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तो इसलिए राम जी की पूजा से पहले करते हैं हनुमान जी को याद, सामने आया द्वापर युग से कनेक्शन

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भारत की धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं में कई गूढ़ रहस्य छिपे हुए हैं। इनमें से एक सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है – "राम जी की पूजा से पहले हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है?" यह परंपरा देशभर में प्रचलित है, लेकिन इसके पीछे का आध्यात्मिक और पौराणिक रहस्य हाल ही में एक वायरल वीडियो के माध्यम से सामने आया है। वीडियो में दिखाया गया है कि इस परंपरा की जड़ें द्वापर युग से जुड़ी हुई हैं।

वायरल वीडियो ने खोले राम-हनुमान भक्ति के रहस्य

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक पंडित ने यह बताया कि हनुमान जी को “रामभक्तों में सर्वश्रेष्ठ” माना गया है और राम जी के परम सेवक होने के कारण हर पूजा-पाठ से पहले हनुमान जी को याद करना आवश्यक होता है। वीडियो में यह भी बताया गया कि द्वापर युग के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस तथ्य को स्वीकारा था कि हनुमान जी की भक्ति अद्वितीय है और उनकी उपस्थिति के बिना श्रीराम की पूजा अधूरी मानी जाती है

द्वापर युग में श्रीकृष्ण और भीम के सामने प्रकट हुए हनुमान

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भीम जंगल में अपनी शक्ति पर गर्व कर रहे थे, तब उन्हें विनम्रता सिखाने के लिए हनुमान जी वृद्ध वानर का रूप लेकर रास्ते में लेट गए। जब भीम ने उन्हें हटने को कहा, तो हनुमान जी ने कहा कि अगर शक्ति है तो खुद उनकी पूंछ हटा लें। भीम अपनी पूरी ताकत लगाकर भी पूंछ नहीं हटा सके। तभी हनुमान जी ने अपना विराट रूप दिखाया और कहा कि वे वही हैं जिन्होंने त्रेता युग में राम जी की सेवा की थी। यह घटना दर्शाती है कि हनुमान जी सभी युगों में उपस्थित रहते हैं और शक्ति और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं

राम से पहले हनुमान क्यों?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को 'चिरंजीवी' यानी अमर माना गया है। उन्हें आज भी जीवित माना जाता है और यह माना जाता है कि जहां भी राम कथा होती है, वहां हनुमान जी सबसे पहले पहुंचते हैं। यही कारण है कि राम जी की आराधना से पहले हनुमान जी की स्तुति की जाती है, ताकि वे पूजा में उपस्थित हों और भक्तों की प्रार्थना राम जी तक पहुंचा सकें।

हनुमान जी की विशेषता
  • राम भक्तों में सर्वोच्च: तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा में लिखा है – "राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे" – यानी हनुमान जी राम दरबार के द्वारपाल हैं और उनकी अनुमति के बिना कोई राम जी तक नहीं पहुंच सकता।

  • संकटमोचन: भक्तों का विश्वास है कि हनुमान जी हर संकट से रक्षा करते हैं। उनके नाम का स्मरण मात्र से ही डर और नकारात्मकता दूर हो जाती है।

  • रामायण के सूत्रधार: रामायण के हर महत्वपूर्ण मोड़ पर हनुमान जी की उपस्थिति रही है – सीता माता की खोज से लेकर अशोक वाटिका में लंका दहन, लक्ष्मण के लिए संजीवनी लाना, राम-रावण युद्ध में विजय तक।

धार्मिक प्रक्रिया में प्राथमिकता

भारत में किसी भी बड़े धार्मिक अनुष्ठान या राम कथा के आयोजन में सबसे पहले हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इसे यह मान्यता है कि हनुमान जी को प्रसन्न किए बिना श्रीराम की कृपा नहीं मिल सकती। इसके साथ ही पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को राम जी के बाईं ओर रखा जाता है, क्योंकि वह राम भक्तों में सबसे प्रिय स्थान रखते हैं।

निष्कर्ष

वायरल वीडियो ने एक बार फिर उस आस्था और परंपरा को जीवंत कर दिया है, जिसे पीढ़ियों से निभाया जा रहा है। यह सिर्फ एक धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि राम-हनुमान के अनन्य संबंध का प्रतीक है। आज के युग में जब लोग अपनी आस्थाओं को तर्क और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहते हैं, ऐसे में इस तरह के वीडियो नई पीढ़ी को धार्मिक ज्ञान और परंपरा से जोड़ने का माध्यम बनते जा रहे हैं

तो अगली बार जब भी आप श्रीराम का नाम लें, उससे पहले हनुमान जी को जरूर याद करें, क्योंकि वही हैं जो भक्त और भगवान के बीच सेतु का कार्य करते हैं।

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