुधरेंगे। स्वास्थ्य- सेहत पर नकारात्मक असर पड़ेगा। त्वचा संबंधी विकार संभव है । शल्य चिकित्सा की बन सकती है। चलने फिरने में थकान होगी।
उपाय- श्वेत गाय की सेवा, चावल और शक्कर का दान, व बरगद की जड़ों में मीठा दुग्ध अर्पित करें। दान दक्षिणा- शनिवार को सरसों का तेल, नारियल का तेल, बादाम, दाल व चने के साथ कांसे के बर्तनों का दान करें।लक्ष्मी पूजन-दक्षिणावर्ती शंख पर केसर से लक्ष्मी बीज श्रीं और माया बीज ह्रीं लिख कर अपराजिता की जड़, श्वेत वस्त्र, कमल और चमेली पुष्प, गुग्गुल के धूम्र और काले तिल से लक्ष्मी का पूजन करें। अनुकूल लक्ष्मी मंत्र- ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये, प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ओम महालक्षम्ये नमः।ग्रह मंत्र-ॐ सों सोमाय नमः।
सिंह राशि के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
महालक्ष्मी वर्ष के आरंभ पर राशि स्वामी सूर्य तुला में अपनी ऊष्मा बिखेर रहे हैं और सिंह के जीवन में नए-नए रंग उकेर रहे हैं। रजत चरण का अष्टम शनि मीन राशि में है; अतः सिंह राशि के जातक शनि की ढैया से तड़प रहे हैं — ज़बरदस्ती मुस्कुरा रहे हैं। यह शनि शोधपूर्ण कार्यों से नाम का डंका बजाता है। रजत चरण का सप्तम राहु कुंभ और प्रथम केतु सिंह में स्थित हैं — जो विशेष रूप से कष्टकारक है। दांपत्य जीवन के गुलशन में इस योग से माथे पर पसीना छलछलाएगा; फूल कम, कांटे अधिक उगाएगा रजत पाद का द्वादश गुरु कर्क में है, जहाँ बृहस्पति बाबा घरेलू बवाल का सूत्रपात करेंगे, आराधना कम और बवाल अधिक करेंगे। चक्षुओं को कष्ट मिलेगा। 4 दिसंबर को जब गुरुदेव वक्री होकर मिथुन में प्रवेश करेंगे, तब ताम्र पाद का एकादश गुरु जीवन के कैनवास को आशाओं की नई रंगोली से सजाएगा। 1 जून को जब गुरु कर्क में जाएगा, तब लौह पाद का द्वादश गुरु घरेलू कष्टों से खोपड़ी घुमाएगा। 1 अक्टूबर को जब गुरु सिंह में प्रवेश करेगा, तब स्वर्ण पाद का प्रथम गुरु वाद-विवाद में प्रतिष्ठा का भट्ठा बैठाएगा। असफलताएँ मुँह चिढ़ाएँगी। सोच-समझकर ही जिह्वा को बोलने का निर्देश दें, अन्यथा ऐसी विचित्र परिस्थितियाँ उत्पन्न होंगी जिनका मालिक स्वयं प्रभु ही है। अगला वर्ष आपके व्यक्तित्व को नया आयाम और ढेरों मानसिक कार्य देगा।
पढ़ाई-लिखाईअध्ययन के लिए यह वर्ष महत्वपूर्ण है। आपकी शिक्षा-दीक्षा इस वर्ष रंग लाएगी। परीक्षा और प्रतियोगिता में आशा से बेहतर परिणाम मिलेंगे।आर्थिक स्थिति - आर्थिक शक्ति में वृद्धि होगी। आरंभिक गिरावट के बाद वर्षांत में निवेश में चमत्कृत करने वाले परिणाम प्राप्त होंगे।काम-धंधाधातु और संपत्ति के क्रय-विक्रय में दिमाग़ का दही होगा, पर जेब गरम होगी। सरकारी लोगों से मेल-जोल से पाँचों उँगलियाँ घी में और सिर कड़ाही में रहेगा।सेहत का हाल-चाल - देह में दर्द और नेत्र विकार के संकेत हैं। मानसिक बेचैनी बढ़ेगी।
