भारतीय उद्योग जगत में मार्च माह में व्हाइट-कॉलर नौकरियों के लिए नियुक्ति की वृद्धि दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वार्षिक आधार पर यानी पिछले मार्च की तुलना में इस दर में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यह दर तेजी से बढ़ी है, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र में 78 प्रतिशत की वृद्धि दर के कारण। एक निजी शोध संस्थान के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मार्च में समाप्त छह माह में यह वृद्धि दर भी 23 प्रतिशत दर्ज की गई है। इससे पहले, 2024 की अंतिम तीन तिमाहियों में व्हाइट कॉलर जॉब हायरिंग की वृद्धि दर में काफी गिरावट आई थी। अक्टूबर 2024 से पहले यह वृद्धि दर अधिक थी, लेकिन अक्टूबर से दिसंबर 2024 तक यह वृद्धि दर 10 प्रतिशत से नीचे रही। जिसके बाद 2025 में यह वृद्धि दर फिर से बढ़ी और फरवरी में भी यह वृद्धि दर लगभग मार्च के बराबर ही रही। विकास दर में इस वृद्धि के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। विनिर्माण क्षेत्र में इंजीनियरिंग और गुणवत्ता नियंत्रण उपकरणों की मांग बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए विभिन्न प्रोत्साहन लाभों की घोषणा के बाद एमएसएमई इकाइयों में नियुक्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नियुक्तियों में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से वडोदरा और कोच्चि जैसे छोटे शहरों में, दोनों शहरों में मासिक नियुक्ति वृद्धि क्रमशः 4 प्रतिशत और 3 प्रतिशत रही है। विनिर्माण के बाद फार्मा-हेल्थकेयर, बीएफएसआई, लॉजिस्टिक्स और परिवहन, तथा रियल एस्टेट ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें सबसे अधिक नियुक्ति वृद्धि देखी गई है, जिनमें क्रमशः 62 प्रतिशत, 57 प्रतिशत, 46 प्रतिशत तथा 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अमेरिकी टैरिफ से भारत के लिए खुलेंगे नए बाजार, रोजगार भी बढ़ेगा
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका ने कई देशों, विशेषकर भारत के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों जैसे चीन, वियतनाम, थाईलैंड, बांग्लादेश आदि पर उच्च टैरिफ लगाए हैं, जिससे भारतीय उद्योगों को निर्यात के लिए नए बाजार उपलब्ध होने की संभावना है। इस अवसर को पहचानते हुए, भारतीय कंपनियां बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पहले से ही उत्पादन प्रबंधकों, गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियरों, आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषकों और रोबोटिक्स और स्वचालन विशेषज्ञों को नियुक्त कर रही हैं।
आईटी क्षेत्र में विशेषज्ञों की मांग बढ़ गई है। विशेषज्ञ आगे बताते हैं कि विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियां वर्तमान में भारत में अपने वैश्विक क्षमता केंद्र विकसित कर रही हैं, जिसके कारण आईटी क्षेत्र में सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग भी बढ़ी है। मार्च में आईटी क्षेत्र में भी भर्ती में साल-दर-साल 43 प्रतिशत और महीने-दर-महीने 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आईटी क्षेत्र में विभिन्न कौशल की मांग में वृद्धि की बात करें तो क्लाउड कंप्यूटिंग की मांग में 17 प्रतिशत, एआई-एमएल की मांग में 15 प्रतिशत, डेटा साइंस की मांग में 13 प्रतिशत और साइबर सुरक्षा की मांग में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
The post first appeared on .
You may also like
छात्र हेमंत पटेल हत्याकांड को लेकर अपना दल कमेरावादी में उबाल,सिराथु विधायक धरने पर बैठी
एशियन अंडर-15 और अंडर-17 बॉक्सिंग चैंपियनशिप : भारत ने पक्के किए 43 पदक
स्किन ब्राइटनिंग के लिए बड़ा असरदार है 2 पाउडर से तैयार पैक, खिल उठेगा चेहरे का निखार
मक्खन के जैसे पिघलेगा फैट,मसल्स रहेंगी मजबूत, बस फॉलो करें ,ये 3 डाइट हैक्स, रिसर्च ने किया खुलासा
यौन ताकत के लिए नाश्ते में दुर्लभ चिड़िया...सऊदी की यह चमचागीरी बिलावल भुट्टो के पाकिस्तान को भारत से बचा पाएगी?