शहर के तोपदड़ा स्थित केंद्रीकृत रसोईघर से सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए भेजे जाने वाले मिड डे मील (पोषाहार) में एक बार फिर फर्जीवाड़े के आरोप सामने आए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुनील लारा ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर लोकबंधु को ज्ञापन सौंपते हुए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ गड़बड़ी का मामला नहीं, बल्कि बच्चों के आधिकार और पोषण से जुड़ा संवेदनशील मामला है।
सुनील लारा ने अधिकारियों से अपील की कि रसोईघर और वितरण प्रणाली की सख्ती से जांच की जाए ताकि किसी भी प्रकार की गलतफहमी या भ्रष्टाचार सामने आने पर तुरंत कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों का कहना है कि मिड डे मील योजना का उद्देश्य शिक्षा और पोषण दोनों सुनिश्चित करना है। यदि इसमें गड़बड़ी होती है, तो यह सीधे छात्रों के स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित कर सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि मामले की तत्काल जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी सरकारी रसोईघर और वितरण केंद्रों में नियमित निरीक्षण किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इस मामले ने यह संदेश दिया है कि शिक्षा और पोषण योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है। कांग्रेस की मांग और प्रशासनिक कार्रवाई दोनों इस दिशा में कदम साबित होंगे।
इस प्रकार, अजमेर में मिड डे मील में फर्जीवाड़े के आरोप ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और सरकारी योजनाओं में निगरानी की आवश्यकता को फिर से उजागर कर दिया है।
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