उपायप्रत्येक अमावस्या पर काली बांसुरी में गुड़ चूर्ण भरकर भूमि में प्रवाहित करें।दान-दक्षिणा
चाँदी, चावल, चीनी और सफ़ेद वस्त्र का दान शुभ फलदायी रहेगा।लक्ष्मी पूजनलक्ष्मी बीज ‘श्रीं’ और माया बीज ‘ह्रीं’ का जाप करें। पुरुष सूक्त से धान के लावे, गुलाब के इत्र और लाल कनेर के पुष्प से पूजन करें।अनुकूल लक्ष्मी मंत्र- ॐ ऐं श्रीं ह्रीं महालक्ष्म्यै नमः।ग्रह मंत्र- ऊँ घृणिः सूर्याय आदित्य श्रीं।
कन्या राशि के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल

महालक्ष्मी वर्षारंभ पर कन्या राशि के स्वामी बुधदेव तुला में विराज कर खुशियों के दीप जलाएँगे और इस राशि के लोग उमंग के साथ दिवाली मनाएँगे। महानिशा के दीपक के साये तले शनि मीन राशि में मंत्र पढ़ रहे हैं, विचित्र परिस्थितियों को गढ़ रहे हैं। लौह चरण का सप्तम शनि मीन में है, जो जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। स्वर्ण चरण के षष्ठ राहु कुंभ और द्वादश केतु सिंह में आनंद का सूत्रपात करेंगे। सुख-शांति और संतोष बढ़ेगा। स्वर्ण पाद का एकादश गुरु कर्क राशि में कोशिशों को नया आसमान और हौसले को नई उड़ान देगा। कोशिशों को नया सोपान मिलेगा।
4 दिसंबर को गुरु वक्री होकर मिथुन में जाएगा, तब रजत पाद के दशम गुरु के कारण करियर अनिश्चितता के भँवर में डुबकी लगाएगा। अस्थायी रूप से ही सही, असंतोष, बेचैनी और निराशा हाथ लगेगी। आप पर उँगली उठेगी। वाहन से कष्ट होगा। यात्रा संतोषजनक नहीं रहेगी। 1 जून को जब गुरु कर्क में जाएगा, ताम्र चरण का एकादश गुरु महत्वाकांक्षी योजनाओं को अमली जामा पहनाएगा। 31 अक्टूबर को गुरु सिंह में जाएगा, ताम्र पाद का बारहवाँ गुरु पीड़ा पहुँचाएगा। वार्तालाप में शब्दों का गलत चयन बँटाधार कर देगा। पेशानी पर बेचैनी की महीन सिलवटें उभरेंगी। जीवन की पहेली किसी जलेबी की मानिंद अनसुलझी पर मिठास से भरी महसूस होगी। चैन और बेचैनी दोनों का सृजन होगा। कीर्ति में चमक आएगी।
पढ़ाई-लिखाई – विद्यार्जन के लिए बरस उत्तम प्रतीत हो रहा है। परीक्षा-प्रतियोगिता में अच्छे परिणाम मिलेंगे।
काम-धंधा – करियर में स्थान-परिवर्तन की संभावना बलवती होगी। कई सौदों में विघ्न से बेचैनी होगी। ऑफिस में मानसिक पीड़ा मिल सकती है। संपत्ति और वाहन के क्रय-विक्रय से लाभ होगा।सेहत का हाल-चाल – रक्तचाप घटने-बढ़ने से परेशानी संभव है। शारीरिक कष्ट बेचैन करेगा। पीठ और कमर में जकड़न होगी।आर्थिक स्थिति - अल्पकालिक निवेश में लाभ संभव है, पर लोभ में न पड़ें। प्रॉफिट बुक करके आगे बढ़ें। आमदनी के नए जुगाड़ पैदा होंगे।
