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चेक से लेन-देन के नए नियम: पीछे साइन कब है जरूरी, जानें पूरी बात!

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आज के डिजिटल दौर में, जब यूपीआई (UPI) और ऑनलाइन बैंकिंग ने पैसे ट्रांसफर को आसान बना दिया है, तब भी चेक का इस्तेमाल अपनी जगह बनाए हुए है। चाहे बड़े लेन-देन हों या छोटे, चेक अभी भी विश्वसनीय और सुविधाजनक माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चेक से पैसे ट्रांसफर करने के नियमों में छोटी-छोटी गलतियां आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं? खासकर चेक के पीछे साइन करने का नियम, जिसे नजरअंदाज करने पर आपका चेक बाउंस (Cheque Bounce) हो सकता है या पैसा गलत हाथों में जा सकता है। आइए, इस लेख में चेक के नए नियमों को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि कब और क्यों चेक के पीछे साइन करना जरूरी होता है।

चेक: एक शक्तिशाली वित्तीय साधन

चेक सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक ऐसा वित्तीय साधन है, जो बड़े और सुरक्षित लेन-देन को मुमकिन बनाता है। चाहे किराए का भुगतान हो, बिजनेस डील हो या कोई बड़ा खर्च, चेक की मदद से आप आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। अगर आप चेक जारी कर रहे हैं, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप जिसे चेक दे रहे हैं, वह व्यक्ति विश्वसनीय है। गलत हाथों में चेक पड़ने पर आपका बैंक खाता खतरे में पड़ सकता है।

बियरर चेक और साइन की अनिवार्यता

चेक दो तरह के होते हैं- बियरर चेक और ऑर्डर चेक। बियरर चेक वह होता है, जिसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिखा जाता, और इसे कोई भी व्यक्ति बैंक में जमा कर सकता है। ऐसे चेक के पीछे साइन करना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि चेक आपके द्वारा ही दिया गया है। अगर आप बियरर चेक पर पीछे साइन नहीं करते, तो बैंक इसे स्वीकार नहीं करेगा। यह नियम आपके पैसे को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है। उदाहरण के लिए, अगर आपका बियरर चेक चोरी हो जाता है और उस पर आपका साइन नहीं है, तो बैंक लेन-देन को रोक सकता है। इससे आपका पैसा सुरक्षित रहता है (Transaction Safety)।

ऑर्डर चेक में साइन की जरूरत क्यों नहीं?

वहीं, ऑर्डर चेक में किसी खास व्यक्ति का नाम लिखा होता है, जिसके लिए वह चेक जारी किया गया है। इस तरह के चेक में पीछे साइन करने की जरूरत नहीं होती। ऑर्डर चेक को सिर्फ वही व्यक्ति भुना सकता है, जिसका नाम चेक पर लिखा है। यह चेक बियरर चेक की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसे कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता। अगर आप ऑर्डर चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो चोरी या गलत इस्तेमाल का खतरा कम होता है।

गलतियों से बचने के लिए टिप्स

चेक से लेन-देन करते समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सबसे पहले, हमेशा चेक पर सही तारीख और राशि लिखें। अगर आप बियरर चेक जारी कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपने पीछे साइन किया है। इसके अलावा, चेकबुक को सुरक्षित जगह पर रखें और कभी भी खाली चेक पर साइन न करें। अगर आपका चेक गलती से बाउंस हो जाता है, तो आपको बैंक की ओर से जुर्माना (Penalty) भरना पड़ सकता है। साथ ही, आपकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ सकते हैं।

चेक का भविष्य और सावधानी

भले ही डिजिटल पेमेंट्स ने चेक की जगह लेने की कोशिश की हो, लेकिन बड़े लेन-देन में चेक अभी भी एक भरोसेमंद विकल्प है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर चेक से जुड़े नियमों में बदलाव करता रहता है, ताकि ग्राहकों का पैसा सुरक्षित रहे। अगर आप चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो इन नियमों को समझना और उनका पालन करना आपके लिए फायदेमंद होगा। अगली बार जब आप चेक काटें, तो यह जरूर जांच लें कि वह बियरर चेक है या ऑर्डर चेक, और क्या उसमें पीछे साइन करना जरूरी है।

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