देवबंद:भारत और अफगानिस्तान के रिश्तों में एक नया और बेहद अहम अध्याय जुड़ गया है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री,मुत्ताकी आमिर खान,एक महत्वपूर्ण दौरे पर भारत पहुंचे,लेकिन उनका यह दौरा पारंपरिक राजनयिक दौरों से बिल्कुल अलग था। दिल्ली के बजाय,उन्होंने सीधे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थानदारुल उलूम देवबंदका रुख किया। इस कदम को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है।क्या कहा तालिबानी विदेश मंत्री ने?दारुल उलूम में अपने स्वागत के बाद,विदेश मंत्री मुत्ताकी ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की उम्मीद जताई। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा विकास पर ध्यान दिया है और दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की एक अच्छी नीति अपनाई है।उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की नई सरकार दुनिया के सभी देशों,खासकर अपने पड़ोसी भारत के साथ,सकारात्मक और मजबूत संबंध बनाना चाहती है। मुत्ताकी ने अफगानिस्तान की आजादी की लड़ाई में देवबंद के ऐतिहासिक योगदान को भी याद किया और भारत द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।मौलाना अरशद मदनी ने भी कही दिल की बातइस मौके पर दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अफगानी विदेश मंत्री का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता आज का नहीं,बल्कि सदियों पुराना है। मौलाना मदनी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही किदेवबंद की विचारधारा हमेशा से हर तरह के आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान में शांति और विकास का एक नया दौर शुरू होगा।यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं है,बल्कि यह तालिबान सरकार द्वारा भारत के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों के जरिए एक नई शुरुआत करने का संकेत है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया अफगानिस्तान को लेकर बंटी हुई है,तालिबानी विदेश मंत्री का यह देवबंद दौरा आने वाले समय में दोनों देशों के रिश्तों की नई दिशा तय कर सकता है।
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