उपाय – बारह बादाम को काले कपड़े की पोटली में बाँधकर लोहे के डिब्बे में बंद करके किसी अंधेरे स्थान पर रखें।दान-दक्षिणा – चना, केला, गुड़, गेहूँ तथा बेसन के लड्डू का दान लाभ प्रदान करेगा, ऐसा मान्यताएँ कहती हैं।लक्ष्मी पूजन – अपराजिता के पुष्प और उसकी जड़, चमेली का इत्र, शहद और कमलगट्टे से लक्ष्मी का पूजन सुख देगा।अनुकूल लक्ष्मी मंत्र – ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मीवासुदेवाय नमः।ग्रह मंत्र – ॐ बुं बुधाय नमः।
तुला के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
महालक्ष्मी वर्षारंभ पर राशि स्वामी श्वेतवर्णी शुक्रदेव कन्या में उपासना करेंगे और जीवन के सफ़्हों पर सतरंगी रंग भरेंगे। ताम्रपाद का षष्ठ शनि मीन राशि में मुस्कुरा रहा है, कर्ज़ से मुक्ति की योजना बना रहा है। यह शनि करियर को आसमान और परों को उड़ान देगा। लौहपाद का पंचम राहु कुंभ राशि में और एकादश केतु सिंह राशि में विराज कर व्यापार में विस्तार कर रहे हैं। लौह चरण के दशम बृहस्पति कर्क राशि में धूनी रमाएँगे, भेलपुरी जैसी मीठी-तीखी दोनों खबरें लाएँगे। 4 दिसंबर को जब गुरु टेढ़ी चाल से मिथुन राशि में जाएगा, लौहपाद का नवम गुरु धन उगाएगा और जहाँ से उम्मीद न हो, वहाँ से भी फ़ायदा कराएगा।
1 जून 2026 को रजतपाद का दशम गुरु कर्क में जाएगा, करियर में असंतोषजनक परिस्थितियों से रूबरू कराएगा। 31 अक्टूबर को गुरु सिंह में पग धरेगा, रजत चरण का एकादश गुरु रुके हुए काम को गति देगा। इस वर्ष ग्रहयोग जेब में ऐसा छिद्र करेंगे कि बचत कपूर की तरह उड़ जाएगी। प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न लगेगा। परिवार में भिन्न-भिन्न मत खिन्न करेंगे। साल के उत्तरार्ध में बड़े पद या सम्मान की सुगबुगाहट महसूस होगी। अगला वर्ष चाट की तरह खट्टे और मीठे दोनों प्रकार की मसालेदार अनुभूतियों का सृजन करेगा। चैन और बेचैनी दोनों गढ़ेगा। विचारशीलता में विस्तार होगा। प्रतिद्वंद्वियों का षड्यंत्र तार-तार होगा।
पढ़ाई-लिखाई – विद्यार्जन में इस वर्ष विघ्न उठेंगे और कई बार विघ्न करीब आकर गुज़र जाएंगे। एकाग्रता और कठिन परिश्रम से सफलता करीब आएगी।काम-धंधा – संपत्ति व कारोबार में लाभ होगा। विदेशों से करियर के लिए शुभ समाचार प्राप्त होंगे। अस्थायी उलटी परिस्थितियाँ ठोकरों से तराश और संवारकर आपको काबिल बनाएँगी।सेहत का हाल-चाल – कमर, पीठ, सिर, चेहरे, मुख, दाँत और हड्डियों में कष्ट संभव है।आर्थिक स्थिति - धन की प्राप्ति होगी। धातु के व्यापार में लाभ होगा। निवेश में उत्तम लाभ होगा।
