अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर के खिलाफ छात्रा को आपत्तिजनक संदेश भेजने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जांच में सामने आ रहा है कि प्रोफेसर आठ छात्राओं को संदेश भेजता था। उनसे लंबी बातचीत करता था। दोस्ती करने के लिए कहता था। अच्छे नंबर और पास कराने का लालच देता था। बुधवार को छात्रा द्वारा पुलिस को भेजी गई शिकायत और गुरुवार को हुई घटना के बाद शुक्रवार को दिनभर कॉलेज में इस मामले की चर्चा होती रही। इस बीच छात्राओं की ओर से यह तथ्य सामने आया कि आरोपी प्रोफेसर की करतूतों की जानकारी कई प्रोफेसरों को थी। लेकिन बदनामी और बदनामी से बचने के लिए वे चुप रहीं, क्योंकि यह स्टाफ का मामला था। नतीजा यह हुआ कि तीन साल पहले यानी 2020-22 सत्र में एमए की एक छात्रा ने इस प्रोफेसर की ऐसी हरकतों से तंग आकर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। उसने यह विषय दूसरे प्रोफेसर को भी बताया। हालांकि, उन्होंने उसे इसे नजरअंदाज करने या पैनल में शिकायत करने की सलाह दी। लेकिन छात्रा ने पढ़ाई छोड़ दी।
छात्र ने महिला अधिकारी को बताई यह बात
अब बुधवार को शिकायत भेजने वाली छात्रा ने दिसंबर में अपने व्हाट्सएप के जरिए कॉलेज की महिला अनुशासन अधिकारी को प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत भेजी थी। लेकिन महिला अनुशासन अधिकारी ने इस शिकायत में कोई सबूत न होने की बात कहकर मामले को बंद कर दिया। इस दौरान छात्रा और महिला अधिकारी के बीच करीब दस मिनट तक व्हाट्सएप कॉल हुई। शिकायत के साथ छात्रा ने ये चैट भी पुलिस को भेजी हैं।
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