हमीरपुर,10 अगस्त (हि.सं.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बा में बीते कई दशकों तक धूमधाम से मनाया जाने वाला कजलियां उत्सव धीरे धीरे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। कुछ समझ पहले इस उत्सव में जहां महिलाओं की संख्या हजारों में होती थी अब घटकर दर्जनों में रह गई है।
बताते चलें कि बुंदेलखंड की कजली परंपरा को मनाते हुए मौदहा कस्बा के ओरी तालाब में कुछ दशक पहले तक भव्य उत्सव होता था जिसमें कस्बा के विभिन्न मोहल्लों से हजारों महिलाएं अपने सिर पर कजलियां रखकर गाजे बाजे के साथ लोक संगीत गाते हुए तालाब में पहुंचती थीं। इस मौके पर तालाब किनारे सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा होती थी जिसमें मेला जैसा लगता था। इतना ही नहीं इस मौके पर नेशनल इंटर कालेज के प्रबंधक लक्ष्मी नारायण आनंद द्वारा दंगल का आयोजन किया जाता था। लेकिन बीते समय के साथ ही अब यह मेला और दंगल सिर्फ औपचारिकता रह गया है। जिसमें कुछ महिलाओं द्वारा आज भी इस परंपरा को जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के चलते रविवार को मौदहा कस्बा के मोहल्ला क्योटरा से कजलियां लेकर महिलाएं गाजे बाजे के साथ ओरी तालाब में पहुंचीं और बुंदेलखंड की इस प्राचीन परम्परा को जीवित रखा है।
—————
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
You may also like
अलग-अलग जेल में थे बंद फिर भी प्रेग्नेंटˈ हो गई लड़की अपनाया ये अजीब तरीका की हिल जायेगा आपका भी दिमाग
Varanasi: दो बच्चों की विधवा मां चुपके-चुपके कर रही थी बॉयफ्रेंड संग रोमांस, बेटे ने देख लिया तो… हो गया खूनी खेल
स्त्री और पैसे में से किसी को चुननाˈ हो तो किसे चुनेंगे आप जानें क्या कहते हैं चाणक्य
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर अजीब खुलासा कुत्तों सेˈ बचने के लिए सेना साथ ले गयी थी तेंदुए का पेशाब
T20 वर्ल्ड कप में खलबली मचाने के लिए भारत में तैयारी कर रही है ये विदेशी टीम, BCCI ने दिखाया बड़ा दिल