उपाय – भोजन का प्रथम ग्रास गाय या अग्नि को अर्पित करने के साथ, सूर्य को लाल मिर्च के बीज युक्त जल अर्घ्य दें।दान-दक्षिणा – मेवे, मिठाइयाँ और बेसन के लड्डुओं का दान लाभकारी होगा, ऐसा मान्यता है।लक्ष्मी पूजन – जटामासी व गुग्गुल का धूम्र, नागकेसर, गुड़, शहद, धनिया के बीज और कमलगट्टे से पूजन करें।अनुकूल लक्ष्मी मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्रिये नमः।ग्रह मंत्र – ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
वृश्चिक के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
महालक्ष्मी वर्षारंभ पर राशि स्वामी, ऊर्जा के पुंज एवं शिवभूमि के पुत्र भौम, त्रिशूल, गदा, पद्म और माला लेकर शुक्र की राशि तुला में भौतिक सुखों का बीजारोपण कर रहे हैं। जीवन के पाषाण पर अनुभवों की छैनी-हथौड़ी से आनन्द गढ़ रहे हैं।स्वर्णचरण का पंचम शनि मीन राशि में बैठकर संतान के प्रति चिन्ता का सृजन कर रहा है। स्वर्णचरण के चतुर्थ राहु कुंभ राशि में और दशम केतु सिंह राशि में विराजमान होकर परों को धार तथा कारोबार को विस्तार देंगे। अपने परायों सा व्यवहार करेंगे।स्वर्णपाद का नवम गुरु कर्क राशि में सात समंदर पार से नए अवसरों से रूबरू कराएगा और विदेशयात्रा का योग संयोग बनाएगा।
4 जनवरी को ताम्रपाद का अष्टम बृहस्पति उल्टी चाल लेकर मिथुन में कदम बढ़ायेंगे , तो प्रतिष्ठा पर काले बदरा मंडराएंगे। 1 जून 2025 को गुरु कर्क में चरण रखेगा , स्वर्ण पाद का नवम गुरु जेब की तपिश से मस्त करेगा। 31 अक्टूबर 2025 को लौपाद का दशम गुरु सिंह में जाएगा, करियर में असंतोष उगाएगा। कोई उम्मीद गुब्बारे की तरह फूलकर अस्थायी सुकून देगी और धीरे-धीरे पिचक भी जाएगी। उच्च पद का योग-संयोग बनेगा। करीबी लोगों के विश्वासघात के बाद भी आपका आत्मविश्वास बुलंद रहेगा। अनोखे अहसास और मानसिक त्रास दोनों की बेजोड़ जुगलबंदी होगी। जेब भारी, स्वास्थ्य हल्का रहेगा। अगले वर्ष गैर नहीं, अपने ही आपकी बेचैनी का कारण होंगे।
पढ़ाई लिखाई– उच्च शिक्षा के प्रयास में चुनौतियाँ समाप्त होंगी। चिकित्सा के विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल है।
काम धंधा– कारोबार में सही अनुमान चमत्कृत परिणाम देंगे। कारोबार में कोई अनुबंध चमत्कार करेगा।
सेहत का हाल चाल – समय का पहिया सेहत के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दे रहा है। उदर कष्ट और पृष्ठ भाग में पीड़ा संभव है।आर्थिक स्थिति– अचानक आर्थिक लाभ होगा। अचल संपत्ति से जुड़ी कोई उलझन आएगी। जल और विदेशों से लाभ मिलने की संभावना है।
उपाय – मछलियों को भोजन देने तथा विकलांग और अक्षम लोगों को भोजन अर्पित करें। लक्ष्मी पूजन – पश्चिम की ओर मुख करके धनिया के बीज, गुग्गुल-जटामासी, चमेली के इत्र और लाल कनेर से पूजन करें।दान-दक्षिणा – छोटी कन्याओं को श्रृंगार सामग्री एवं श्वेत उपहार, चावल, शक्कर और सफेद वस्त्र दान करें।अनुकूल लक्ष्मी मंत्र – श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।ग्रह मंत्र – ॐ अं अंगारकाय नमः।
