नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों की मदद करने वाले एक शख्स को सेना ने हिरासत में लिया था। पूछताछ में उसने आतंकियों को खाना देने और उनकी मदद की बात कबूली। उसके बाद सेना उसे लेकर आतंकी ठिकाने की ओर जा रही थी तभी उसने रास्ते में एक नदी में छलांग लगा दी। नदी में पानी का बहाव इतना तेज था कि उसकी डूबने से मौत हो गई। मृतक का नाम इम्तियाज अहमद माग्रे था और उसकी उम्र लगभग 23 साल के आसपास बताई जा रही है। नदी में छलांग लगाते हुए उसका एक वीडियो भी ड्रोन कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है।
उधर इम्तियाज अहमद माग्रे का नदी से शव मिलने के बाद उसकी मौत को लेकर परिवार वाले और जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल सेना पर आरोप लगा रहे हैं। हालांकि सेना का कहना है कि वह आतंकियों का ओवर ग्राउंड वर्कर था और काफी समय से उनकी मदद कर रहा था। सुरक्षाबलों ने उसे 3 मई को हिरासत में लिया था। सुरक्षाबलों के मुताबिक उसकी निशानदेही पर एक आतंकी ठिकाने का पता चला था और दूसरे ठिकाने को दिखाने के लिए वो हमें लेकर जा रहा था तभी उसने नदी में छलांग लगा दी।
संभवत: उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि नदी में वो डूब जाएगा और दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि अगर वो सेना को आतंकियों का ठिकाना दिखा देता तो दहशतगर्दों के मंसूबों पर पानी फिर जाता और वो खुद आतंकियों के निशाने पर आ जाता। उधर, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस पूरे मामले को उठाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। जम्मू कश्मीर सरकार में मंत्री सकीना इटू मृतक युवक के घर पहुंचीं और परिवारवालों से संवेदना जताई। उन्होंने कहा कि मैं एलजी से अनुरोध करती हूं इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाए।
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