ज्योतिषीय दृष्टि से 1 जून 2025 को कुछ राशियां विशेष रूप से प्रभावित होंगी। इन राशियों को इस दिन काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दिन षष्ठी तिथि शाम 7:59 बजे तक रहेगी, फिर सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। आश्लेषा नक्षत्र रात 9:36 बजे तक रहेगा, उसके बाद मघा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। ध्रुव योग सुबह 9:11 बजे तक रहेगा, उसके बाद व्याघात योग शुरू हो जाएगा। कौलव करण सुबह 8:00 बजे तक, तैतिल शाम 7:59 बजे तक और उसके बाद गर करण शुरू हो जाएगा। चंद्रमा रात 9:38 बजे तक कर्क राशि में रहेगा, फिर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार शुक्र मेष राशि में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल कर्क राशि में, केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। आइए जानते हैं ग्रह-नक्षत्रों की इस स्थिति के कारण 1 जून का दिन किन राशियों के लिए ठीक नहीं रहेगा?
मेष राशि
दिन के आरंभ में चंद्रमा का कर्क राशि में होना और फिर सिंह राशि में गोचर करना मेष राशि वालों के लिए मानसिक तनाव और अनिश्चितता का कारण बन सकता है, क्योंकि चंद्रमा उनके चतुर्थ और पंचम भाव को प्रभावित करेगा। इससे संतान, शिक्षा या रचनात्मक कार्यों में बाधा आ सकती है। मीन राशि में शनि की उपस्थिति साढ़ेसाती के पहले चरण को दर्शाती है, जो मेष राशि वालों के लिए स्वास्थ्य और वित्तीय समस्याओं का कारण बन सकती है। इससे कड़ी मेहनत के बावजूद काम में देरी, चोट या तनाव जैसी छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं और परिवार या दोस्तों से मतभेद हो सकते हैं। उपाय: सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कर्क राशि
दिन के आरंभ में चंद्रमा की आपकी राशि में उपस्थिति और पूरे दिन मंगल की उपस्थिति भावनात्मक अस्थिरता और तनाव का कारण बन सकती है। सिंह राशि में चंद्रमा का गोचर उनके दूसरे भाव को प्रभावित करेगा, जिससे वित्तीय मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। मीन राशि में शनि की उपस्थिति स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों में चुनौतियां ला सकती है। इस दिन परिवार या जीवनसाथी से मतभेद, सिरदर्द या थकान जैसी स्वास्थ्य समस्याएं और अनावश्यक खर्च की उम्मीद की जा सकती है। उपाय: शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
कन्या राशि
चंद्रमा का कर्क राशि से सिंह राशि में गोचर कन्या राशि के बारहवें और ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे अनावश्यक खर्च, मानसिक अशांति और मित्रों या सामाजिक दायरे में तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की स्थिति आपको किसी छुपे हुए शत्रु या अनजाने में होने वाले नुकसान का भय देगी। शनि की मीन राशि में उपस्थिति सातवें भाव को प्रभावित करती है, जिससे वैवाहिक जीवन या साझेदारी में छोटे-मोटे विवाद हो सकते हैं। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, खासकर पेट या त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं और इस दिन कार्यस्थल पर अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सकते हैं। उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और मूंग का दान करें।
वृश्चिक
चंद्रमा का सिंह राशि में गोचर वृश्चिक राशि के दसवें भाव को प्रभावित करेगा, जो करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित है। मंगल का कर्क राशि में होना और शनि का मीन राशि में होना पांचवें भाव को प्रभावित करता है, जिससे संतान, शिक्षा या रचनात्मक कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। आज कार्यस्थल पर अचानक चुनौतियां या गलतफहमियां आ सकती हैं। मानसिक तनाव, स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव और परिवार या सहकर्मियों के साथ तनाव इस दिन हो सकता है। उपाय: हनुमान मंदिर में लाल मसूर की दाल का दान करें।
मकर राशि
सिंह राशि में चंद्रमा का गोचर मकर राशि के आठवें भाव को प्रभावित करेगा, जो रहस्य, परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़ा है। इससे अचानक चोट या तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याएं और अनावश्यक जोखिम हो सकते हैं। मीन राशि में शनि की उपस्थिति तीसरे भाव को प्रभावित करती है, जिससे भाई-बहनों से मतभेद हो सकते हैं या छोटी यात्राओं में बाधा आ सकती है। मानसिक अशांति, वित्तीय मामलों में सावधानी की आवश्यकता और कार्यस्थल पर देरी का सामना इस दिन करना पड़ सकता है। उपाय: शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं।
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