धनु के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल
महालक्ष्मी वर्ष के आरम्भ में धनु राशि का स्वामी स्वामी बृहस्पति कर्क राशि में गतिशील हैं। ताम्रचरण का यह अष्टम गुरु जेब में सुराख करके धन का बंटाधार करेगा। खर्च बढ़ेगा। सम्मान पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास होगा। 4 दिसंबर को गुरु वक्री होकर मिथुन में जाएगा, तब स्वर्णचरण का सप्तम गुरु साझेदारों के सहयोग से धन उगाएगा। 1 जून 2026 को जब गुरु कर्क में जाएँगे, लौह चरण के अष्टम गुरु पीड़ा पहुँचायेंगे। प्रतिष्ठा और बचत में कृष्ण पक्ष के चंद्रमा की तरह कमी परिलक्षित होगी। 31 अक्टूबर 2026 को जब गुरु सिंह में जाएगा , ताम्र पाद का नवम गुरु छप्पर तो नहीं फाड़ेगा पर पैसा बरसाएगा। रजतचरण के चतुर्थ शनि मीन राशि में कदम बढ़ाएंगे, विरोधी माथा घुमाएँगे। ताम्रपाद का तृतीय राहु कुंभ में और नवम केतु सिंह में बैठकर गलत फैसलों का सबब बनेगा। जीवन की बगिया में चैन और बेचैनी दोनों साथ साथ उगेंगे। किसी की उलटी सलाह से आपका बना बनाया खेल ख़राब हो जाएगा। संतान के विचित्र कारनामें मन कम मोहेंगे, खीज ज़्यादा पैदा करेंगी। विदेशी सम्पर्क से खुल जा सिमसिम की मानिंद लाभ का द्वार खुलेगा। आंतरिक गुणों पर जमी धुँध कुछ-कुछ छंटेगी और आपकी सुप्त कुशलता निखरेगी। इस बरस आपकी वाणी नहीं, मौन मुखर होगा। जगमगाते दीयों से इस साल रोशनी से ज़्यादा उम्मीदें प्रस्फुटित होंगी। प्रतिद्वंदी पहले तो अनार की तरह भभकेंगे, फिर चुपके से गीली फुलझड़ियों की मानिंद फुस्स हो जाएंगे।
पढ़ाई लिखाई – शिक्षा में इस बरस कुछ चुनौतियाँ दरपेश आएँगी, पर एकाग्रता और कठिन परिश्रम से आप इस पर जीत हासिल कर लेंगे।काम धंधा– करियर को चमकाने के कई मौके आपका दर खटखटाएँगे। धातु के कारोबार में पहले लाभ फिर हानि होगी। जॉब में परिवर्तन की संभावना है।सेहत का हाल चाल – सेहत पर नकारात्मक असर पड़ेगा। त्वचा संबंधी विकार , मधुमेह और ब्लड प्रेशर परेशान करेंगे। दुर्घटनाओं के प्रति सचेत रहें।आर्थिक स्थिति– आर्थिक जोखिम से क्षति संभव है। लंबे समय के निवेश और किसी परिजन की वसीयत से फ़ायदा होगा।
उपाय – दैहिक रूप से अक्षम व वृद्ध लोगों को तैलीय भोजन अर्पित करें।लक्ष्मी पूजन – कमल पुष्प, अपराजिता की जड़, गुलाब इत्र, अनार, श्वेत तिल से पूजन आनंद देगा।दान-दक्षिणा – गुड़, तिल, मेवे की मिठाइयाँ और बेसन के लड्डू के दान से लाभ होगा।अनुकूल लक्ष्मी मंत्र – ॐ विष्णुप्रियायै नमो नमः।ग्रह मंत्र – ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नमः।
