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नो एसआईआर, नो इलेक्शन : बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु की राज्य सरकार को चेतावनी

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कोलकाता, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) नहीं होगा, तब तक राज्य में चुनाव नहीं होने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस अवैध नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना चाहती है, इसी कारण एसआईआर का विरोध कर रही है।

भाजपा कार्यालय, साल्टलेक में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अधिकारी ने कहा कि बिहार के बाद पश्चिम बंगाल और देशभर में भी विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस इसका जोरदार विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि हम भाजपा का रुख साफ करना चाहते हैं—नो एसआईआर, नो इलेक्शन। तृणमूल जितना इसका विरोध करेगी, यह प्रक्रिया उतनी ही लंबी खिंचेगी और इसके गंभीर परिणाम होंगे।

अधिकारी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई रैलियों में इसके खिलाफ बयान दे चुकी हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस बार-बार अदालत का दरवाजा खटखटा रही है। पहले सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में एसआईआर को लेकर याचिका दी थी और बाद में राज्य सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बन गई। अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘‘यह साफ है कि वे मृत मतदाताओं के नाम हटाने के बजाय डुप्लीकेट वोटर, दोहरी प्रविष्टियों वाले मतदाता, बांग्लादेशी मुसलमान और रोहिंग्या को सूची में शामिल करना चाहते हैं।’’

भाजपा नेता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ऐसे लोगों को फर्जी वोटर कार्ड बनवाने में मदद करती रही है, ताकि वे एक बार कूचबिहार, फिर मालदा, उसके बाद डायमंड हार्बर और आखिर में भवानीपुर में वोट डाल सकें। अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2002 में जब पश्चिम बंगाल में एसआईआर हुआ था, तब 26 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे इसे इसलिए रोक रहे हैं क्योंकि उनका पूरा गणित इसी पर टिका है। लेकिन हम स्पष्ट कहना चाहते हैं—जब तक एसआईआर नहीं होगा, चुनाव भी नहीं होगा।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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