मकर के लिए महालक्ष्मी वर्ष 2025-26 का वार्षिक राशिफल

महालक्ष्मी साल के आरम्भ में राशिस्वामी शनि मीन में है। लौहचरण का तृतीय शनि के कारण व्यापारिक यात्राओं से खन-खनाकर अर्थलाभ होगा। रजतचरण के द्वितीय राहु कुंभ में और अष्टम केतु सिंह में हैं। दिमाग़ गर्म होगा, रिश्ते नरम होंगे। अपने परायों सा बर्ताव करेंगे। नाते-रिश्ते प्लास्टिक के फूल की मानिंद महसूस होंगे। रजतपाद का सप्तम गुरु कर्क में चलायमान हैं। पार्टनर का सहयोग कारोबारी हितों को आसमान देगा और लाभ को नया मुकाम देगा। 4 दिसंबर को गुरु जब वक्री चाल से मिथुन में जाएँगे, क़र्ज़ में उलझाएँगे। 1 जून 2026 को गुरु कर्क में जाएगा, स्वर्णपाद का सातवां गुरु साझेदारों के सहयोग से धन वृद्धि कराएगा। जीवनसाथी को स्वास्थ्य कष्ट मुमकिन है। 31 अक्टूबर को बृहस्पति सिंह में जाएँगे, स्वर्णचरण के अष्टम गुरु के कारण प्रतिष्ठा पर काले काले बदरा मँडराएँगे। विदेशी सम्पर्कों से जेब में तपिश होगी। रुतबा बढ़ेगा। विचारशीलता गहन होगी और आप अपने में मगन रहेंगे। बौद्धिक समृद्धि बढ़ेगी। सुख का अप्रतिम विस्तार होगा। भावुकता में इजाफा होगा। पानी की बूँदें बादलों से नहीं, आपकी आँखों से भी छलकेंगी। किसी के विवाद में मध्यस्थता न करें, अन्यथा हवन में हाथ जलेगा। कोई उम्मीद ग़ुब्बारे की तरह फूलकर सुकून देगी। आप पुरअसर होंगे, विरोधी बेअसर।
पढ़ाई लिखाई – अध्ययन में उलझनें प्रकट होंगी। परीक्षा के परिणाम मध्यम से बेहतर होंगे। उच्च शिक्षा के प्रयास सुखद रहेंगे।काम धंधा– करियर से अच्छी खबर आएगी। आपकी लेखनी कमाल करेगी। ऑफिस में ईर्ष्या से आपका आभामंडल कुम्हलाएगा।अपने पराए– संबंधों के प्रति सचेत रहें। मुश्किल समय है। दाम्पत्य सुख में कमी परिलक्षित होगी। संतान से प्रेम गहरा होगा।सेहत का हाल चाल – मांसपेशियों और जोड़ों में पीड़ा होगी। त्वचा में किसी पदार्थ से एलर्जी या खुजली हो सकती है। मधुमेह और रक्तचाप के प्रति सतर्क रहें।आर्थिक स्थिति– अर्थलाभ होगा। लंबे समय के निवेश के परिणाम हर्षित करेंगे। रियलिटी में निवेश न करें।
उपाय – काली बांसुरी में गुड़ भरकर भूमि प्रवाहित करें। चींटियों को गुड़ अर्पित करें। घर में चंदन के तेल मिश्रित जल से पोंछा लगाएं।दान-दक्षिणा – तेल के खाद्य पदार्थ, काले वस्त्र, लोहे की वस्तु, गुड़ और गेहूं का दान, नेत्रहीन लोगों की सेवा, कपिला गाय को हरी घास से लाभ होगा।लक्ष्मी पूजन – कमल पुष्प, अपराजिता की जड़, गुलाब इत्र, अनार, श्वेत तिल से पूजन सुख देगा।
अनुकूल लक्ष्मी मंत्र – ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहाग्रह मंत्र – ॐ श्रीं प्रां प्रीं प्रौं सः शं शनैश्चराय नमः।
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